आपका दिल हेल्दी है या बीमार इसके पीछे आपकी लाइफस्टाइल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में किस तरह की लाइफस्टाइल बिता रहे हैं इसका सीधा असर आपके दिल पर पड़ता है. दुनिया भर में दिल का दौरा पड़ने के पीछे सबसे महत्वपूर्ण कारण है आपकी खराब लाइफस्टाइल. दिल का दौरा (Heart Attack) तब पड़ता है जब दिल की मांसपेशियों के एक हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन अचानक से रूक जाता है.
कब पड़ता है हार्ट अटैक
यह अक्सर इसलिए होता है जब दिल के कोरोनरी आर्टरी में खून का थक्का जमने लगता है. दिल का दौरा पड़ने के बाद भी अगर आप जिंदा है तो यह पूरी तरह से निर्भर करता है कि आपको कितना गंभीर दिल का दौरा पड़ा है. साथ ही आप टाइम से हॉस्पिटल पहुंच गए. सामान्य तौर पर दिल का दौरा पड़ने वाले लोगों में एक प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो जिंदा रहते हैं. लेकिन उन्हें अपनी हेल्थ का खास ख्याल रखना पड़ता है. हालांकि इसके लिए उन्हें अनुशासन के साथ अपनी जिंदगी को जिना पड़ता है.
‘ओनली माई हेल्थ’ में छपी खबर के मुताबिक 21वीं सदी में अचानक कार्डियक अरेस्ट लोगों की अचानक मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक है. उन्होंने आगे कहा,पिछले कुछ सालों में अचानक कार्डियक अरेस्ट का सामना करने वाले लोगों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ गई है. यह हार्ट अटैक किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दिल की बीमारी (सीवीडी) दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण है. जिससे हर साल 1.79 करोड़ मौतें होती हैं. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय का कहना है, “सीवीडी से होने वाली पांच में से चार से अधिक मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण होती हैं. आंकड़ों के मुताबिक इनमें से एक तिहाई मौतें 70 साल से कम उम्र के लोगों में समय से पहले होती हैं.
दिल का दौरा पड़ने के बाद महिला और पुरुष के शरीर में होते हैं ये बदलाव
अचानक से दिल का दौरा पड़ता है . लेकिन उससे पहले आपके शरीर में कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं. शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द, एक या दोनों हाथ में दर्थ, पीठ, गर्दन, पेट या जबड़े में दर्द, दिल के दौरे पड़ने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि यही कारण है. यह जीईआरडी, चिंता आदि सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ कई समानताएं भी हो सकती है.
‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी’ में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने के बाद पहले कुछ हफ्तों के भीतर पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मृत्यु की संभावना अधिक होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की धमनियां छोटी होती हैं और पुरुषों की तुलना में हृदय रोग के विभिन्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिससे कभी-कभी निदान में देरी हो सकती है. हालांकि, अध्ययनों से पता चला है कि दिल के दौरे के लिए अस्पताल में भर्ती लोगों की जीवित रहने की दर लगभग 90-97% है.
पहला दिल का दौरा पड़ने के 5 साल के अंदर पड़ता है दूसरा दिल का दौरा
अधिकांश लोग अपने पहले दिल के दौरे से ठीक हो जाते हैं और आगे की जिंदगी आराम से बिताते हैं. हालांकि 45 साल या उससे अधिक उम्र के लगभग 20 प्रतिशत लोगों में पहले दिल का दौरा पड़ने के 5 साल के अंदर दूसरा दिल का दौरा पड़ता है. ऐसे में आपको दूसरे दिल का दौरा पड़ने से बचने के लिए यह खास कदम उठाना बेहद जरूरी है.
टाइम पर दवाएं लें
कुछ दवाएं आपके दूसरे हार्ट अटैक के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकती हैं. आपको यह समझना होगा कि इसके लिए अपनी दवाएं कैसे लेनी हैं. जानें कि अपनी दवाएं कैसे लें.
डॉक्टर के पास जाकर फॉलो-अप करते रहें
डॉक्टर के नजर में रहें और बार-बार जाकर अपना फॉलो अप लेते रहें. आप अपने डॉक्टर के साथ अपने समय का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं.
रिहैबिलिटेशन ज्वाइन करें
कार्डिएक रिहैबिलिटेशन दिल का दौरा पड़ने के बाद आपकी रिकवरी में सहायता के लिए चिकित्सकीय देखरेख में चलाया जाने वाला एक कार्यक्रम है. अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपको अस्पताल से छुट्टी मिलने पर हृदय पुनर्वास के लिए रेफरल नहीं मिला था.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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