इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी बीमारी है जो सबसे पहले आपके पार्टनर के साथ आपकी सेक्स लाइफ पर बुरा प्रभाव डालती है। इसके अलावा आपके रिश्तों में दरार भी पैदा करती है। पहले के समय में इस बीमारी को काफी बड़ी समस्या मन जाता था। हालांकि आज के दौर में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या 25 और 32 साल की उम्र के पुरुषों को भी हो रही है। एक सिद्धांत के अनुसार ये बीमारियां बढ़ती उम्र के साथ होती हैं, लेकिन कम उम्र के पुरुषों में इस बीमारी के कई कारण होते हैं। लेकिन आपको घबराने के जरूरत नहीं है इसका इलाज आसानी से संभव है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है? (What is erectile dysfunction in Hindi)
जिन पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता है उन्हें संभोग के लिए इरेक्शन प्राप्त करने या बनाए रखने में परेशानी होती है। इरेक्शन में हार्मोन, मांसपेशियां, मस्तिष्क, तंत्रिकाएं, संचार प्रणाली शामिल होती है। ये सिस्टम लिंग में इरेक्टाइल टिश्यू को रक्त के प्रवाह से काम करने में मदद करते हैं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन वाले कुछ पुरुष इरेक्शन पाने में पूरी तरह से असमर्थ होते हैं। इरेक्शन होने पर या इसे बनाए रखने में कठिनाई होना एक खराब स्वास्थ्य स्थिति का संकेत हो सकती है, जिसका इलाज सही समय पर किया जाना चाहिए।
इस समस्या से पीड़ित कुछ पुरुषों को इरेक्शन पूरी तरह से नहीं होता है और कुछ को थोड़े समय से अधिक समय तक इरेक्शन बनाए रखने में परेशानी होती है। यह आपके आत्मविश्वास को कम करता है और आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते पर भी बुरा प्रभाव डालता है। एक अध्ययन के अनुसार, वृद्ध पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन अधिक आम है, लेकिन यह बड़ी संख्या में अब युवा पुरुषों को भी प्रभावित कर रहा है।
इस समस्या का इलाज से पहले इसके कारण को अच्छी तरह जानना और समझना ज़रूरी है। पहले तो डॉक्टर इस समस्या का इलाज करने के लिए उस व्यक्ति को दवा देंगे यदि दवा से आराम नहीं मिल रहा है तो वह कुछ अन्य तरीकों से भी इसका इलाज करेंगे।
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी
ईडी को ठीक करने के लिए कम सेक्स ड्राइव और टेस्टोस्टेरोन का लो ब्लड लेवल है, टेस्टोस्टेरोन थेरेपी सामान्य इरेक्शन को ठीक कर सकती है या ईडी दवाओं (पीडीई टाइप 5 इनहिबिटर) के साथ संयुक्त होने पर मदद कर सकती है।
सर्जिकल ट्रीटमेंट
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट में पेनाइल इम्प्लांट किया जाता है। चूंकि अधिक उम्र वाले पुरुषों के लिए पेनाइल वैस्कुलर सर्जरी का सुझाव दिया जाता है। अपने पार्टनर को खुश रखने और संबंधों को बनाए रखने के लिए यह एक बहुत अच्छा विकल्प है।
सेमि रिजिड इम्प्लांट (Semi-rigid Implant (Bendable)
सबसे सरल प्रकार का इम्प्लांट है जो आसानी-से-मोड़ने वाली अर्टिफिकल तकनीक से बनाया जाता है। यह सिलिकॉन से बने होते हैं। ये सिलिकॉन से बना लिंग की पुरुष के लिंग को यौन प्रवेश के लिए आवश्यक मजबूती प्रदान करती हैं। पेशाब करने के लिए इम्प्लांट को नीचे की ओर झुकाया जा सकता है और सेक्स के लिए ऊपर की ओर किया जा सकता है।
इन्फ्लेटाब्ले इम्प्लांट
