किसी भी व्यक्ति के शरीर के लिवर में फ़ैट की मात्रा बहुत काम या बराबर होती हैं, परन्तु लिवर में फैट का बढ़ना परेशानी दे सकता हैं। अधिकतर लोग फैट से जुडी बीमारियों को नज़र अंदाज़ कर देते हैं जो की मनुष्य के लिए हानिकारक हो सकता हैं। मनुष्य को शरीर के फैट का अधिक से अधिक ख्याल रखना चाहिए ताकि वह सामन्य रूप से बराबर रहे अधिक बड़े न। लिवर से सम्बंधित कई बीमारियाँ हैं जो मनुष्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं इसमें से एक फैटी लिवर नामक बीमारी हैं। अब जानिए फैटी लिवर क्या होता हैं ? इस बीमारी के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है ताकि सभी व्यक्ति अपने अन्य कामों के साथ अपनी सेहत का भी ख्याल रख सके तथा डॉक्टर से परामर्श लें।
यह लिवर वे फैट से जुडी एक बीमारी होती हैं ,जब लिवर की कोशिकाओं के आसपास फैट जमने लगता हैं तब यह फैटी लिवर की बीमारी हो जाती हैं। परन्तु इस बीमारी का पता आसानी से चल जाता हैं ताकि मरीज जल्द से जल्द इसका इलाज करवा पाए। यदि शरीर में फैट की मात्रा लिवर के वजन से 10 % बढ़ जाती हैं तो भी इस बीमारी का निर्माण हो जाता हैं तथा यह पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता हैं। लिवर शरीर का महतवपूर्ण अंग हैं परन्तु फैटी लिवर अगर अधिक बढ़ने लगे तो यह मनुष्य के रोज के कामकाज पर भी असर डालता हैं।
फैटी लिवर दो प्रकार के होते हैं।
अल्कोहलिक फैटी लिवर (alcohol fatty liver): अल्कोहलिक फैटी लिवर नामक बीमारी अधिक मात्रा में शराब पिने से होती हैं क्योकि शराब पीने के कारण लिवर को अधिक नुकसान पहुँचता हैं। जो लोग अपनी दिनचर्या में शराब का सेवन अधिक करता हैं वह इस बीमारी से ग्रस्त हो सकता हैं। शराब लिवर के लिए ज़हर के सामान होती हैं। अल्कोहलिक फैटी लिवर नॉन – अल्कोहलिक फैटी लिवर के अनुसार अधिक खतरनाक होती हैं। यदि किसी मनुष्य को इस प्रकार का फैटी लिवर होता हैं तो वह डॉक्टर से जाँच कराये।
नॉन – अल्कोहलिक फैटी लिवर (non-alcoholic fatty liver): नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर जैसी बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती हैं क्योकि जरूरी नहीं हैं की यह शराब पीने से ही हो इस बीमारों के होने का कारण मनुष्य का अनियमित खानपान तथा जीवनशैली का सही न होना। लिवर में सूजन होने के कारण भी उसके आसपास जमाव हो जाता हैं इसलिए यह साधारण फैटी लिवर हो सकता हैं। यह अधिक खतरनाक नहीं मानी जाती परन्तु डॉक्टर से इसका इलाज भी सही समय पर करना अधिक आवशयक हैं।
फैटी लिवर के लक्षण क्या होते हैं ?
फैटी लिवर के दोनों प्रकार में ही लक्षण सामान्य दिखते हैं इसलिए डॉक्टर इस बीमारी का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट करवाते हैं जिसके जरिये यह पता चलता हैं की फैटी लिवर किस प्रकार का हैं तथा किस कारण हुआ हैं तो यदि किसी मनुष्य को इस प्रकार के लक्षण महसूस हो तो वह तुरंत ही डॉक्टर को दिखाए जैसे की –
- फैटी लिवर में जो रोगी होता हैं उसे अधिक थकान होने लगती हैं तथा उसमें ऊर्जा की अधिक कमी हो जाती हैं।
- भूक न लगना तथा खान-पान में बहुत कमी आना
- पेट के दाँए भाग के ऊपरी हिस्से मैं अधिक दर्द
फैटी लिवर के कारण क्या होता हैं ?
