कार-टी सेल थेरेपी: कैंसर को हराने का नया तरीका


आज हम इस लेख में बात करेंगे एक बहुत ही मह्त्वपूर्ण स्वास्थ्य विकार के बारे में जो कि हैं कैंसर। जैसा की आप सब जानते हैं कि कैंसर आजकल के समय सामान्य हो गया हैं, परन्तु यह अधिक जानलेवा है और इसके कारण कई लोगों की जान भी गई हैं। कैंसर एक ऐसी स्थिति हैं जो शरीर में कही भी हो सकता हैं और जैसे-जैसे इसकी स्टेज बढ़ती हैं यह अधिक घातक होता हैं, जिसके चलते व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती हैं। विश्वभर में कैंसर के लिए ऐसा रामबाण इलाज वैज्ञानिक ढूंढ रहे हैं, जिससे की कैंसर को व्यक्ति के अंदर जड़ से खत्म कर दिया जाए। इसी के चलते भारत को एक नई पहली स्वदेशी सफलता प्राप्त हुई हैं, जिसका नाम है कार-टी सेल थेरेपी। कार-टी सेल थेरेपी भारत में कैंसर रोगियों के लिए अधिक मददगार साबित होगी, तो चलिए जानते हैं कि कार-टी सेल थेरेपी क्या होती हैं और यह किस प्रकार मानव शरीर से कैंसर को खत्म करती हैं।

 

भारतीय ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कार-टी सेल थेरेपी को भारत में मंजूरी दी है। यह खुश खबर देश के चिकित्सकों और रोगियों के लिए है। कार-टी सेल थेरेपी एक उत्कृष्ट चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से कैंसर का इलाज किया जा सकता है। डीसीजीआई की मंजूरी से, भारत में इस प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रोगियों को नया आशा का सामना करने का मौका मिलेगा। इस सामाचार के साथ, भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में नए अवसरों का खुला दरवाजा है।

 

 

 

 

 

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कार-टी सेल थेरेपी हमारे शरीर में पाई जाने वाली एक टी सेल के माध्यम से ही पूरी की जाती हैं। कार-टी सेल थेरेपी का पूरा नाम हैं काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी सेल थेरेपी हैं जो की एक प्रकार की कैंसर इम्यूनोथेरेपी है, जिसमें रोगी की खुद की टी-सेल्स (एक प्रकार की लिम्फोसाइट्स) को उनके खिलाफ लड़ने और कैंसर को नष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।

 

 

 

कार-टी सेल थेरेपी कैसे होती हैं ? (CAR-T Cell therapy kaise hoti hain in Hindi)

 

 

कार-टी सेल थेरेपी की प्रकिया में सबसे पहले शरीर में से ब्लड निकाला जाता हैं क्योकि ब्लड मे पाई जाती हैं टी- कोशिका जिनको टी लिम्फोसाइट्स भी कहा जाता हैं, यह एक प्रकार की वाइट ब्लड सेल कोशिका होती हैं। वाइट ब्लड सेल (white blood cell) हमारे शरीर को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं, और कई संक्रमण और बीमारियों से बचाने में मदद करती हैं।

 

इस प्रक्रिया में ब्लड को निकालने के बाद सेल्स को निकाला जाता हैं, और फिर उसमें से टी- कोशिकाओं को लिया जाता हैं,और लैब में टी-कोशिकाओं को संशोधित (अलग-अलग) किया जाता हैं। लैब में टी-कोशिकाओं में जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर को टी-सेल्स मे इंजेक्ट कर देंगे जिससे की वह कैंसर कोशिकाओं को जाँच ले। टी-सेल्स में बदलाव करने के बाद सेल्स को वापस से मरीज के शरीर में प्रत्यारोपण (transplant) कर दिया जाता है। शरीर में जाने के बाद वह कैंसर कोशिकाओं को ढूंढ़कर उनको नष्ट कर देते हैं और प्रतिरोधक क्षमता (Immunity system) को भी विकसित कर देते हैं जिससे की कैंसर कोशिकाएं आगे चलकर फिर से न उतपन्न हो।

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भारत में कार-टी सेल थेरेपी का खर्च कितना हैं ? (CAR-T Cell therapy cost in India in Hindi)

 

 

कार-टी सेल थेरेपी की लागत भारत में INR 40 लाख से INR 50 लाख तक हैं, जबकि विदेश में कार-टी सेल थेरेपी की लागत 5 करोड़ हैं। कार-टी सेल थेरेपी के उपयोग का खर्च संबंधित चिकित्सा संस्थानों या अस्पतालों के द्वारा निर्धारित किया जाता है।

 

 

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