Chronic Fatigue Syndrome: लंबे वक्त तक काम करने के बाद थकावट और कमजोरी महसूस होना तो लाजमी है. लेकिन कई बार हम भरपूर नींद लेने के बाद, बिना किसी मेहनत के ही थकावट महसूस करते हैं तो ये चिंता की बात है. कभी कभार ऐसा होना चल जाता है लेकिन अक्सर आपको ये समस्या बनी रहती है तो ये एक गंभीर बीमारी की तरफ इशारा हो सकता है. यह एक तरह का सिंड्रोम होता है. मेडिकल भाषा में कहें तो इसे क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम कहते हैं.आइए जानते हैं इसके लक्षण, कारण सब कुछ विस्तार से…
क्या है क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम
क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम जिसे मायलजिक इंसेफलाइटिस भी कहा जाता है. इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को हर रोज जरूरत से ज्यादा थकान महसूस होती है. इसके साथ ही नींद का आना, दर्द, सुस्ती ,आलस बना रहता है. इसके चलते दिनचर्या भी प्रभावित होती है. जब ये बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो इससे फाइब्रोमाइली्जिया कहते हैं. वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र और महिला या पुरुष में हो सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित 20 से 40 साल की महिलाएं होती है.इसकी चपेट में आने पर आपको लगातार छह महीनों तक ऐसा महसूस हो सकता है.
क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षण
- थकावट
- चिड़चिड़ापन
- कमजोरी
- जोड़ों में दर्द
- सिर में दर्द
- चक्कर आना
- नींद पूरी ना होना या जरूरत से ज्यादा नींद आना
- जी मतलाना
- यादाश्त में कमी
- काम करने की इच्छा ना होना
- गले में खराश
- कंफ्यूजन
- बिना काम किए ही थकावट महसूस होना
क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम के कारण
- हारमोंस बदलाव
- हाई ब्लड प्रेशर
- तनाव
- अनियमित सोना
- अनियमित खाना
- भरपूर पोषण ना मिलना
- संक्रमण
- डिप्रेशन
क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम से बचाव
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
- खूब पानी पिए
- विटामिन डी का सेवन करें
- धूप में बैठें
- मेडिटेशन करें
- तनाव कम ले
- संतुलित आहार का सेवन करें
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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