थायरॉइड (Thyroid) एक ग्रंथि है जो आपके गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की होती है। ये सांस की नली के ऊपर होती है। यह ग्रंथि शरीर में थायरॉइड हार्मोन उत्पन्न करने का काम करती है। ये हार्मोन शरीर के मेटाबोलिक गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे ऊर्जा निर्माण, ऊर्जा उपयोग, और शरीर के अन्य कार्यों को संतुलित रखने में मदद मिलती है। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर के विभिन्न अंगों और उनके कार्यों को नियंत्रित करता है।
थायरॉइड दो मुख्य शाखाओं से बना होता है – एक हॉर्मोन तैयार करने वाली शाखा और कैल्शियम के उपयोग में सहायक रहने वाली शाखा। यह दोनों शाखाएं एक विशेष प्रकार के प्रोटीन को उत्पन्न करती हैं जो थायरॉइड हार्मोन जिसे ट्राययोडोथायरोनिन (T3) और थायरोकैल्सिफेरोल (T4) के नाम से जाना जाता है।
थायरॉइड के लक्षण व्यक्ति के थायरॉइड ग्रंथि के स्वास्थ्य से संबंधित होते हैं। ये लक्षण थायरॉइड के अधिक या कम होने के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ सामान्य थायरॉइड रोगों के लक्षण:
हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) के लक्षण:
- दिल की धड़कन बढ़ना
- अधिक पसीना आना
- थकान और कमज़ोरी का अहसास होना
- वजन कम होना
- नींद की कमी
- बालों का झड़ना
- हाथ तथा शरीर का कांपना
- थकान और कमज़ोरी महसूस होना
- वजन बढ़ना
- सर्दी का महसूस होना या ठंड लगना,
- बालों, त्वचा, और नाखूनों मैं सूखापन दिखना
- मूड स्विंग (डिप्रेशन, चिंता)
- याददाश्त कमज़ोर होना
- पीले रंग की त्वचा
- पेट में सूजन महसूस होना
यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ महसूस हो रहे हैं, तो आपको एक चिकित्सा से सलाह जरूर लेनी चाहिए। थायरॉइड रोगों का समय पर इलाज करवाना बहुत महत्वपूर्ण है जिससे स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके।
थायरॉइड किस कारण से हो सकता हैं ?
आयोडीन की कमी थायरॉयड रोग का सबसे आम कारण है जो थायरॉइड हार्मोन (टी3 और टी4) की कमी से होता है। यह हार्मोन पोषक तत्वों के मेटाबोलिज्म को स्थिर करने में मदद करते हैं। इसके कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
आयोडीन की कमी: आयोडीन थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन के लिए जरुरी होता है। आयोडीन की कमी के कारण थायरॉइड ग्रंथि अपने काम को नहीं कर पाती है और थायरॉइड हार्मोन की उत्पादन में कमी हो सकती है।
खानपान: खाने में आयोडीन समृद्ध खाद्य पदार्थों की कमी , जैसे की नमक, समुद्री फूड, दूध, आयोडाइन युक्त नमक का कम इस्तेमाल, इससे आयोडीन की कमी हो सकती है।
आयोडीन एक खनिज है जो प्राकृतिक रूप से समुद्री जल और मिट्टी में पाया जाता है। थायरॉयड ग्रंथि में थायराइड हार्मोन बनाने के लिए शरीर को आयोडीन की आवश्यकता होती है।
थायरॉइड का ऑपरेशन कैसे होता है ?
ऑपरेशन से पहले डॉक्टर मरीज को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन देते है और मरीज की स्वास नली मैं एक ब्रीथिंग ट्यूब डालते है जिससे सर्जरी के दौरान मरीज को स्वास लेने मैं परेशानी न हो। इसके गंभीर मामलों में, आपको थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है। ऑपरेशन करने की प्रक्रिया की जा रही होगी तो सर्जन आपकी गर्दन में छोटे-छोटे कई चीरे लगाएंगे। चिकित्सा उपकरणों और एक छोटा सा वीडियो कैमरा चीरों के माध्यम से गर्दन के अंदर डाला जाता है।
कैमरे की मदद से सर्जन की टीम को यह पता चलता है कि उन्हें सर्जरी कहां करनी है। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर मरीज के गले मैं एक छोटी ट्यूब (कैथेटर) को नली और अन्य तरल पदार्थों को बनाने में मदद करने के लिए उसे आपके गले में रखा जाता है। 1 या 2 दिनों में उसे हटा दिया जाता है। प्रक्रिया में लगभग 1-2 घंटे लगते हैं और ऑपरेशन सफल होने की संभावना बहुत कम होती है।
उसके बाद डॉक्टर टांके लगाकर कट को बंद कर देते है। डॉक्टर को इस प्रक्रिया को पूरा करने में 4 घंटे या उससे ज्यादा तक का समय लग जाता है। यदि थायरॉइड का केवल एक हिस्सा हटा दिया जाता है, तो इस प्रक्रिया में कम समय लगता है। लेकिन इसका निर्णय आपके डॉक्टर लेते है यदि आपको भी थायरॉइड की समस्या है तो आप हमारे डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
थायरॉइड सर्जरी (thyroid surgery) किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव (serious side-effect) का उत्पादन नहीं करती है और व्यक्ति को एक दिन के अंदर सामान्य गतिविधियों (normal activities) को फिर से शुरू करने में मदत करती है। मरीज सर्जरी के दिन घर वापस जा सकता है या डॉक्टर द्वारा रात के लिए वापस रहने की सिफारिश की जा सकती है। मरीज के गले में दर्द होने की वजह से मरीज पीड़ित हो सकता है। परन्तु कुछ दवाएं दे कर इस दर्द से आराम मिल जाता है।
थायरॉइड के ऑपरेशन में कितना खर्च आता है?
भारत में थायरॉइड के ऑपरेशन की लागत लगभग रु। 45,750 से शुरू होती है और रु. 4,65,000, पर ख़त्म हो जाती है। यह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि, हैदराबाद में थायरॉइड कैंसर सर्जरी की लागत 42,200 रुपये से शुरू होती है।
थायरॉइड में क्या खाना चाहिए ?
थायरॉइड की परेशानी के दौरान आपका खान-पान कुछ ऐसा होना चाहिएः-
- थायरॉइड रोग बूसे हुए आहार का सेवन ना करें।
- ज्यादा से ज्यादा फलों एवं सब्जियों को खाना शुरू करें।
- ज्यादातर हरी सब्जियों का सेवन करें। इनमें उचित मात्रा में आयरन होता है, जो थायरॉइड के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
- मिनरल्स और विटामिन से युक्त भोजन का सेवन करने से थायरॉइड कन्ट्रोल करने में मदद मिलती है।
- आयोडीन युक्त आहार का सेवन करें।
- नट्स जैसे बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीजों का अधिक सेवन करें। इनमें कॉपर की पर्याप्त मात्रा होती है, जो थायरॉइड में फायदेमंद होता है।
- थायरॉइड के घरेलू उपचार में दूध और दही का अधिक सेवन करना चाहिए।
- थायरॉइड के घरेलू इलाज के लिए आप विटामिन-ए का अधिक सेवन करें। जैसे आप गाजर खा सकते है।
- साबुत अनाज का सेवन करें। इसमें फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते हैं।
- गेहूँ और ज्वार का सेवन करें।
थायरॉइड के मरीजों के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।
थायरॉइड के मरीजों के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।
थायरॉइड के मरीजों के इलाज के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल।
थायरॉइड के मरीजों के लिए ग्रेटर नोएडा के अच्छे अस्पताल।
- शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
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