पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का इलाज क्या है, जाने कितना होगा खर्च – Best Hindi Health Tips (हेल्थ टिप्स), Healthcare Blog – News


आजकल लड़कियों में अनियमित पीरियड्स की समस्या बहुत आम हो गई है। यही समस्या आगे चलकर पीसीओएस का रूप ले सकती है। एक समय था जब महिलाएं घर की चार दीवारी के भीतर अपना जीवन व्यतीत करती थीं। लेकिन अब जमाना इतना बदल गया है कि आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर घर और बाहर दोनों जगह की जिम्मेदारी उठाती हैं। लेकिन घर और बाहर की जिम्मेदारी उठाते हुए महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं।

 

गलत समय खान-पान, सेहत की अनदेखी, अनियांत्रित जीवनशैली और तनाव के कारण आजकल महिलाएं कई तरह की बीमारियों से परेशान हो रही हैं। आज दो में से एक महिला कैंसर, हृदय रोग और गठिया जैसी बीमारियों से पीड़ित है। इन्हीं में से एक है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस। यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से परेशान हैं तो यहाँ क्लिक करें

 

 

 

 

आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके लक्षणों, चिकित्सा के इतिहास और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर उपचार का निर्धारण करेगा, और यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं। तो डॉक्टर उपचार की शुरुआत दवाओं से करेगा, यदि दवाओं से फायदा नहीं होता है तब डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी देते हैं।

 

सर्जरी: ओवेरियन ड्रिलिंग नामक एक सर्जिकल प्रक्रिया अंडाशय (ovary) में उन ऊतकों को हटाकर ओव्यूलेशन को ट्रिगर कर सकती है जो एण्ड्रोजन हार्मोन का उत्पादन कर रहे हैं।

 

लेप्रोस्कोपी: लेप्रोस्कोपी पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए भी एक विकल्प है। गर्भधारण करने की कोशिश करने वालों में लैप्रोस्कोपिक ओवेरियन ड्रिलिंग (LOD) की जाती है। यह एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) पैदा करने वाले ऊतक को खत्म करने के लिए किया जाता है। यह हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद कर सकता है ताकि ओव्यूलेशन सामान्य रूप से गर्भावस्था के लिए अग्रणी हो सके। लेकिन कुछ मामलों में यह केवल एक अल्पकालिक समाधान है।

 

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ): आपके अंडे को आपके साथी के शुक्राणु के साथ एक प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है और फिर आपके गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। यह पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए एक विकल्प है जब दवा ओव्यूलेशन में मदद नहीं करती है।

 

 

लड़कियों में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या ज्यादा क्यों होती है?

 

आजकल टीनएजर्स में अनियमित पीरियड्स की समस्या बहुत आम हो गई है। यही समस्या आगे चलकर पीसीओएस का रूप ले सकती है। ऐसे में शरीर का हार्मोनल संतुलन गड़बड़ा जाता है, जिससे अंडे का विकास प्रभावित होता है। यह ओव्यूलेशन और मासिक धर्म चक्र को रोक सकता है। ऐसे में सेक्स हार्मोन में असंतुलन के कारण हार्मोन में जरा सा भी बदलाव होने पर पीरियड्स पर तुरंत प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति के कारण ओवरी में सिस्ट बन जाती है। इस समस्या के बने रहने से ओवरी के साथ-साथ फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है।

  One Person Dying Every 44 Seconds Due To COVID; Monkeypox Cases Trend Can Be 'Most Dangerous Time If..': WHO

यह स्थिति वाकई खतरनाक है। ये सिस्ट छोटी थैली जैसी संरचनाएं होती हैं जो तरल पदार्थ से भरी होती हैं। ये सिस्ट ओवरी में जमा होते रहते हैं और धीरे-धीरे इनका आकार बढ़ता जाता है। यह स्थिति पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है और यह समस्या ऐसी हो जाती है कि महिला को गर्भधारण करने में समस्या होने लगती है।

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण

 

 

 

पीसीओएस के लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं और अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता है। हालांकि इसके लक्षण किशोरावस्था में ही शुरू हो सकते हैं, लेकिन ये तब दिखाई देते हैं जब महिला का वजन बढ़ जाता है।

 

मासिक धर्म की समस्याएं जैसे समय से पहले या मासिक धर्म (periods) न आना, पीरियड्स के दौरान भारी रक्तस्राव, अनियमित पीरियड्स, सिर से बालों का झड़ना, जबकि शरीर के बाकी हिस्सों जैसे चेहरे पर बाल उग आते हैं। इसके अलावा, बार-बार गर्भपात, अवसाद, इंसुलिन प्रतिरोध और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया पीसीओएस के कुछ चेतावनी संकेत हैं।

