बच्चेदानी (गर्भाशय) का बाहर निकलना जानिए रोकने के उपाय


मेरठ की रहने वाली एक महिला जिनका नाम श्रीमती सुनीता शर्मा हैं वह कुछ दिनों से अच्छा महसूस नहीं कर रही थी। सुनीता जी से पूछे जाने पर पता चला कि उन्हें लम्बे समय से योनि के आसपास भारीपन तथा दबाव महसूस हो रहा हैं। यदि किसी को भी ऐसी लक्षण महसूस हो रहे हैं तो इससे नज़रअंदाज़ बिलकुल न करें। डॉक्टर के पास तथा जाँच करवाने पर उन्हें पता लगा कि उनकी बच्चेदानी बहार निकल रही हैं जिसे कि अंग्रेजी में यूट्रस प्रोलैप्स भी कहा जाता हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार उन्होंने सर्जरी करवाई जिससे की वह सम्पूर्ण रूप से ठीक हो गई परन्तु इसके अलावा बच्चेदानी के बाहर निकलने पर उससे रोकने के कुछ उपाय भी होते हैं। आज इस लेख में हम जानेंगे की यूट्रस प्रोलैप्स क्या है इसके लक्षण तथा इसका इलाज ?

 

 

 

 

 

बच्चेदानी का बाहर निकलना महिलाओं के लिए एक गंभीर समस्या हैं जिसे की यूट्रस प्रोलैप्स कहा जाता हैं। इस स्थिति में गर्भाशय अपने स्थान से हट जाता हैं जिससे की गर्भाशय में दबाव बढ़ सकता है। इस स्थिति में महिलाओं को कई अन्य परेशानी का सामना करना पड़ता हैं तथा कई बार देखा जाता हैं कि यह समस्या कुछ घरेलु उपाय और दवाइयों से ठीक हो सकती हैं, परन्तु समस्या अधिक होने पर सर्जरी भी की जा सकती हैं।

 

 

 

बच्चेदानी (गर्भाशय) के बाहर निकलने के लक्षण क्या होते हैं ? (Uterus prolapse symptoms in hindi)

 

 

बच्चेदानी (गर्भाशय) के बाहर निकलने पर अनेक लक्षण नज़र नहीं आते हैं परन्तु यह समस्या गंभीर होने पर कई प्रकार के लक्षण सामने आने लगते हैं जैसे की-

 

 

  • कब्ज की समस्या: महिलाओं में अधिकतर उम्र बढ़ने के साथ-साथ कब्ज की समस्या भी बढ़ने लगती हैं। जब यूट्रस बाहर आने लगता है तो मेटाबोलिक रेट और बॉवेल मूवमेंट स्लो हो जाता है और कब्ज की समस्या बढ़ जाती है।

 

  • पेट और हिप का बाहर निकलना: जब बच्चेदानी बाहर की ओर आने लगती है तो महिलाओं के पॉस्चर में बदलाव आने लगता है जिसके कारण पेट और हिप बाहर निकलने लगते हैं।
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  • कमजोरी और थकान: गर्भाशय बाहर आने के कारण महिलाएं कमजोरी और थकान महसूस कर सकती हैं जिससे की उनकी बच्चों की इम्युनिटी ताकत बढ़ाने के 6 आसान उपायइम्युनिटी पर भी अधिक प्रभाव पड़ता हैं।

 

  • बढ़ी हुई पेशाब संबंधित समस्याएँ: गर्भाशय के बाहर निकलने से पेशाब से संबंधित समस्याएं जैसे कि पेशाब करते समय कठिनाई या फिर मूत्र पथ पर संक्रमण और बार-बार पेशाब आना।

 

  • योनि में दर्द और खुजली: बच्चेदानी के बाहर निकलने पर महिलाओं को योनि में खुजली और दर्द महसूस हो सकता हैं।

 

  • पीठ तथा पेट में दर्द होना: इस समस्या के गंभीर होने पर महिलाओं को पीठ तथा पेट में अधिक दर्द होते हैं।

 

 

 

बच्चेदानी (गर्भाशय) के बाहर निकलने के कारण की हो सकते हैं ? (uterus prolapse causes in hindi )

 

 

बच्चेदानी के बाहर निकलने के निम्नलिखित कारण होते हैं जो महिलाओं को प्रभावित करते हैं जैसे की-

 

 

  • अधिकतर महिलाओं में यह समस्या बच्चों को जन्म देने के समय उत्पन्न होती हैं तथा जब महिला दो या तीन बच्चों को एक साथ जन्म देती हैं तो भी गर्भाशय बाहर आने का खतरा बना रहता हैं।

