क्या तनाव की वजह से भी लगातार झड़ने लगते हैं बाल, जानें क्या है सच्चाई



<p class="whitespace-pre-wrap" style="text-align: left;">आज के भागदौड़ भरे जीवन में तनाव एक सामान्य स्थिति बन गयी है. चाहे वो ऑफिस का काम हो, घर की जिम्मेदारियां हों या फिर व्यक्तिगत समस्याएं, हर किसी के जीवन में तनाव आ चुका है. इस तनाव का सबसे पहला व तेज असर हमारे बालों व स्किन पर पड़ता है. जब हम तनाव के दौर में होते हैं तो हमारे शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन बनता है जो हमारी स्किन व बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. इसकी वजह से न सिर्फ बाल सफेद हो सकते हैं बल्कि बाल झड़ना भी काफी बढ़ जाता है.</p>
<p class="whitespace-pre-wrap" style="text-align: left;">बालों का लगातार गिरना यानी हेयर फॉल एक आम समस्या है जो कई लोग इससे परेशान रहते है. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे – डाइट में कमियां, हार्मोनल असंतुलन, विटामिन्स की कमी, तनाव आदि. लेकिन इनमें से तनाव एक बहुत ही बड़ा कारण हैं.&nbsp;</p>
<p class="whitespace-pre-wrap" style="text-align: left;"><strong>जानें किन कारणों से झड़ते हैं बाल&nbsp;<br /></strong>तनाव और बाल झड़ने के बीच का संबंध एक गंभीर समस्या है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते. तनाव कई तरह की स्थितियों से जुड़ा हुआ है जो बालों के झड़ने का कारण बनता है. मेडिकल रिसर्च के अनुसार, तनाव बालों को 3 प्रकार से नुकसान पहुंचाता है – टेलोजेन एफ्लुवियम, ट्राइकोटिलोमेनिया और एलोपेसिया अरेटा.&nbsp;</p>
<p style="text-align: left;"><strong>टेलोजेन एफ्लुवियम<br /></strong>टेलोजन एफ्लुवियम एक ऐसी स्थिति है जिसमें तनाव के कारण अचानक अधिक बाल झड़ने लगते हैं. इसमें बालों के विकास चक्र प्रभावित हो जाते हैं और बाल झड़ जाते हैं.इस स्थिति में बालों के रोम छिद्र बहुत अधिक सक्रिय हो जाते हैं. रोम छिद्र वह जगह होती है जहां से बाल निकलते हैं. इनके अधिक सक्रिय होने से बड़े पैच के रूप में बाल झड़ने लगते हैं, खासकर सिर के बीचों बीच के हिस्से से. यह एक अस्थायी समस्या होती है. तनाव खत्म होने के बाद आमतौर पर 10 महीने के अंदर बाल फिर से उगने लगते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: left;"><strong>ट्राइकोटिलोमेनिया&nbsp;<br /></strong>ट्राइकोटिलोमेनिया एक ऐसी समस्या है जिसे हेयर पुलिंग डिसऑर्डर यानी बाल खींचने का विकार भी कहा जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति को बार-बार अपने बाल खींचने की अनियंत्रित इच्छा होने लगती है.जब व्यक्ति पर तनाव का स्तर बहुत अधिक होता है तो बाल खींचना उसके लिए एक तरह का कॉपिंग मैकेनिज्म यानी सामना करने का तरीका बन जाता है. बाल खींचने से व्यक्ति को थोड़ी देर के लिए आराम मिलता है.&nbsp;लेकिन लगातार बाल खींचने से बालों की जड़ें कमज़ोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं. यह एक गंभीर समस्या है जिसमें मनोचिकित्सकीय उपचार की जरूरत होती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: left;"><strong>एलोपेसिया अरेटा<br /></strong>एलोपेसिया अरेटा एक ऐसी समस्या है जिसमें बालों वाले हिस्सों में छोटे-छोटे गोल धब्बे बनने लगते हैं और उन क्षेत्रों से बाल गिरने लगते हैं.&nbsp;इसे बालों से संबंधित ऑटोइम्यून डिसऑर्डर भी कहा जाता है. इसमें शरीर की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बालों की जड़ों और रोम छिद्रों पर हमला कर देती है,&nbsp;इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं जिनमें तनाव भी शामिल है. तनाव बढ़ने से एलोपेसिया अरेटा और भी बिगड़ सकता है और बाल झड़ना तेज हो सकता है. इसलिए तनाव से बचाव जरूरी है.&nbsp;</p>
<p class="whitespace-pre-wrap" style="text-align: left;"><strong>ये भी पढ़ें:&nbsp;</strong><strong><a title="बीमार होने पर भी करते हैं काम तो जरा ठहर जाएं, वरना बढ़ सकता है कई गंभीर बीमारियों का जोखिम" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/health-tips-side-effects-working-while-sick-during-work-from-home-in-hindi-2587791/amp" target="_self">बीमार होने पर भी करते हैं काम तो जरा ठहर जाएं, वरना बढ़ सकता है कई गंभीर बीमारियों का जोखिम</a></strong>&nbsp;</p>



Source link

  Why 9 hours of sleep is necessary, experts themselves are telling the reason

Leave a Comment