एस्ट्रोजन के कारण महिलाओं को पीरियड्स में होती है ये दिक्कत, जानें इसे कैसे कर सकते हैं ठीक?


Periods Problem: कोई भी हेल्दी इंसान की सबसे बड़ी पहचान यह है कि उसका हार्मोन बैलेंस में रहे. खासकर महिलाओं में अगर हार्मोनल चेंजेज हुएं तो उन्हें कई सारी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाएगा. जैसे PCOS, थायराइड, स्किन से जुड़ी समस्याएं, वजन का बढ़ना, समय से पीरियड्स न आना.

खासकर जब महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है तो पीरियड्स और फर्टिलिटी से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती है. एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन बेहद जरूरी है जो शरीर में बढ़े हुए हार्मोन को कंट्रोल करने का काम करती है. आज हम जानेंगे कि एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने से शरीर पर क्या असर होता है?

एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन कैसे करें?

स्ट्रेस कम करने के लिए फीजिकल एक्टिविटी बेहद जरूरी है. योग, फोकस और गहरी सांस लेना. शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल बैलेंस में कर सकता है. डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें. खासकर पत्तागोभी, ब्रोकली, फूलगोभी खाने से शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल कम किया जा सकता है. 

विटामिन बी…एस्ट्रोजन को करता है कम

एस्ट्रोजन के लेवल को कंट्रोल करने के लिए विटामिन बी बेहद जरूरी पोषक तत्व होते हैं. आप अपनी डाइट में शकरकंद, केला, दाल, जैसे विटामिन बी 6 से भरपूर खाने को अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए.  ज्यादा शराब और चीनी से भरपूर खाना खाने से परहेज करना चाहिए. क्योंकि यह शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को बढ़ावा देता है. जिसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं हो सकती है. 

पीरियड्स के दौरान काफी ज्यादा ब्लीडिंग… एस्ट्रोजन के लेवल बढ़ने के कारण होता है. एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ने के कारण पीरियड में कई तरह की दिक्कत होती हैं. 

  This hormone gland is the underrated key to improved health – here’s how to look after it

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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