गैस्ट्रिटिस आहार के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ कौन से हैं – Best Hindi Health Tips (हेल्थ टिप्स), Healthcare Blog – News


गैस्ट्राइटिस दुनिया में सबसे आम समस्याओं में से एक है। बहुत से लोग असमान पाचन , सूजन , कब्ज , उल्टी आदि से पीड़ित हैं। इस स्थिति में, स्वस्थ भोजन की आपूर्ति की आवश्यकता बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।

 

यदि आप स्वास्थ्य के प्रति सचेत हैं और गैस्ट्राइटिस का विरोध करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यहां कई प्रकार के खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें गैस्ट्रिटिस आहार में शामिल किया जा सकता है, जैसे कि फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे काली बीन्स, ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें फ्लेवोनोइड्स जैसे अजवाइन, सेब और क्रैनबेरी होते हैं, और पनीर जैसे उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें।

 

 

 

 

 

गैस्ट्रिटिस स्थितियों का एक समूह है जिसमें पेट की कई समस्याएं शामिल होती हैं, जैसे पेट की परत की सूजन । वे थोड़े समय के लिए हो सकते हैं और लंबे समय तक रह सकते हैं, साथ ही ऊपरी पेट में दर्द , मतली और उल्टी जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

 

 

 

गैस्ट्राइटिस से जुड़े जोखिम और जटिलताएँ क्या हैं ?

 

 

सबसे आम जटिलताओं में पेट के अल्सर , पेट से रक्तस्राव और पेट के ट्यूमर शामिल हैं। क्रोनिक गैस्ट्रिटिस के कुछ रूपों में, पेट के कैंसर का खतरा बहुत अधिक हो जाता है। जिन लोगों के पेट की परत बहुत पतली होती है और परत की कोशिकाओं में बार-बार परिवर्तन होता है, उनमें कैंसर विकसित होने की संभावना अधिक हो सकती है ।

 

 

 

गैस्ट्राइटिस का खतरा बढ़ने का कारण क्या होते हैं ?

 

 

गैस्ट्राइटिस का खतरा बढ़ने के कुछ कारण होते हैं जैसे की-

  The First Dedicated DBT IOP/PC Opens in Maryland

 

  • जीवाणु संक्रमण
  • दर्द निवारक दवाओं का नियमित उपयोग
  • बड़ी उम्र
  • शराब
  • क्रोहन रोग
  • तनाव
  • विकिरण उपचार
  • ऑटोइम्यून समस्याएं
  • धूम्रपान
  • अन्य बीमारियाँ एवं स्थितियाँ

 

 

 

गैस्ट्राइटिस आहार के दौरान खाने में किन खाद पदार्थो का सेवन अधिक करना चाहिए ?

 

 

गैस्ट्राइटिस की समस्या होने पर मरीज को डॉक्टर द्वारा डी गई दवाइयों के सेवन के अलावा कुछ पोषक तत्व खाद्य पदार्थो का भी सेवन करना चाहिए जैसे की-

 

 

 

साबुत अनाज: यदि आपको गैस्ट्राइटिस है तो अपने आहार में साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इनमें ब्राउन चावल, साबुत अनाज की ब्रेड, साबुत गेहूं पास्ता, जई, जौ और क्विनोआ शामिल हो सकते हैं।

 

 

 

 

दही: दही एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें स्वस्थ प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट और आंत में बैक्टीरिया के संक्रमण को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

 

 

अंडा: अंडा विटामिन-बी से भरपूर होते हैं, इसके अलावा इसमें विटामिन बी12, बायोटिन, रिबोफ्लाविन, थियामिन और सेलेनियम भी मौजूद होता है जो कि शरीर के लिए अधिक फायदेमंद रहता हैं।

 

 

 

 

मछली: मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसके अलावा मछली में कैल्शियम, फास्फोरस प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन b2, आयरन, जिंक, सोडियम, मैग्नीशियम पोटेशियम भी अच्छी मात्रा में पाई जाती है।

 

 

 

 

 

खरबूजा: खरबूजा इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है, खरबूजे में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, विटामिन ए और एंटीऑक्‍सीडेंट पाया जाता है, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता हैं। यदि इम्युनिटी सिस्टम मजबूत हो तो किसी प्रकार का संक्रमण व्यक्ति को नहीं होता हैं तथा खरबूजा गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता हैं।

  Diarrhea Outbreak: Public Health Emergency Declared in Puducherry

 

 

 

 

 

चिकन: चिकन में अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि शरीर की कोशिकाओं के लिए अधिक मददगार साबित होते हैं तथा इम्युनिटी को मजबूत करने में भी मदद करते हैं। चिकन में मौजूद विटामिन बी6 और विटामिन बी12 गैस्ट्राइटिस की समस्या के लिए लाभदायक होते हैं।

 

 

 

इससे संबंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of src=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।


 

 



Source link

Leave a Comment