 

  • यदि बच्चे को जन्म देने के समय फोरसेप्स (Forceps) का इस्तेमाल होते हैं उससे भी महिलाओं में यूट्रस प्रोलैप्स होने की समस्या उतपन्न हो सकती हैं।

 

  • अगर गर्भाशय किसी कारणवश बहुत बड़ा है, तो इससे भी गर्भशय बाहर निकलने का खतरा बढ़ सकता है।

 

  • यदि आपको वैजिनल वॉल (vaginal wall) में कमजोरी हो, तो भी गर्भाशय बाहर निकलने की समस्या उतपन्न हो सकती हैं।

 

  • यदि कोई महिला गलत तरीके से योगासन करती हैं या फिर अन्य कई ऐसी गतिविधि करती हैं तो गर्भाशय बाहर आने का खतरा बढ़ जाता हैं।

 

 

 

बच्चेदानी के बाहर निकलने का इलाज क्या हैं ? (Uterus prolapse treatment in hindi)

 

बच्चेदानी के बाहर निकलने पर उपचार निम्लिखित रूप से हो सकते हैं जैसे की-

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दवाइयाँ (medicine): इस समस्या के होने पर डॉक्टर कुछ दवाइयों की सलाह देते हैं जो कि दो अलग प्रकार की होती हैं जैसे की कुछ खाने के लिए और कुछ योनि में रखने के लिए।

 

 

सर्जरी(surgery): गर्भाशय के अधिक बाहर निकलने पर डॉक्टर इसको सर्जरी से सही कर देते हैं जिससे की वह अपनी जगह पर आ जाती हैं परन्तु इस सर्जरी के होने के बाद महिला को गर्भवती होने में समस्याएं उतपन्न हो सकती हैं।

 

 

वेजाइनल पेसरी (vaginal pessary): वेजाइनल पेसरी एक लचीली डिवाइस होती हैं जिससे की आप बाहर निकलते गर्भाशय को सहारा दे सकते हैं और बच्चेदानी अपने सामान्य जगह पर रह सकती हैं।

 

 

 

बच्चेदानी के बाहर निकलने के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल- (Best hospitals for uterus prolapse treatment in hindi)

 

 

 

 

 

बदाच्चेनी (गर्भाशय) को बाहर निकलने से रोकने के उपाय क्या हो सकते हैं ? (Uterus prolapse precautions in hindi)

 

 

रजुता दिवेकर एक बहुत प्रसिद्ध नूट्रिशनिस्ट है जिन्होंने बच्चेदानी को बहार निकलने से रोकने के लिए उपाय बताए हैं जैसे की-

 

 

  • एक्सरसाइज करें: कीगल एक्सरसाइज करने से पेल्विक एरिया की मसल्स मजबूत होती हैं तथा पेल्विक ऑर्गन्स की स्थिति में सुधार हो सकताहै और इससे अनेक स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, जैकीगल से कि- योनि स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य, योन संबंध। कीगल एक्सरसाइज लेटकर और बैठकर दोनों अवस्था में हो सकती हैं।
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  • स्क्वाट्स करे: स्क्वाट्स एक प्रभावी और सामान्य रूप से किया जाने वाला व्यायाम है जो आपकी पैर, बैक, और कमर को मजबूत करने में मदद कर सकता है। यह आपके लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आपकी कमर की मांसपेशियों, जांघों, और पैरों को मजबूती मिलती है।

 

  • स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मांसपेशियों में वृद्धि होती है जिससे शरीर में ताकत बढ़ती है तथा आपकी अस्थियों को मजबूती मिलती है।

 

  • साइकलिंग: साइकलिंग एक कार्डियोवास्कुलर व्यायाम है, जिससे आपकी हृदय-लंग्स सिस्टम को मजबूती मिलती है और मांसपेशियाँ मजबूत रहती हैं। साइकलिंग करने के अन्य फायदे भी होते हैं जैसे की- कैलोरीज का बर्न होना, वजन का नियंत्रण में रहना तथा इससे आपका पॉश्चर भी सही रहता है जिससे कि आपकी मांसपेशियां आपके यूट्रस को सही जगह पर बनाए रखते हैं।

 

  • पौष्टिक आहार: महिलाओं को अपनी रोजाना डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करना चाहिए जिसमें विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम की मात्रा भरपूर हो जिससे की आपकी मांसपेशिया और हड्डियां मजबूत रहे।

 

 

 

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