किन कारणों से 40 के बाद ज्यादातर भारतीय को हाइपरटेंशन और शुगर की हो रही है बीमारी? जानें


Ideas of India Summit 2024: आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम का शनिवार को दूसरा दिन है. इस खास कार्यक्रम के दूसरे दिन Practo के को-फाउंडर शशांक एनडी ने शिरकत की. इस खास प्रोगाम के जरिए उन्होंने बताया कि आखिर क्यों भारत को डायबिटीज कैपिटल कहा गया? ABP लाइव इंडिया की तरफ से मशहूर लेखक चेतन भगत ने जब उनसे पूछा कि आखिर क्यों भारत को डायबिटीज कैपिटल की संज्ञा दी जाती है.

किन कारणों से 40 के बाद भारतीय डायबिटीज और हाइपरटेंशन का हो रहे हैं शिकार

साथ ही 40 के बाद किन कारणों से यहां के लोग हाइपरटेंशन और डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं? इस पर जवाब देते हुए शशांक कहते हैं कि यहां ज्यादातर लोगों को डायबिटीज होने का मुख्य कारण जेनेटिक प्रॉब्लम है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह ज्यादातर फैमिली में डायबिटीज जेनेटिक बीमारी है जो पिता या माता से अपने बच्चों को मिलती है. इसी कारण डायबिटीज के मरीज की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. 

शशांक आगे यह भी कहते हैं कि लोगों का खानपान, इको सिस्टम और समय पर टेस्ट न करवाना भी डायबिटीज के मरीजों की संख्या में इजाफा कर रही है. अगर लोग समय-समय पर टेस्ट करवाते रहेंगे तो मुमकिन है कि इस बीमारी को समय रहते कंट्रोल किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ‘प्रैक्टो’ लगातार इस दिशा में काम कर रही है. और कई तरह ऑनलाइन फैसिलिटी भी मुहैया करवाती है जिसका इस्तेमाल कर लोग अपने घर पर बैठे ही डायबिटीज चेक करवा सकते हैं. 

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दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बीमारियों में डायबिटीज भी शामिल है. कुछ दशकों में तो यह काफी तेजी से बढ़ा है. सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि हर उम्र के लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो दुनियाभर में 500 मिलियन यानी करीब 50 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज के शिकार हैं. अगले 30 सालों में यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा 130 करोड़ तक पहुंच सकती है. डायबिटीज (Diabetes) की वजह से कई और बीमारियां शरीर को घेर सकती हैं. यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स इस बीमारी को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. 

डायबिटीज के रिस्क फैक्टर्स
 
वजन का बढ़ना
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और खराब खानपान डायबिटीज का मुख्य कारण है. अधिक वजन या मोटापा भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देता है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि वजन को कम कर डायबिटीज के खतरों को कम कर सकते हैं. नियमित तौर पर फिजिकल एक्टिविटीज बढ़ाकर मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है.
 
फिजिकल इनएक्टिव रहना
शारीरिक रुप से निष्क्रिय रहना भी प्री-डायबिटीज और टाइप-2 मधुमेह का प्रमुख कारण है. नियमित तौर पर शारीरिक क्षमता को बढ़ाना इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करती है. इसका मतलब हमारा शरीर खुद के इंसुलिन का ज्यादा प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर पाता है. हफ्ते में कम से कम 5 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज कर डायबिटीज और हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकते हैं. रिसर्च में पाया गया है कि ज्यादा समय तक बैठे रहने से डायबिटीज का खतरा अधिक हो सकता है.
 
गड़बड़ खानपान
डायबिटीज से बचाने में सबसे अहम रोल खानपान का होता है. सही मात्रा में हेल्दी खाना काफी अच्छा माना जाता है. ट्रांस फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम यानी नमक, रेड और प्रोसेस्ड मीट, कार्बोहाइड्रेट और मीठे खाद्य-पेय पदार्थों का सेवन ज्यादा करने वालो में डायबिटीज का खतरा ज्यादा हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स खाने में फल और सब्जियों के साथ साबुत अनाज, पोल्ट्री-मछली, नट और सीड्स से भरपूर आहार के सेवन की सलाह देते हैं.
 
शराब और धूम्रपान आपके दुश्मन
शराब-धूम्रपान लिवर और फेफड़ों के लिए खतरनाक माना जाता है. डायबिटीज के भी ये प्रमुख कारण होते हैं. ज्यादा शराब पीने से अग्न्याशय में सूजन की समस्या हो सकती है. इसकी वजह से इंसुलिन का उत्पादन भी प्रभावित होता है. शराब लिवर को नुकसान पहुंचाता है. लिवर ही इंसुलिन के उत्पादन में सहायक होता है. इसलिए शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए.

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