हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है किडनी , जो हमारे शरीर में 500 से ज्यादा क्रियाओं में मदद करती है। नमक के ज्यादा सेवन से, अनावश्यक दवाओं से या पानी की कमी होने की वजह से किडनी में इन्फेक्शन हो जाते है।
किडनी हमारे रक्त को छानती है। ऐसे में अगर इसकी छलनियों में सूजन आ जाए या इंफेक्शन हो जाए, तो इससे किडनी के ढेर सारे काम प्रभावित होते हैं। ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को किडनी के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। किडनी का संक्रमण पीठ दर्द का भी कारण बन सकता है।
क्यों होता है किडनी में इंफेक्शन
- कमर और पीठ में दर्द एक सामान्य समस्या है, जो मांसपेशियों में खिंचाव और देर तक खड़े होने के कारण किडनी में इन्फेक्शन होने की संभावना हो सकती है। आमतौर पर पीठ में दर्द होने पर लोग दर्द निवारक बाम, तेल या दवाओं का इस्तेमाल करके इससे राहत पा लेते हैं।
- कई बार किडनी में होने वाली कई समस्याओं के कारण भी आपकी पीठ में दर्द की शिकायत हो सकती है। अगर आपको अक्सर ही पीठ दर्द होता है, तो संभव है कि यह किडनी में इंफेक्शन के कारण हो सकता है।
- आमतौर पर कम पानी पीने, शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाने, आयरन वाले फूड्स के ज्यादा सेवन या टमाटर, बैगन आदि सब्जियों के ज्यादा सेवन से किडनी के पथरी का खतरा बढ़ जाता है।
- इस रोग में शरीर में मौजूद यूरिक एसिड या कैल्शियम और अन्य कण एक जगह इकट्ठा होकर ठोस आकार बना लेते हैं, जो शरीर की गतिविधियों में बाधा बनने लगते हैं और दर्द शुरू हो जाता है। और इस वजह से किडनी में दर्द होने लगता है।
किडनी में इन्फेक्शन होने के लक्षण
हमें किडनी में होने वाले इन्फेक्शन की जानकारी इसके पहले चरण में नहीं हो पाती है। कई बार तो ऐसा होता है कि जब तक हमें पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए हम आपको इसके कुछ लक्षण बताने जा रहे हैं, ताकि इस समस्या से निजात मिल सके।
- नींद की समस्या ,
- खुजली होना ,
- बुखार आना ,
- भूख कम लगना ,
- शरीर का पीला पड़ना।
इन आदतों से हो सकती है किडनी में इन्फेक्शन
अधिक मात्रा में नमक लेना
नमक के अंदर बहुत सारा सोडियम होता है। जब हम खाने में ज़रूरत से ज़्यादा नमक डालते हैं, तो इसे बॉडी से बाहर निकालने में किडनी को काफी मुश्किल होती है। इससे किडनी पर प्रेशर पड़ता है।
ज़्यादा कैफीन लेना
ज़रूरत से ज़्यादा कॉफी पीना। दूसरे कैफीन वाले ड्रिंक्स पीने से किडनी डैमेज हो सकती हैं, क्योंकि ज़्यादा कैफीन से ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
ज़्यादा पेनकिलर्स खाना
अगर आप लंबे समय से पेनकिलर्स खा रहे हैं, तो इससे किडनीज़ के फंक्शन पर असर होता है। शरीर में खून की कमी भी हो सकती है।
कोल्ड या फ्लू को इग्नोर करना
अगर आपको कोल्ड या फ्लू हो, तो ज़्यादा काम ना करें। इस दौरान, अपनी बॉडी को पूरा रेस्ट दें। अगर बीमारी के दौरान, आप बॉडी को ज़्यादा थकाएंगे, तो इसका उल्टा असर किडनी के फंक्शन पर पड़ेगा। और आपको परेशानियों का सामना करना पर सकता है।
किडनी में इन्फेक्शन होने के संकेत
- अधिक तरल पदार्थों का सेवन ना करने पर भी बार बार पेशाब जाना यह भी हो सकता है किडनी के इंफेक्शन का।
- यदि आपको पीठ में अचानक दर्द महसूस होता है, तो इसे अनदेखा न करें। लंबे समय तक पीठ में दर्द होने से किडनी में गंभीर इंफेक्शन का संकेत देता है।
- पेशाब में खून का या पेशाब करते समय जलन और दर्द महसूस होना भी किडनी के इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है।
- अगर आपको ये समस्याएँ बार-बार हो रही है तो, इसे अनदेखा न करे। ये सारे किडनी के इफेक्शन होने के कारण हो सकता है। आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए और अपना चेकअप करना चाहिए।
किडनी में इन्फेक्शन से बचने के घरेलू उपाय
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा को कभी-कभी किडनी इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है, कुछ लोगों का मानना है कि, इससे किडनी को बेहतर तरीके से फ़िल्टर करने में मदद मिल सकती है।
लहसुन
लहसुन कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करता है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। लहसुन किडनी के फंक्शन में सुधार कर सकता है। नियमित रूप से सुबह खाली पेट लहसुन की 2 या 3 कली खाएं। इसकी एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-फंगल प्रॉपर्टी किडनी बीमारी से बचाती है।
सेब का सिरका
सेब का सिरका सबसे लोकप्रिय घरेलू उपचारों में से एक है। एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर सेब का सिरका किडनी इन्फेक्शन की समस्या को दूर करने में सहायता करता है। हर रोज़ एक गिलास गर्म पानी के साथ दो चम्मच सेब के सिरके का सेवन करने से किडनी बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बची रहती है।
अंडे का सफ़ेद भाग
अंडे का सफ़ेद भाग भी किडनी को ठीक रखने में काफी मदद करता है। इसमें प्रोटीन होते है ,जो किडनी के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। अंडे के सफ़ेद भाग को खाये। उबले अंडे के अंदर के पिले भाग को न खाये।
लाल शिमला मिर्च
लाल शिमला मिर्च में विटामिन ए , बी-6, फोलिक एसिड और फाइबर के भरपूर मात्रा में पाए जाते है।
किडनी में इन्फेक्शन की बिमारी के लक्षण दिखते ही आप डॉक्टर से चेकअप कराएं और कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले। नहीं तो आपको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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