क्या होता है जलोदर रोग? – एक गंभीर बीमारी


 

क्या होता है जलोदर रोग?

 

 

  • जलोदर रोग पेट से संबंधित एक ऐसा रोग है, जिसमें पेट में पानी भरने की समस्या हो जाती है। जलोदर रोग को अंग्रेजी में एसाइट्स भी कहते हैं, क्योंकि इस रोग में पेट में एसाइटिक प्रोटीन वाला द्रव भरने लगता है। आमतौर पर ये रोग लिवर के खराब होने की वजह से हो जाता है। हालांकि, पेट में पानी भरने के और भी कई अन्य कारण हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर की वजह से यह समस्या और भी अधिक हो जाती है और जिस वजह से लिवर सिरोसिस की भी संभावना बढ़ जाती है।

 

  • जलोदर रोग होने से पेट में अधिक मात्रा में पानी भर जाने की वजह से पेट फूलने लगता है और साथ ही शरीर के दूसरे अंगों में भी सूजन होने लगती है, जिस वजह से सूजन वाले अंगो में दर्द की भी समस्या होने लगती है और कई बार तो मरीज को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। इस द्रव के परीक्षण द्वारा इस रोग के कारण का सही-सही पता लगाया जा सकता है।

 

  • वैसे देखा जाये तो, जलोदर रोग कोई रोग नहीं है बल्कि ये हार्ट, किडनी या लिवर के किसी रोग के कारण हो जाता है। आइये जानते हैं कि क्या होता है जलोदर रोग और इससे बचने के उपाय क्या है।

 

 

जलोदर रोग के कारण

 

 

  • पेट में दूषित पानी जमा होने की वजह से रोगी के पेट में साधारण पानी पचता नहीं है, जिस वजह से जलोदर रोग की समस्या हो जाती है।

 

  • लिवर, किडनी और हृदय के ठीक से न काम करने से भी ये रोग हो जाता है।

 

  • इस रोग का सबसे अहम कारण लिवर की बीमारी है। लिवर रोगों के अलावा कभी-कभी इस रोग का कारण कैंसर, हार्ट फेल्योर, किडनी फेल्योर, पैंक्रियाज में सूजन आदि भी होते हैं। एक्यूट लिवर डिजीज की अपेक्षा क्रॉनिक लिवर डिजीज होने पर इस रोग की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
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  • पोर्टल नस में ब्लड प्रेशर बढ़ जाने के कारण जलोदर रोग हो जाता है। आमतौर पर पोर्टल नस में हाई ब्लड प्रेशर ज्यादा मात्रा में शराब पीने और वायरल हेपेटाइटिस के कारण होता है।

 

 

जलोदर रोग के लक्षण

 

 

 

  • अचानक वजन बढ़ना

 

 

  • सांस लेने में भी परेशानी होना

 

  • पेट का आकार बड़ा होना

 

  • जिस करवट लेटें उसी ओर का पेट फूलना

 

 

 

  • शरीर के अन्य अंगों में खासकर एड़ियों में सूजन आना

 

 

  • दिनभर पेट भारी-भारी और शरीर थका-थका महसूस होना

 

 

जलोदर रोग की सबसे खतरनाक बात ये है कि इस रोग की वजह से कई बार पेट में गंभीर इंफेक्शन हो जाता है, जिसे स्पॉन्टेनियस बैक्टीरियल पेरिटोनाइटिस कहते हैं। इसके कारण मरीज को लिवर सिरोसिस का भी खतरा हो जाता है। इस इंफेक्शन का अगर ठीक समय से इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता है।

 

 

जलोदर रोग का इलाज

 

 

इस रोग को ठीक करने के लिए आमतौर पर –

 

  • आहार में सोडियम की मात्रा को कम कर दे।

 

  • कुछ समय के लिए जलोदर रोगियों को पानी की मात्रा कम दे।

 

  • अगर पेट में पानी ज्यादा भर गया है, तो तुरंत ही चिकित्सक से संपर्क करे।

 

  • अगर जलोदर रोग का कारण ब्लड प्रेशर हो तो ब्लड प्रेशर को ठीक करने के लिए कभी-कभी ऑपरेशन करना पड़ता है। कई बार तो मरीज का लिवर तक बदलना पड़ता है।

