World Anaesthesia Day 2023: ‘वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे’ हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है. मेडिकल भाषा में समझे तो यह सर्जरी, ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल किया जाता है. एनेस्थीसिया दिवस हर साल इसलिए भी मनाया जाता है ताकि दुनियाभर के लोगों को इसके महत्व और जागरूर किया जाए. इसलिए आज के दिन इसे एक जश्न के तौर पर मनाया जाता है. एनेस्थीसिया की खोज ही अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है क्योंकि यही वह खास चीज है जिसके जरिए बड़ा से बड़ा सर्जरी बिना किसी दर्द के मरीज झेल लेते हैं. एनेस्थीसिया छोटी या बड़ी सर्जरी के दौरान बेहोश करने का एक मेडिकल प्रोसेस है जिसके जरिए मरीज को बेहोश किया जाता है.
इतिहास
विश्व एनेस्थीसिया दिवस एनेस्थीसिया के जन्म का प्रतीक है. एनेस्थीसिया का पहली बार उपयोग 16 अक्टूबर, 1846 को किया गया था. ईथर एनेस्थीसिया का पहला सफल प्रदर्शन विलियम थॉमस ग्रीन मॉर्टन (1819-1868) द्वारा बोस्टन, एमए, यूएसए के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में किया गया था.
महत्व
‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ सोसाइटीज ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट’ के अनुसार, लगभग 5 बिलियन लोगों को सुरक्षित एनेस्थीसिया प्रथाओं तक पहुंच का अभाव है. विश्व एनेस्थीसिया दिवस एक शक्तिशाली वकालत उपकरण के रूप में कार्य करता है जो लोगों, चिकित्सा पेशेवरों और समाज को एनेस्थीसिया के महत्व और रोगी की भलाई में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में शिक्षित करने का प्रयास करता है.
थीम
विश्व एनेस्थीसिया दिवस 2023 का विषय ‘एनेस्थीसिया और कैंसर देखभाल’ है. यह थीम कैंसर के उपचार में एनेस्थीसिया की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करता है. यह कैंसर के इलाज को बढ़ाने के लिए एनेस्थीसिया सेवाओं को मजबूत करने का भी प्रयास करता है.
एनेस्थीसिया क्या है?
सर्जरी या किसी अन्य दर्दनाक प्रक्रिया से पहले मरीजों को एनेस्थीसिया दिया जाता है. यह मरीजों को बेहोश करके बिना किसी दर्द के सुरक्षित इलाज में मदद करता है. एनेस्थीसिया मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, लोकल, जनरल और जनरल एनेस्थीसिया. दी गई दवाइयों से संवेदना खत्म हो जाती है. एनेस्थीसिया के बाद रोगी को थोड़ी देर के लिए मुंह सुखने लगता है, गले में खराश, नींद आना, मांसपेशियों में दर्द, भ्रम और कंपकंपी का अनुभव हो सकता है.
एनेस्थीसिया देने के बाद इसलिए नहीं होता है दर्द
एनेस्थीसिया एक तरह से बेहोश करने का प्रोसेस है. इसमें नींद की स्थिति होती है. एनेस्थीसिया देने के बाद मरीज को नींद आने लगती है. जिसके कारण ऑपरेशन स्ट्रेस मुक्त रहता है. और उन्हें पता भी नहीं चलता है. कुल मिलाकर बात यही है कि एनेस्थीसिया से मरीज की तकलीफ कम की जाती है. इसलिए इसे मेडिकल साइंस में एक करिश्मा माना जाता है. इसमें सर्जरी वाली जगह को सुन्न कर दिया जाता है. जिसके कारण दिमाग में पैदा होने वाले केमिकल न्यूरोट्रांसमीटर के साथ मिल जाता है. जिसके कारण शरीर के के दिमाग और दूसरे अंगों से संपर्क टूट जाता है. एनेस्थीसिया देते वक्त सर्जरी के टाइम पीरियड का ध्यान रखा जाता है. यानि कितने वक्त तक सर्जरी चलेगी. तो कह सकते हैं कि 5-7 घंटे तक इसका असर रहता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्जरी के वक्त कौन सी एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया गया है. इसी के आधार पर यह कहना सही होगा कि इसका नशा कितनी देर तक रहता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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