पीरियड्स का होना महिलाओं के शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया होती हैं। पीरियड्स की समस्या महिलाओं को चार से सात दिनों तक रहती हैं तथा यह लगभग हर 28 दिनों में एक मासिक धर्म का चक्र पूरा होता है। पीरियड्स न होने या रुक-रुक कर होने पर महिलाओं में अनेक प्रकार की समस्या देखने को मिलती हैं। यदि किसी महिला को नियमित रूप से मासिक धर्म नहीं होते हैं तो उन्हें इस समस्या को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। आज इस लेख में हम यह जानेंगे की पीरियड्स रुक-रुक कर होने के कारण क्या होते हैं और इसे सही करने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं ?
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पीरियड्स का होना महिलाओं के लिए अत्यधिक आवश्यक होता हैं यदि यह समय पर नहीं आते हैं या फिर खुल कर नहीं हो पाते हैं तो आपको चिकित्सक से अवश्य समपर्क करना चाहिए। पीरियड्स रुक-रुक कर आने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं जैसे की-
दवाइयाँ: यदि आप किसी कारणवश गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करते हैं तो यह आपके मासिक धर्म के चक्र पर अधिक प्रभाव डालता हैं।
तनाव: कहा जाता हैं की तनाव के कारण हमारे शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता हैं जो जिसके कारण पीरियड की शुरुआत में देरी होती है।
वजन में परिवर्तन: अधिक वजन घटना या बढ़ना हार्मोन में असंतुलन का संकेत देता है, जिससे अनियमित मासिक धर्म होते है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): यदि किसी महिला को पीसीओएस कि समस्या होती हैं तो वह उनके मासिक धर्म कि स्थिति पर प्रभाव डालती हैं।
थायरॉइड: यदि किसी महिला को थायरॉइड की बीमारी होती हैं उनको भी पीरियड्स रुक-रुक कर आने की समस्या हो सकती हैं।
शारीरिक गतिविधि: यदि कोई महिला अधिक व्यायाम करती हैं या फिर एथलीट होती हैं तो उन्हें भी मासिक धर्म नियमित रूप से नहीं होते हैं।
रुक-रुक कर पीरियड्स होने की समस्या को दूर करने के लिए क्या करे ?
पीरियड्स समय से न आने पर आपको डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए तथा उसके अलावा कुछ उपाय भी अपनाने चाहिए जैसे की-
तिल: यदि आपको खुलकर मासिक धर्म नहीं होते हैं तो आप तिल का सेवन कर सकते हैं। तिल गर्म होने जिसके कारण पीरियड्स नियमित रूप से और खुलकर हो सकते हैं।
गुण: गुण का सेवन करना भी पीरियड्स को नियमित रूप से होने में मदद करता हैं।
व्यायाम: मध्यम गति से व्यायाम करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है और मासिक धर्म चक्र भी अनियमित रूप से नहीं होते हैं।
वजन को नियंत्रण में रखे: महिलाओं को अपना वजन अवश्य नियंत्रण में रखना चाहिए क्योकि वजन नियंत्रण में न रहने से कई प्रकार की बीमारियां लग सकती हैं जो की आपके मासिक धर्म के चक्र को ख़राब कर सकती हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन न करे: हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां जैसे जन्म नियंत्रण गोलियां, मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने वाली दवाएं इत्यादि को बंद करें।
चुकुंदर: अनियमित पीरियड्स होने पर चुकुंदर या फिर उसके जूस का सेवन अवश्य करे। इसका सेवन करने से आपको खुलकर पीरियड्स हो सकते हैं।
गाजर: गाजर का जूस भी अत्यधिक फायदेमंद रहता हैं पीरियड्स को नियमित करने के लिए।
खाद्य पदार्थ: अपनी डाइट में कुछ खाद्य पदार्थ शामिल करे जैसे की- नट्स, तैलीय मछली, फल और सब्जियां को अपने आहार में शामिल करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1.पीरियड कम से कम कितने दिन आना चाहिए ?
आमतौर पर यह समय 3-7 दिनों तक रहता है। हालांकि, यह हर महिला के मामले में अलग-अलग हो सकता है। पीरियड के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
2. क्या हेवी एक्सरसाइज के कारण पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होती है ?
जो महिलाएं एथलीट होती हैं, उन्हें ज्यादा एक्सरसाइज के कारण भी पीरियड्स खुल कर नहीं आते हैं। पीरियड खुल के आने के लिए आप अपने खान-पान और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव कर सकती हैं।
3. पीरियड रेगुलर क्यों नहीं आता है ?
पीरियड रेगुलर न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे –
- हार्मोनल असंतुलन
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
- विकार
- गर्भधारण
- स्तनपान
- मासिक धर्म चक्र की शुरुआत
- अतिरिक्त व्यायाम
- तनाव
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