ये हैं भारत के ऐसे हॉस्पिटल, जहां फ्री या बेहद कम खर्च में होता है कई बीमारियों का टॉप क्लास



<p style="text-align: justify;">कुछ बीमारी इतनी ज्यादा खतरनाक और जानलेवा होती है कि इसका इलाज करवाते-करवाते इंसान सड़क पर आ जाए. लेकिन आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे हॉस्पिटल के नाम बताएंगे जिसमें कैंसर, आंख से जुड़ी बीमारी, दिल की बीमारी, पैरालिसिस (लकवा), पेट की समस्या समेत कई गंभीर बीमारियों का इलाज फ्री या कम पैसे में होता है. दिल से जुड़ी बीमारी का इलाज या ऑपरेशन में लाखों रुपये खर्च होते हैं. ऐसे में आपको ऐसे हॉस्पिटल के बारे में पता चले कि जहां आपकी लाखों रुपये की बचत होगी तो किसी भी इंसान के लिए धरती पर स्वर्ग के दर्शन के बराबर है. आइए आज आपको हम भारत में मिल रही ऐसी सुविधाओं के बारे में बताएंगे है जहां पर गंभीर से गंभीर बीमारी का टॉप क्लास इलाज तो मिलता ही है बाकी दूसरे हॉस्पिटल के मुकाबले फ्री या सस्ता भी पड़ता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सत्य साईं इंस्टिट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंस</strong></p>
<p style="text-align: justify;">शुरुआत करेंगे हम बेंगलुरु के &nbsp;सुपर स्पेश्यलिटी हॉस्पिटल ‘सत्य साईं इंस्टिट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंस’ की. इस हॉस्पिटल में वर्ल्ड क्लास की सुविधाएं मिलती है. रिपोर्ट के मुताबिक यहां हर साल &nbsp;डेढ़ हजार हार्ट और 1700 सौ न्यूरो सर्जरी होती हैं. अगर आप दूसरे हॉस्पिटल में हार्ट सर्जरी के लिए जाएंगे तो ऑपरेशन में 4-5 लाख खर्च लग जाएगा. लेकिन इस हॉस्पिटल में फ्री में इलाज होता है. इस हॉस्पिटल की सबसे खास बात यह है कि इसमें मरीज की उम्र या कमाई कितनी भी उनका इलाज फ्री में होता है. रिपोर्ट के मुताबिक मरीज जब तक हॉस्पिटल में है उसे दी जाने वाली हेल्थ सलाह, दवाईयां और खाना का कोई पैसा नहीं लिया जाता है. सबकुछ फ्री में दिया जाता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>देश के ऐसे कैंसर के हॉस्पिटल जहां होता है फ्री में इलाज</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>टाटा मेमोरियल अस्पताल’ इंडिया</strong></p>
<p style="text-align: justify;">वर्तमान में कैंसर का इलाज करने में 10-15 लाख रूपये का खर्च आता है. लेकिन भारत में कुछ ऐसे हॉस्पिटल हैं जहां पर इसका इलाज मुफ्त में होता है. टाटा मेमोरियल अस्पताल में कैंसर का इलाज मुफ्त किया जाता है. यहां पर 70 प्रतिशत मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जाता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यहां पर कैंसर के मरीजों का फ्री में इलाज होता है. भारत सरकार इस हॉस्पिटल को फंड देती है. साथ ही यहां पर दवाएं भी सस्ते दामों पर मिलती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रीजनल कैंसर सेंटर, तिरुवनंतपुरम</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस हॉस्पिटल में 60 प्रतिशत कैंसर के मरीज ऐसे हैं जिनका मुफ्त में इलाज किया जाता है. यहां पर इसोटोप, सीटी स्कैनिंग के साथ-साथ कीमोथेरेपी मुफ्त में किया जाता है. वहीं मीडिल क्लास आय वर्ग के 29 प्रतिशत कैंसर के मरीजों को सब्सिडी दी जाती है. जो बच्चे कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं वह भी आराम से इलाज करवा सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल कोलकाता</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कैंसर का सस्ता इलाज के साथ-साथ यहां कैंसर की दवाएं सस्ती मिलती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र को ऑन्कोलॉजी का एक भरोसेमंद हॉस्पिटल में से एक है. यहां पर ऑन्कोलॉजिस्ट, नर्स और हाई क्लास टेक्नोलॉजी के जरिए इलाज किया जाता है. साथ ही सस्ती कीमत पर दवाई दी जाती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इन हॉस्पिटल में आंख की बीमारी का होता है इलाज</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बेस्&zwj;ट आई केयर सेंटर </strong></p>
<p style="text-align: justify;">देशभर की आधी आबादी आंख की बीमारी से जूझ रही है. जिसमें आंखों का कैंसर, काला मोतिया यानि ग्&zwj;लूकोमा, मोतियाबिंद, रेटिनोब्&zwj;लास्&zwj;टोमा, रेटिनोपैथी जैसी बीमारियां शामिल हैं. &nbsp;इन आंख की बीमारी का इलाज इन हॉस्पिटल में मुफ्त और कम खर्च किया जाता है.&nbsp; बेस्&zwj;ट आई केयर सेंटर नॉर्थ इंडिया से लेकर साउथ इंडिया तक फैले हुए हैं. जहां पर आंखों का इलाज फ्री या सस्ता में होता है. ये देश के कई राज्&zwj;यों में मौजूद हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>13 शाखाओं में फैला शंकर आई हॉस्पिटल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इन अस्&zwj;पतालों अभी तक मोतियाबिंद के अलावा पीडियाट्रिक कैटरेक्&zwj;ट, रेटिना सर्जरी, रेटिनोब्&zwj;लास्&zwj;टोमा, आई कैंसर के लिए 25 लाख फ्री सर्जरी कर चुका है. इस अस्&zwj;पताल की कुल 13 ब्रांच में से एक आणंद, न्&zwj;यू बॉम्&zwj;बे, तमिलनाडू में तीन, गुंटूर, हैराबाद , कानपुर, इंदौर, जयपुर, लुधियाना, कर्नाटक में तीन हैं इसके अलावा वाराणसी में 14वीं ब्रांच बन रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आई केयर सेंटर के अगल-अलग हिस्&zwj;सों में 35 विजन सेंटर्स भी हैं</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हैदराबाद का एलवी प्रसाद आई इंस्&zwj;टीट्यूट आई केयर सुविधाओं के साथ ही ऑक्&zwj;यूलर टिश्&zwj;यू इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर के रूप में काम करता है.&nbsp; इन हॉस्पिटलों में एडवांस टेक्नोलॉजी, बेस्&zwj;ट ऑप्&zwj;थेल्&zwj;मोलॉजिस्&zwj;टों, आंखों को चेक करने के लिए बेहतरीन मशीनों और सुविधाओं से लैस हॉस्पिटल में है.&nbsp;</p>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong><em>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</em></strong></div>
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