जानें दिमाग को कैसे हेल्दी एंड हैप्पी रखें, अपनी आदतों में शामिल करें ये 5 चीजें


Mental Health: आज के इस फास्ट-फॉरवर्ड जीवन में, हमारा दिमाग लगातार चलता रहता है. काम की बढ़ती होड़ या हमारी डिजिटल डिवाइसेज में बढ़ती डिपेंडेंसी, हमारे दिमाग को लगातार ताजगी और एनर्जी की जरूरत है. और अगर हम इसका सही तरह से ध्यान नहीं रखें तो हमें मानसिक थकावट और क्लियरिटी में कमी का सामना करना पड़ सकता है. पर चिंता की कोई बात नहीं, कुछ आसान तरीके हैं जिनसे हम अपने दिमाग को स्वस्थ और खुशहाल रख सकते हैं. आइए, जानते हैं की वे कौन-कौन से तरीके हैं..

ध्यान और मेडिटेशन
ध्यान और मेडिटेशन दिमाग को वास्तव में हेल्दी और हैप्पी रखने में मदद करते हैं. ध्यान लगाने से मानसिक शांति मिलती है जो तनाव कम करती है. यह दिमाग को आराम देता है. मेडिटेशन से फोकस बढ़ता है और जागरूकता में सुधार होता है. यह दिमाग की सक्रियता को बढ़ाता है. ये दिमाग की प्लास्टिसिटी को बढ़ाते हैं जिससे नई चीज़ें सीखना आसान हो जाता है. मन को शांत और प्रसन्न रखकर ये उत्साह, सकारात्मकता और खुशी बढ़ाते हैं. इसलिए रोजाना ध्यान और मेडिटेशन करने से दिमाग निश्चित रूप से हेल्दी और हैप्पी बना रहता है. 

सही आहार और पानी
हमारा दिमाग 70% पानी से बना होता है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है. पानी पीने से दिमाग में रक्त प्रवाह अच्छा रहता है जो दिमाग के काम करने के लिए जरूरी है. फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज जैसे हेल्दी फूड दिमाग को पोषक तत्व देते हैं. सही आहार भी दिमाग के लिए जरूरी है. 

  India fails to address growing mental health problem

शारीरिक व्यायाम
नियमित रूप से व्यायाम करना रक्त संचार में सुधार करता है, जो दिमाग को अधिक ऑक्सीजन पहुँचाता है. व्यायाम से दिमाग में ब्लड फ्लो बढ़ता है जिससे दिमाग ताजगी महसूस करता है. एंडोर्फिन्स जैसे हार्मोन बढ़ते हैं जो मूड को बेहतर बनाते हैं. नए न्यूरॉन्स बनने से दिमाग की क्षमता बढ़ती है. स्ट्रेस हार्मोन कम होते हैं जिससे दिमाग शांत रहता है. 

डिजिटल डिटॉक्स: डिजिटल डिटॉक्स यानी डिजिटल डिवाइसेज से ब्रेक लेना दिमाग को हेल्दी और हैप्पी रखने में मददगार होता है. स्मार्टफोन और कंप्यूटर से समय-समय पर ब्रेक लेना भी जरूरी है,ताकि हमारा दिमाग अधिक काम कर सके.फोन,लैपटॉप से ब्रेक लेने से आँखों को आराम मिलता है.तनाव और चिंता कम होती है क्योंकि सोशल मीडिया से दूरी बनती है.ध्यान केंद्रित करना और गहरी नींद आना आसान हो जाता है.  

हौबीज और रचनात्मकता
हौबीज जैसे पेंटिंग, संगीत, नृत्य आदि दिमाग के विभिन्न भागों को एक्टिवेट करती हैं. ये दिमाग को चुनौतीपूर्ण काम करने के अवसर प्रदान करती हैं जिससे नए न्यूरॉन बनते हैं. रचनात्मकता से दिमाग लचीला बना रहता है और नई चीजें सीखने की क्षमता बढ़ती है. ये तनाव कम करने में मदद करती हैं और दिमाग को शांति प्रदान करती हैं. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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