पीरियड आने से पहले कमर में दर्द क्यों होता है।


पीरियड्स को माहवारी भी कहते हैं। पीरियड के दौरान गर्भाशय के अंदर से रक्त और उत्तक योनि के द्वारा बाहर निकलते हैं। आमतौर पर यह महीने में एक बार होता है। पीरियड महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक क्रिया है जिसके बारे में हर लड़की और महिला को जानकारी होनी चाहिए। आमतौर पर लड़कियों में यौवन का समय लगभग 11 साल की उम्र से शुरू हो जाता है जिसके बाद उनको पीरियड्स आने लगते हैं। पीरियड्स के दौरान आमतौर पर 3-7 दिनों तक ब्लीडिंग होती है।

 

 

 

पीरियड्स आने से पहले कमर में दर्द क्यों होता है ?(Why does back pain occur before periods in Hindi)

 

 

महिलाओं में पीरियड्स के समय कमर दर्द होना एक आम समस्या है। इस दौरान महिलाओं में कमर दर्द के साथ पेट में ऐंठन, पैरों में दर्द और पेट फूलना आदि कई समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। कई बार महिलाएं इन समस्याओं को दूर करने के लिए कई तरह की दवाइयों का सेवन करने लगती हैं। लेकिन ये दवाइयां थोड़े समय के लिए, तो कमर दर्द से आराम दिलाती है। थोड़े देर बाद कमर दर्द फिर से शुरू हो जाता है। पीरियड्स में कमर का दर्द सामान्य होने के साथ-साथ किसी बीमारी जैसे कष्टार्तव (दर्दनाक माहवारी) की ओर संकेत भी हो सकता है। पीरियड्स में महिलाओं को होने वाला कमर दर्द कई कारणों से हो सकता है जिसमे से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-

 

  • एक ऐसी स्थिति जिसमें ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है। ऊतक के गर्भाशय के बाहर बढ़ने के कारण कमर के निचले हिस्से में दर्द होता है।

 

  • अंडाशय में ट्यूमर बनने से भी इसके लक्षण के रूप में कमर में दर्द हो सकता है।
  Diabetes Symptoms in Men: 6 Lesser-Known Signs of High Blood Sugar in Legs And Feet

 

  • यह माहवारी से जुड़ा एक विकार है जिसमे पीरियड्स लगभग एक हफ्ते पहले आ जाते हैं जिससे कमर में दर्द महसूस हो सकता हैं।

 

  • इसमें क्रैंपिग (ऐंठन ) होता है जो प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन के कारण होता है। इस हार्मोन के कारण गर्भाशय की परत में सिकुड़न होता है जिससे कमर दर्द बढ़ जाता है। यह दर्द पीरियड के पहले या पीरियड के दौरान हो सकता है।

 

 

 

पीरियड्स में रुकावट किस कारण आती हैं ? (What causes interruption in periods in Hindi)

 

 

यदि आपके पीरियड मिस हो गए हैं या लेट हो गए है और आप इस चिंता में हैं कि किसी वजह से आप प्रेग्नेंट हो। अगर ऐसा ही है तो आपके लिए यह जानना ज़रुरी है कि पीरियड्स मिस या लेट होने के और भी बहुत से कारण होते हैं –

 

  • थायराइड: अगर किसी महिला को थायराइड की समस्या है और थायराइड अचानक बढ़ने या घटने लगे तो इससे भी पीरियड्स ब्रेक हो जाते हैं।

 

  • मेनोपॉज: वैसे 45 की उम्र के बाद ही मेनोपॉज होता है, परंतु कभी-कभी ये महिलाओं में जल्दी भी हो जाता है । महिलाएं अगर बर्थ-कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं, तो भी पीरियड्स साइकल पूरी तरह बिगड़ सकती है ।

 

  • पॉलि‌सिसटिक ओवरी सिंड्रोम: यदि महिलाएं पॉलि‌सिसटिक ओवरी सिंड्रोम की शिकार हैं, तो इस कारण भी पीरियड्स में रुकावट आ सकती है । ऐसे केस में कईं बार महिलाओं की छाती और चेहरे पर बाल भी आ जाते हैं ।

 

  • वज़न घटना और बढ़ाना : यदि किसी महिला ने अपने वज़न को घटाया या बढ़ाया है तो इससे उसकी पीरियड साइकिल पर भी बहुत प्रभाव पड़ सकता है।
  Eating papaya, chasing away illnesses...5 surprising benefits of this yellow fruit

 

  • तनाव: आपके साथ ऐसा तनाव की वजह से भी हो सकता है, जिसके कारण पीरियड्स में देरी हो जाती है । एक शोध के अनुसार किसी विषय के बारे में बहुत अधिक सोचने से भी ऐसा हो सकता है ।

 

 

पीरियड्स के लक्षण क्या होते हैं ? (What are the symptoms of periods in Hindi)

 

 

  • मुहाँसे उत्पन्न होना

 

 

 

 

  • बेचैनी होना

 

 

  • चिड़चिड़ापन महसूस होना

 

  • थकान महसूस होना

 

  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना

 

  • खाने की तीव्र इच्छा या अधिक भोजन करना

 

  • मूड परिवर्तन (मूड स्विंग) या अवसाद जैसी समस्याएं उत्पन्न होना।

 

 

पीरियड्स में क्या खाना चाहिए ? (What should one eat during periods in Hindi)

 

 

पीरियड्स में ऐसे पदार्थो का सेवन करना चाहिए जो की शरीर के लिए अधिक लाभदायक रहे। पीरियड्स के समय महिलाओं को कुछ इस प्रकार के पदार्थो का सेवन करना चाहिए जैसे की –

 

  • स्ट्रॉबेरी, रसभरी और ब्लूबेरी जैसे जामुन एंटीऑक्सिडेंट में उच्च होते हैं और मासिक धर्म से जुड़ी सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

  • केले पोटैशियम से भरपूर होते हैं जो की पीरियड्स के समय सूजन और पानी के प्रतिधारण को कम करने में मदद करता है।

 

  • पीरियड्स में आप अपनी डाइट में चिकन को शामिल कर सकते हैं। चिकन भी आयरन और प्रोटिन युक्त होता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान आप इसे भी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से आप पेट भरा महसूस करते हैं जिससे आपको दूसरी चीजों की क्रेविंग भी नहीं होती है।

 

  • पीरियड्स के दौरान आयरन युक्त चीजों को लें खासतौर पर अगर आपको हैवी ब्लीडिंग हो रही हो। ऐसा इसलिए क्योंकि अत्यधिक ब्लीडिंग से थकान, शारीरिक दर्द और चक्कर की शिकायत हो सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियों पालक को शामिल कर सकते हैं। पालक आयरन के साथ-साथ मैग्नीशियम से भरपूर होता हैं।
  Push-Ups Workout: What muscles do push-ups work?

 

  • डार्क चॉकलेट आयरन और मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत है। 100 ग्राम बार में 70 से 85 प्रतिशत डार्क चॉकलेट होती है। इसमें 67% आयरन और 58% मैग्नीशियम होता है। मैग्नीशियम पीएमएस के लक्षण को दूर करने में उपयोगी माना जाता है।

 

  • संतरे में कैल्शियम और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पीएमएस के लक्षणों को मिटाने में सक्षम होते हैं, कैल्शियम का उच्च स्तर दर्द को कम कर मांसपेशियों को आराम देने में कारगर साबित हो सकता है।

 

 

इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें।। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of src=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।


 

 



Source link

Leave a Comment