Hair Fall: खराब लाइफस्टाइल की वजह से पुरुष हो या महिला दोनों के बाल तेजी से गिर रहे हैं. हेल्थ प्रॉब्लम, तनाव, खानपान और देखभाल की कमी से हेयर फॉल (Hair Fall) की समस्या बढ़ रही है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी के बाल काफी तेजी से झड़ रहे हैं और उन्हें रोकने की हर तरकीब फेल हो गई है तो तुरंत ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए. इसके आधार पर हेयर फॉल का सही इलाज ढूंढा जा सकता है. हेयर फॉल की असली वजह जानना में 7 टेस्ट आपकी मदद कर सकते हैं.
हेयर फॉल का कारण
आनुवंशिकी या हार्मोन की वजह से
तनाव, एंग्जाइटी या ट्रॉमा
ऑटो इम्युनिटी के कारण
महिला की कीमोथेरेपी के बाद
हेयर फॉल की असली वजह जानने के लिए कौन-कौन से टेस्ट
1. थायरॉइड लेवल
अंडरएक्टिव थायरॉयड के चलते हाइपोथायरायडिज्म और ज्यादा एक्टिव थायरॉयड के कारण हाइपरथायरायडिज्म हो जाता है. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो हेयर फॉल हो सकता है. थायरॉइड TSH, FT3 और FT4 हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है. ऐसे में ब्लड टेस्ट से पता चलता है कि हर हार्मोन का कितना उत्पादन हो रहा है और थॉयराइड कम एक्टिव या ज्यादा एक्टिव है.
2. सेक्स हार्मोन
सेक्स हॉर्मोन बालों के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं. महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन होता है, जो डीएचटी में मेटाबोलाइज होकर बालों के रोम में एण्ड्रोजन रिसेप्टर्स को बांध देता है. इससे वे सिकुड़कर बाल पैदा करने बंद कर देते हैं. ब्लड टेस्ट से सेक्स हार्मोन के लेवल का पता चलता है. इसमें टेस्टोस्टेरोन, ऑस्ट्राडियोल, एन्ड्रोस्टेनडायोन, प्रोलैक्टिन और एफएसएच ल्यूटिन हार्मोन होते हैं. हार्मोन का स्तर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी कंडीशन का संकेत भी दे सकता है, जिसे आमतौर पर बाल झड़ने का कारण माना जाता है.
3. आयरन और फेरिटिन लेवल
आयरन की कमी यानी एनीमियाकी वजह से भी हेयर फॉल की समस्या हो सकती है. कई अध्ययन में बताया गया है कि सीरम फेरिटिन ब्लड प्रोटीन है, जिसमें आयरन पाया जाता है. इसका लेवल हेल्दी बालों वाली महिलाओं की तुलना में हेयर फॉल वाली महिलाओं में कम होता है. जब आयरन की कमी होती है तो एलोपेसिया एरियाटा तेजी से विकसित हो सकता है. ऐसे में टेस्ट से ब्लड में आयरन और फ़ेरिटिन लेवल से हेयर फॉल का पता चल सकता है.
4. होल ब्लड काउंट
होल ब्लड काउंट या सीबीसी रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की माप करते हैं. ये बालों के रोम के आसपास सूजन के संकेत दे सकते हैं. इससे ऑटोइम्यून स्थिति का संकेत भी मिल सकता है, जो हेयर फॉल का कारण बनते हैं.
5. विटामिन डी लेवल
विटामिन डी की कमी से ऑटो इम्यूनिटी की समस्या हो सकती है. यही कारण है कि ये एलोपेसिया एरीटा जैसी ऑटोइम्यून बालों के झड़ने की स्थिति की वजह भी बन सकती है. हार्वर्ड हेल्थ के रिसर्च के मुताबिक, विटामिन डी की कमी बालों के झड़ने का कारण हो सकता है.
6. विटामिन बी लेवल
विटामिन बी में कई अलग-अलग विटामिन पाए जाते हैं. इनमें से कई हेयर फॉल से जोड़े गए हैं. फोलेट यानी विटामिन बी9 फोलेट फोलिक एसिड के तौर पर भी जाना जाता है. वहीं, बायोटिन यानी विटामिन बी7 और विटामिन बी12 की कमी से भी हेयर फॉल हो सकता है.
7. ब्लड शुगर
ब्लड शुगर लेवल से डायबिटीज का पता चल सकता है. टाइप 2 डायबिटीज को हेयर फॉलसे जोड़ा गया है. ऐसे में ब्लड शुगर के टेस्ट से बालों के झड़ने का कारण पता चल सकता है और इसका सही इलाज मिल सकता है.
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