हाल के दिनों में किए गए एक सर्वेक्षण में लड़कियों ने बताया कि उनका मनोबल ठीक नहीं है. वे उतनी खुश नहीं हैं जितनी पहले हुआ करती थीं. लड़कियों का कहना है कि लोग जब भी उनके शरीर के बारे में कुछ कहते हैं तो उन्हें बहुत बुरा लगता है. इंटरनेट और सोशल मीडिया पर भी लड़कियों को परेशान करने वाली बातें होती रहती हैं. उनका कहना है कि मीडिया में अभी भी महिलाओं का गलत ढंग से चित्रण किया जाता है. महिलाओं के शरीर या सुंदरता को ही अधिक महत्व दिया जाता है. जिसके कारण उन्हें शरीर को लेकर कॉमेंट किए जाते हैं.ये सभी बातें लड़कियों के मनोबल और खुशी को प्रभावित कर रही हैं. समाज को इन मुद्दों पर गौर करना चाहिए और लड़कियों को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए.
गर्लगाइडिंग के सर्वेक्षण से पता चला है कि ब्रिटेन में लड़कियों और युवा महिलाओं की खुशी का स्तर लगातार गिर रहा है. 2009 के बाद से अब तक लड़कियों की खुशी में काफी गिरावट आई है. गर्लगाइडिंग की प्रमुख आंगेला साल्ट के अनुसार, 2009 में करीब 40% लड़कियां खुश थीं, जो अब घटकर केवल 17% रह गई है. सर्वेक्षण में शामिल 10 में से 9 लड़कियां चिंतित या परेशान महसूस कर रही हैं.
जानें लड़कियां क्यों है परेशान
7 से 10 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों में खुशी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है. 11 से 21 वर्ष की युवतियां भी बड़ों के प्रति गुस्सा व्यक्त कर रही हैं. हालांकि, एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि अब अधिक से अधिक लड़कियां सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठा रही हैं और समाज में अपनी भूमिका को लेकर सजग हैं. लड़कियों ने अपनी तस्वीर, ऑनलाइन होने की समस्याएं को अपनी खुशी को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों के रूप में देख रही है.
जानें कैसे इसे रोका जाए
गर्लगाइडिंग ने इस संदर्भ में कुछ जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है जैसे – स्कूलों में यौन संबंधों पर सहमति की शिक्षा, ऑनलाइन सुरक्षा उपाय, मीडिया शिक्षा और विज्ञापनों पर नियंत्रण आदि इस तरह, लड़कियों की खुशी में गिरावट की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है और इसपर त्वरित ध्यान देने की आवश्यकता है.
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