 

  • पेट में होने वाले इंफेक्शन से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह लेकर एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करे।

 

 

जलोदर रोग में क्या खाये

 

 

जिन लोगो को जलोदर रोग की समस्या होती है, उन्हें ऐसे पदार्थ अधिक खाने चाहिए जिनसे कि पेशाब अधिक मात्रा में हो और साफ भी हो। इस रोग से पीड़ित रोगी को पानी कम पीना चाहिए, प्यास लग रही हो, तो उसे दही का पानी, ताजा मट्ठा, फलों का रस तथा गाय के दूध का सेवन करना चाहिए।

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  • लहसुन का रस पानी में मिलाकर तीन बार पिलाने से जलोदर रोग दूर होता है।

 

  • आम भी बहुत फ़ायदेमंद होता है जलोदर रोग में। इसलिए रोज 2-2 आम तीन बार खायें।

 

  • जिन लोगो को जलोदर रोग की समस्या होती है उन्हें कच्चा प्याज खाना चाहिए, इससे पेशाब ज्यादा होता है।

 

  • करेले का रस आधा कप पानी में मिलाकर पीने से भी लाभ होता है।

 

  • प्यास लगने पर पानी की जगह मक्खन, मट्ठा, मीठे अनार का रस, मूली के पत्तों और गाजर का रस का सेवन करें। इससे जलोदर रोग में बहुत लाभ मिलेगा।

 

  • साग-सब्जियों में करेला, मूली, लहसुन, कासनी, प्याज, पालक, शलगम आदि खाएं।

 

  • फलों में आम, अंजीर, मीठे अनार, खरबूजा, पपीता आदि का सेवन करें।

 

 

जलोदर रोग में इन चीजों से करे परहेज

 

 

  • तले हुए और मिर्च-मसालेदार भोजन न खाएं।

 

  • खिचड़ी, नमक, तंबाकू नशीली चीजें, मछली तथा अधिक पानी का सेवन न करें।

 

 

 

जलोदर रोग के घरेलू उपचार

 

 

सेंधा नमक के पानी से सेक

 

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गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर अपने पैरों को 15-20 मिनट के लिए इसमें रखें, क्योंकि सेंधा नमक शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और साथ ही पैरों में होने वाली सूजन से राहत पहुंचाने में भी मदद करता है।

 

 

मेथी

 

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मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगोकर रख दें फिर अगली सुबह मेथी को पानी में अच्छी तरह मिलाकर पानी छान लें और इस पानी को पी लें। इसमें हेपटोप्रोटेक्टिव और एंटी-कैंसर तत्व होते हैं, जो की यह सूजन को कम करती है। ऐसा करने से जलोदर रोग की समस्या दूर होगी।

 

 

अदरक

 

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अदरक को घिसकर एक कप गर्म पानी में डाल दें। अदरक को पांच-सात मिनट के लिए पानी में ही रहने दें। फिर पानी को छानकर उसमें शहद मिलाएं। जब पानी गुनगुना हो जाए, तो उसे पी लें। ऐसा करने से यह सूजन की समस्या को दूर करने में मदद करता है और साथ ही जलोदर रोग की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है।

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अरंडी के तेल से पेट की मालिश करें

 

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  • अरंडी के तेल से पेट और पीठ पर अच्छी तरह मालिश करें। इसके लिए आप पेट और पीठ पर ऊपर की ओर, पॉइंट रबिंग और नीडिंग मोशन में मालिश करें। कम से कम 15-20 मिनट तक मालिश करें। ऐसा करने से जलोदर रोग में बहुत राहत मिलेगा। आप अरंडी के तेल की जगह और भी कोई तेल इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

  • पेट और पीठ पर अच्छी तरह से मालिश करने से लिवर संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है और गैस की समस्या भी दूर हो जाती है।

 

 

अगर आपको जलोदर रोग के कोई भी लक्षण नजर आये तो, तो इसे नजरअंदाज न करे नहीं तो यह जानलेवा हो सकता है। कोई भी समस्या होने पर आप डॉक्टर से तुरंत ही सम्पर्क करे और उनसे सलाह ले।

 

यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है और अगर आप इसका इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+91 9599004311) या हमें [email protected] पर  ईमेल कर सकते हैं।

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