किडनी शरीर का एक मह्त्वपूर्ण अंग होता हैं शरीर में यूरिन निर्माण से लेकर खून में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों और शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर करने का काम किडनी का ही होता हैं। किडनी से सम्बंधित कोई भी बीमारी का इलाज समय पर करवाना जरुरी होता हैं। यदि किसी मनुष्य के किडनी मैं कोई समस्या हो जाती हैं तो उसके कारण सूजन आ जाती हैं जो की बेहद दर्दनाक होती हैं।
किडनी में सूजन एक ऐसी स्थिति हैं जिसमे किडनी के मुख्य यूनिट में सूजन आ जाती हैं जिससे की किडनी की खून साफ़ करने की क्षमता कम हो जाती हैं और वह ठीक से कम करना बंद कर देती हैं। किडनी में सूजन की समस्या पुरानी बीमारी के कारण या फिर किडनी में इन्फेक्शन के कारण होती हैं।
किडनी में सूजन के 3 प्रकार होते हैं।
- इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस: इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस किडनी की नलिकाओं या नेफ्रोन में होने वाली सूजन की स्थिति को कहा जाता है। इस समस्या में किडनी की नलिकाओं के बीच सूजन आने की समस्या होती है।
- ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस: ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या में किडनी की सूक्ष्म कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। किडनी की कोशिकाएं खून को फिल्टर करने का काम करती हैं और सूजन आने पर ये कोशिकाएं ठीक ढंग से अपना काम नहीं कर पाती हैं।
- पायलोनेफ्राइटिस: किडनी का काम शरीर में यूरिन का निर्माण कर उसे बाहर निकालने के लिए मूत्राशय तक भेजना होता है। किडनी शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी फिल्टर कर बाहर निकालने का काम करती है। पायलोनेफ्राइटिस की समस्या में मूत्राशय और किडनी में सूजन होती है।
किडनी में सूजन आने के लक्षण क्या होते हैं ?
किडनी में सूजन आती हैं तो शुरुआत में लक्षण अधिक गंभीर नज़र नहीं आते जिसकी वजह से व्यक्ति लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देता हैं जो की सही नहीं हैं। किडनी में सूजन आने पर लक्षण कुछ इस प्रकार नज़र आते हैं जैसे की –
- पेशाब के दौरान जलन होना।
- पेशाब में मवाद आना।
- बुखार आना।
- त्वचा पर चकत्ते आना।
- पेशाब के रंग में बदलाव दिखना।
- उल्टी व मलती होना।
- बीपी बढ़ जाना।
- बिना कारण शरीर का वजन बढ़ना।
- गुर्दे के आसपास में दर्द महसूस करना।
- गुर्दे के अलावा शरीर के अन्य भाग यानि हाथ, पैर में सूजन आना।
किडनी में सूजन आने के कारण क्या होते हैं ?
किडनी में सूजन आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की –
- जब कोई मनुष्य किसी शारीरिक समस्या के चलते एंटीबायोटिक्स ले रहा हो तो वह किडनी पर असर कर सकती हैं जिससे की किडनी में सूजन भी आ जाती हैं।
- पथरी होने के कारण भी किडनी में सूजन आ सकती हैं।
- यदि पहले कभी मूत्राशय, किडनी या मूत्रवाहिनी का ऑपरेशन हुआ है तो उससे भी किडनी में सूजन आने की संभावना बनी रहती है।
- खून में पोटैशियम की कमी के कारण भी किडनी में सूजन आ जाती हैं।
किडनी में सूजन आने का इलाज किस प्रकार होता हैं ?
किडनी में सूजन जिसे नेफ्राइटिस भी कहा जाता है इस समस्या में डॉक्टर सूजन की स्थिति और गंभीरता के अनुसार मरीज का इलाज करते हैं। डॉक्टर कुछ मामलों में, दवा के साथ मरीज को थेरेपी भी देते है। हालांकि सामान्य कारणों से किडनी में सूजन की समस्या को इलाज के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। लेकिन आपको इसके लक्षण दिखें तो आपको डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
किडनी में सूजन के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।
किडनी में सूजन के इलाज के लिए मेरठ के बेस्ट अस्पताल।
- सुभारती अस्पताल, मेरठ
- आनंद अस्पताल, मेरठ
किडनी में सूजन के इलाज के लिए हापुड़ के बेस्ट अस्पताल।
- शारदा अस्पताल, हापुड़
- जीएस अस्पताल, हापुड़
- बकसन अस्पताल, हापुड़
- जेआर अस्पताल, हापुड़
- प्रकाश अस्पताल, हापुड़
किडनी में सूजन के इलाज के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल।
किडनी में सूजन के इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के बेस्ट अस्पताल।
- शारदा अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- दिव्य अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
किडनी में सूजन के इलाज के लिए गुरुग्राम के बेस्ट अस्पताल।
किडनी में सूजन के इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के बेस्ट अस्पताल।
- शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
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किडनी में सूजन से बचने के उपाय।
किडनी संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या है, तो उन्हें निश्चित रूप से धूम्रपान करना छोड़ देना चाहिए।
- अगर वजन पर नियंत्रण रखे तो किडनी से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं। संतुलित वजन बनाये रखने से किडनी में सूजन की समस्या से बचा जा सकता है।
- सोडियम की कम मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
- किडनी को प्रभावित करने वाली दवाओं और ज्यादा दर्द की दवाओं का सेवन न करें।
- पेशाब करने या मल त्याग करने के बाद महिलाओं को आगे से पीछे की तरफ अच्छी तरह साफ करना चाहिए।
- हमेशा ढीले अंडरगारमेंट्स व अन्य कपड़े पहने ताकी हवा अंदर जाती रहे। और साफ-सफाई में ध्यान जरूर दे।
- मीट, डेयरी उत्पाद, शराब, कैफीन (चाय-कॉफी) टमाटर, बैंगन, चुकंदर, स्ट्रॉबेरी आदि से परहेज करे।
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