जाने मेदांता हॉस्पिटल किडनी ट्रांसप्लांट कितनी लागत आती है। – GoMedii


मेदांता अस्पताल की स्थापना 2009 में प्रसिद्ध कार्डियोवास्कुलर और कार्डियोथोरेसिक सर्जन द्वारा की गई थी। अस्पताल NABH और NABL दोनों से मान्यता प्राप्त है। उत्कृष्टता केंद्रों में हार्ट इंस्टीट्यूट, न्यूरोसाइंसेस संस्थान, हड्डी और संयुक्त संस्थान, किडनी और यूरोलॉजी संस्थान, कैंसर संस्थान और मेडिकल ऑन्कोलॉजी और हेमेटोलॉजी विभाग शामिल हैं।

 

यह कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी और गायनोकोलॉजी में रोबोटिक सर्जरी की पेशकश करने वाला देश का पहला अस्पताल है। 2010 में एशिया के पहले रक्तहीन अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण, हेल्थकेयर ग्लोबल एंटरप्राइजेज (एचसीजी) द्वारा सर्वश्रेष्ठ मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में सम्मानित किया गया।

 

  • स्थापित: 2009

 

  • स्थान: दिल्ली एनसीआर, भारत

 

  • मान्यता: जेसीआई, एनएवीएच, एनएबीएल

 

  • मल्टी-सुपरस्पेशलिटी: मल्टी-सुपरस्पेशलिटी

 

  • पता: सीएच बख्तावर सिंह रोड, मेडिसिटी, इस्लामपुर कॉलोनी, सेक्टर 38, गुरुग्राम, हरियाणा, भारत 122001

 

 

 

 

 

यदि किसी मनुष्य की किडनी कोई बीमारी के कारण काम करना बंद कर दे तब डॉक्टर किसी स्वस्थ व्यक्ति की किडनी मरीज के शरीर में स्थानांतरित करने का विकल्प देते हैं उसे किडनी ट्रांसप्लांट कहा जाता हैं। अंतिम स्टेज के किडनी बीमारी के लिए सबसे बेहतर इलाज किडनी ट्रान्सप्लांट को ही माना जाता है।

 

 

 

किडनी ट्रांसप्लांट से पहले मरीज की जाँच किस प्रकार होती हैं ? (How is the patient examined before kidney transplant in Hindi)

 

  • किडनी ट्रांसप्लांट से पहले मरीज का शारीरिक परीक्षण किया जाता हैं ताकि यह देखा जा सके की मरीज किसी गंभीर बीमारी से तो ग्रस्त नहीं हैं और ऑपरेशन के लिए मरीज की स्थिति ठीक हैं या नहीं।

 

  • माइक्रोस्कोप की मदद से किडनी के ऊतकों की जाँच की जाती हैं और किडनी की बायोप्सी भी की जाती हैं इस जाँच को करने से असामान्य कोशिकाओं को देखने में मदद मिलती हैं।
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  • यदि मृत डोनर की किडनी ट्रांसप्लांट की जानी हैं तो दोनों के ऊतकों का मिलान किया जाता हैं और एंटीबॉडीज़ टेस्ट उसी प्रकार किए जाते हैं जैसे जीवित डोनर के साथ किए जाते हैं।

 

 

 

किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया क्या होती हैं ? (Kidney transplant procedure in hindi)

 

 

किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में यदि जीवित व्यक्ति डोनर हैं तो मरीज और डोनर दोनों का ऑपरेशन साथ में किया जाता हैं। एनेस्थीसिया देने के बाद पेट के नीचे बड़ा चीरा लगा कर डोनर से किडनी निकालकर विशेष प्रकार के ठंडे द्रव से अच्छी तरह साफ किया जाता हैं। फिर इसे मरीज के पेट के नीचे चीरा लगा कर पेट के आगे वाले हिस्से में दाहिने ओर नीचे लगा दिया जाता हैं तथा उसके बाद मरीज की धमनियों ओर नसों को डोनर से मिली किडनी के साथ जोड़ दिया जाता हैं मरीज की किडनी को बाहर निकाला नहीं जाता हैं बहुत कम स्थिति में ऐसा होता हैं की मरीज की संक्रमित किडनी को बाहर निकाला जाए। ऑपरेशन होने के बाद सर्जिकल धागों से चीरे को बंद कर दिया जाता हैं।

 

किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में लगभग 3 घंटे का समय लगता हैं। यदि जीवित व्यक्ति की किडनी लगी हो तो वह तुरंत काम करना शुरू कर देती हैं परन्तु किसी मृत व्यक्ति की किडनी लगी हो तो वह कुछ दिन या हफ्ते के बाद काम करना शुरू करती हैं।

 

 

 

मेदांता अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च कितना आता हैं ? (kidney transplant cost in Medanta in Hindi)

 

 

यूरोलॉजिकल देखभाल नवीनतम तकनीक का उपयोग करके प्रदान की जाती है, जिसमें पथरी की बीमारी, प्रोस्टेट, प्रोस्टेट के कैंसर, मूत्राशय, और किडनी, जन्मजात बीमारियों, संक्रमण, पुरुष बांझपन, स्तंभन दोष (erectile dysfunction), मूत्र असंयम (urinary incontinence), और किडनी फेलियर आदि रोगों के लिए रोबोटिक सर्जरी से भी इलाज किया जाता है। यदि आप किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च जानना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले हमारे डॉक्टर से कंसल्ट करना होगा उसके बाद ही हम आपको इसके पूरे खर्च बताएंगे। डॉक्टर से कंसल्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को क्या करना चाहिए ? (What should a patient do after kidney transplant in Hindi)

 

 

जिन व्यक्तियों में किडनी ट्रांसप्लांट की जाती हैं उसके बाद उनकी इम्युनिटी पॉवर काफी कमजोर हो जाती हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टर मरीज को एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं जो की बहुत प्रभावशाली होती हैं जिसके लिए मरीज की इम्युनिटी स्ट्रांग होनी चाहिए जिसके लिए सबसे जरुरी होता हैं खान-पान पर ध्यान देना किडनी ट्रांसप्लांट के बाद किस तरह के खाने का सेवन करना चाहिए –

 

  • किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद शरीर को पूरी तरह उबरने के लिए सबसे ज्यादा प्रोटीन ज़रूरत पड़ती है। इसलिए अपनी डाइट में प्रोटीन को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें। इसके अलावा जो मरीज डायलिसिस की प्रक्रिया से गुज़र चुकें हैं उन्हें अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ा देनी चाहिए, इसलिए दूध, दाल जैसी चीजों का सेवन ज्यादा करें।

 

  • किडनी ट्रांसप्लांट के बाद कच्चे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योकि इनसे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता हैं तथा जब भी फलों का सेवन करना हो तो उन्हें गरम पानी में उबालकर खाएं ताकि उनमें मौजूद सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाए।

 

  • किडनी ट्रांसप्लांट के बाद नॉनवेज खाने का सेवन बिल्कुल भी न करें। क्योंकि ये बहुत ज्यादा भारी हो सकता है। इसलिए इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

 

  • धूम्रपान और शराब का सेवन न करें यह किडनी पर अधिक बुरा प्रभाव डालता हैं। यदि कोई भी व्यक्ति जो की धूम्रपान करता हो उससे भी दूरी बना के रखें।
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  • किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सभी प्रकार की दालों का सेवन करना भी लाभदायक होता हैं।

 

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