फैटी लिवर के अन्य कारण हो सकते हैं यह बीमारी महिला तथा पुरुष दोनों में पायी जाती हैं। फैटी लिवर के का कारण पता लेने के लिए सबसे पहले रोगी को डॉक्टर से सम्पर्क करना आवश्यक होता हैं इसके कारण निम्नलिखित हैं।
- यह बीमारी शराब पीने और शराब न पीने दोनों के अंदर नज़र आती हैं परन्तु अधिक शराब का सेवन करने से भी फैटी लिवर हो सकता हैं
- हइपिरलिपिडिमिया (रक्त में वसा का अधिक होना )
- अत्यंत अधिक मोटापा तथा अधिक कमजोर होना
- पेट में सूजन के कारण भी फैटी लिवर होता हैं
फैटी लिवर के इलाज।
फैटी लिवर अधिक होने का इंतज़ार न करते हुए इसका इलाज सही समय पर करवा लेना चाहिए यदि किसी मनुष्य को यह फैटी लिवर जैसी बीमारी होती हैं तो वह अपना इलाज डॉक्टर से कराये, डॉक्टर बीमारी अनुसार इसका इलाज करेंगे। इसका इलाज डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाइयों तथा उनके द्वारा बताये गए खान-पान के जरिये ठीक हो सकता हैं इसलिए डॉक्टर से परामर्श लेना रोगी के लिए अधिक आवयश्क होता हैं।
फैटी लिवर के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल।
फैटी लिवर के इलाज के लिए गुरुग्राम के बेस्ट अस्पताल।
- ला मिडास-मेडिकल एस्थेटिक एंड वेलनेस सेंटर एलएलपी, गुरुग्राम, हरियाणा
- मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम, हरियाणा
- मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम, हरियाणा
- आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम, हरियाणा
- फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम, हरियाणा
- सीडीएएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, गुरुग्राम, हरियाणा
- नीलकंठ अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम, हरियाणा
फैटी लिवर के इलाज के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल।
- मैक्स मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल, पंचशील पार्क, दिल्ली
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाग, दिल्ली
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत दिल्ली
- बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल दिल्ली
- मणिपाल अस्पताल नई दिल्ली
- फोर्टिस अस्पताल शालीमार बाग, दिल्ली
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल नई दिल्ली
- वेंकटेश्वर अस्पताल, नई दिल्ली
- बत्रा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर नई दिल्ली
- फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
- आईबीएस अस्पताल, नई दिल्ली
- सीके बिरला अस्पताल, पंजाबी बाग, दिल्ली
- फोर्टिस ला फेमे अस्पताल, नई दिल्ली
- एससीआई इंटरनेशनल हॉस्पिटल, नई दिल्ली
- आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, नई दिल्ली
- फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल अस्पताल, वसंत कुंज, दिल्ली
यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।
फैटी लिवर की बीमारी से बचने के लिए क्या करे।
- डॉक्टर से वार्षिक स्वास्थ्य जाँच करवाए। (उसमें लिवर , ब्लड शुगर , कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच करवाए ) यदि अगर किसी तरह की परेशानी नज़र आये तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- यदि वजन अधिक ज्यादा हैं तो उसका कारण जानने के लिए भी डॉक्टर की आवश्यकता होगीं तथा वजन को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा बताये गए डाइट चार्ट (Diet chart) अनुसार चीज़ो का सेवन करें।
- मधुमेह या रक्तचाप जैसी परेशानी हैं तो इसका इलाज सम्पूर्णरूप से कराये क्योकि इनसे भी फैटी लिवर के होने का खतरा अधिक रहता हैं।
- लिवर से सम्बंधित यदि कोई बीमारी हो तो शराब का सेवन बिलकुल बंद कर दे।
- यदि लिवर से सम्बंधित किसी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो इनका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से बात करें।
यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है और अगर आप इसका इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+919599004311) या हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं।
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