इन्फ्लेटेबल इम्प्लांट के साथ, द्रव से भरे सिलेंडर लिंग में लंबाई में रखे जाते हैं। ट्यूबिंग इन सिलेंडरों को अंडकोश के अंदर रखे पंप से जोड़ती है। जब पंप लगा होता है, तो सिलेंडर में दबाव लिंग को फुला देता है और उसे सख्त बना देता है। इन्फ्लेटेबल इम्प्लांट एक सामान्य दिखने वाला इरेक्शन बनाते हैं और आपके पार्टनर को और कम्फर्टेबले महसूस कराते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल? (Best hospital for erectile dysfunction treatment in Hindi)
यदि आप इनमें से किसी भी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण क्या होते हैं? (What are the symptoms of erectile dysfunction in Hindi)
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जिनसे आप इस समस्या का निदान कर सकते हैं। स्तंभन दोष के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- यौन इच्छा का कम होना: यदि किसी पुरुष के साथ ऐसा होता है तो यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन का लक्षण हो सकता है ऐसा होने पर उस व्यक्ति को सेक्स करने की इच्छा कम होती है।
- लंबे समय तक सुस्ती और कमजोरी महसूस होना: इस समस्या से परेशान पुरुषों के शरीर में आलस्य और कमजोरी लंबे समय तक बनी रहती है।
- स्खलन की समस्या होना: सेक्स के दौरान उत्तेजना बढ़ने पर भी शुक्राणुओं के निकलने में समस्या होती है।
- लिंग का लंबे समय तक न कसना: जब पुरुष सेक्स के लिए तैयार होते हैं तो उत्तेजित होने के बाद भी अपने लिंग को ज्यादा देर तक टाइट नहीं रख पाते हैं।
- इरेक्शन बनाए रखने में परेशानी: अगर लिंग में इरेक्शन हो भी जाता है तो भी वह पुरुष ज्यादा समय तक उसे मेंटेन नहीं कर पाता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के क्या कारण होते हैं? (What are the causes of erectile dysfunction in Hindi)
ईडी कई कारकों के कारण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
वैस्कुलर डिजीज: एथेरोस्क्लेरोसिस जैसे समस्या होने पर लिंग में रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती है या तो वह नसे अवरुद्ध या संकुचित हो जाती हैं।
तंत्रिका संबंधी विकार (Neurological disorders): लिंग में रक्त प्रवाह करने वाली नसों में स्ट्रोक, मधुमेह या अन्य कारणों से डैमेज हो सकती हैं।
मनोवैज्ञानिक अवस्थाएँ (Psychological states): इनमें तनाव, अवसाद, मस्तिष्क से उत्तेजना की कमी और अधिक चिंता होने लगती हैं।
आघात (Trauma): ऐसा जरुरी नहीं है लेकिन कुछ कारणों से अगर चोट लग जाए तो भी ईडी जैसी समस्या हो सकती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का निदान कैसे किया जाता है? (How is erectile dysfunction (ED) diagnosed in Hindi)
- कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी)
- लिपिड प्रोफाइल
- थायराइड फंक्शन टेस्ट
- ब्लड हार्मोन स्टडीज
- मूत्र-विश्लेषण (Urinalysis)
- डुप्लेक्स अल्ट्रासाउंड
- बुलबोकेर्नोसस रिफ्लेक्स
- नोक्टर्नल पेनियल तुमीसेंसी (Nocturnal penile tumescence)
- पेनाइल बायोथेसियोमेट्री
- वासोएक्टिव इंजेक्शन
- डायनेमिक इन्फ्यूजन कैवर्नोसोमेट्री
- कैवर्नोग्राफ़ी
- धमनीविज्ञान (Arteriography)
यदि आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहते हैं या इससे सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी। हम आपका सबसे अच्छे हॉस्पिटल में इलाज कराएंगे।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।