 

कुछ अन्य लक्षणों में त्वचा पर लाल चकत्ते, मिजाज में बदलाव और गर्भवती होने में कठिनाई शामिल हैं। अक्सर, इन्हें अनदेखा कर दिया जाता है या अन्य कारणों से जिम्मेदार ठहराया जाता है और परिणामस्वरूप पीसीओएस निदान में देरी होती है। इन लक्षणों के अलावा पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

 

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए हॉस्पिटल

 

यदि आप पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का इलाज कराना चाहते हैं, तो आप हमारे द्वारा इन सूचीबद्ध अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं:

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल

 

  Robotics used to recreate man's urinary bladder in Delhi - ET HealthWorld

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए गुरुग्राम के बेस्ट अस्पताल

 

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के बेस्ट अस्पताल

 

  • शारदा अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
  • यथार्थ अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
  • बकसन अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
  • जेआर अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
  • प्रकाश अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
  • दिव्य अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
  • शांति अस्पताल, ग्रेटर नोएडा

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए मेरठ के बेस्ट अस्पताल

 

  • सुभारती अस्पताल, मेरठ
  • आनंद अस्पताल, मेरठ

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए हापुड़ के बेस्ट अस्पताल

 

  • शारदा अस्पताल, हापुड़
  • जीएस अस्पताल, हापुड़
  • बकसन अस्पताल, हापुड़
  • जेआर अस्पताल, हापुड़
  • प्रकाश अस्पताल, हापुड़

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए कोलकाता के सबसे अच्छे अस्पताल

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए बैंगलोर के सबसे अच्छे अस्पताल

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए मुंबई के सबसे अच्छे अस्पताल

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए हैदराबाद के सबसे अच्छे अस्पताल

 

  • ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स, लकडी का पूल, हैदराबाद

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए चेन्नई के सबसे अच्छे अस्पताल

 

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के इलाज के लिए अहमदाबाद के सबसे अच्छे अस्पताल

 

  • केयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, सोला, अहमदाबाद

 

यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप  (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।

 

 

पीसीओएस का निदान कैसे किया जाता है?

 

 

 

अधिकांश महिलाओं में पीसीओएस के सभी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

 

 

सबसे पहले, डॉक्टर महिला के चिकित्सा इतिहास की समीक्षा करता है और वजन, बीएमआई, मासिक धर्म चक्र, आहार और व्यायाम आहार जैसी जानकारी का पता लगाता है। पारिवारिक इतिहास लिया जाएगा, विशेष रूप से हार्मोन की समस्याओं और मधुमेह के संबंध में।

  Commentary: Misrepresented and misunderstood - What we can do for people with mental health struggles

 

इसके बाद स्तन, थायरॉयड ग्रंथि, त्वचा और पेट की शारीरिक जांच की जाती है। इसके बाद अल्ट्रासाउंड से पता चलता है कि ओवरी में कोई असामान्यता तो नहीं है। यदि पीसीओएस के लक्षण जैसे सिस्ट और बढ़े हुए अंडाशय मौजूद हैं, तो वे परीक्षण के दौरान दिखाई देंगे।

 

डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन, प्रोलैक्टिन, ट्राइग्लिसराइड्स, कोलेस्ट्रॉल, थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) और इंसुलिन के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण का आदेश भी दे सकते हैं। लिपिड लेवल टेस्ट, फास्टिंग ग्लूकोज टेस्ट और थायराइड फंक्शन टेस्ट भी किए जा सकते हैं।

 

रोगी में निम्नलिखित मानदंड पाए जाने पर स्थिति का स्पष्ट रूप से निदान किया जाता है, उदाहरण के लिए, मासिक धर्म की गड़बड़ी। रक्त में पुरुष हार्मोन के उच्च स्तर की उपस्थिति, जिससे शरीर या चेहरे पर मुँहासे या अतिरिक्त बाल हो सकते हैं। दोनों अंडाशय के आकार में वृद्धि या एक अंडाशय पर 12 या अधिक रोम की उपस्थिति होती है।

 

 

 

यदि आप पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का इलाज कराना चाहते हैं, या इससे सम्बंधित किसी भी समस्या का इलाज कराना चाहते हैं, या कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर (play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकता हैं। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of src=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।


 

 



Source link

Leave a Comment