जब दिल की बीमारी (Heart Problem) को कंट्रोल करने की बात आती है तो हमें सबसे पहले इसके जोखिम के कारणों का आकलन करना बेहद जरूरी है. जिस चीज की वजह से दिल की बीमारी हो सकती है वह कारण है अनहेल्दी डाइट लेना, एक्सरसाइज की कमी, धूम्रपान, बहुत ज्यादा शराब पीना और काफी ज्यादा स्ट्रेस. इस तरह की खराब लाइफस्टाइल दिल की बीमारी के कारण हो सकते हैं. वहीं ऐसे जोखिम जिनके कारण दिल की बीमारी होती है और हम उसमें बदलाव नहीं कर सकते हैं. वह है उम्र, जेंडर, दिल की बीमारी का पारिवारिक इतिहास. यह सब कारण भी दिल की बीमारी को काफी हद तक प्रभावित करते हैं लेकिन इन्हें बदलना आपके हाथों में नहीं है.
दिल की बीमारी का है पारिवारिक इतिहास तो करें कुछ ऐसा
अगर किसी व्यक्ति का पारिवारिक इतिहास है तो उन्हें दिल की बीमारी का खतरा हो सकता है. ‘जर्नल वेलकम ओपन रिसर्च’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक सीवीडी (दिल की बीमारी का पारिवारिक इतिहास) और कार्डियोवास्कुलर दिल की बीमारी(सीएचडी) में फैमिली हिस्ट्री का योगादन 24 से 21 प्रतिशत होती है. स्टडी के मुताबिक ‘सीवीडी का पारिवारिक इतिहास समयपूर्व सीएचडी के लिए एक स्वतंत्र जोखिम कारक है. प्रभावित परिवार के सदस्यों की संख्या में वृद्धि के साथ समयपूर्व सीएचडी का जोखिम रैखिक रूप से बढ़ता है.
कोरोनरी धमनी रोग (सीएडी)
एक ऐसी स्थिति जहां प्लाक का निर्माण हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों को संकीर्ण कर देता है, जिससे संभावित रूप से सीने में दर्द (एनजाइना), दिल का दौरा और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं.
उच्च रक्तचाप (उच्च रक्तचाप)
हाई बीपी एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों की दीवारों पर ब्लड का प्रेशर बढ़ जाता है. यह हृदय प्रणाली पर दबाव डाल सकता है, जिससे संभावित रूप से दिल की बीमारी, स्ट्रेस और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
दिल का दौरा (मायोकार्डिअल इन्फ्रक्शन)
दिल का दौरा तब होता है जब कोरोनरी धमनी में रुकावट हृदय की मांसपेशियों ब्लड ठीक से पहुंच नहीं पाती है. जिसके कारण हार्ट के टिश्यूज को क्षति नहीं पहुंचती है. यह एक खतरनाक स्थिति है.
कार्डियोमायोपैथी
कार्डियोमायोपैथी स्थितियों का एक समूह है जो हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करती है, जिससे यह बढ़ जाती है, मोटी हो जाती है या कमजोर हो जाती है.
यदि किसी के परिवार में हृदय रोगों का इतिहास रहा है तो आपको इससे बचने के लिए यह काम करना चाहिए
जेनेटिक जांच करवा लें
कार्डियोमायोपैथी और अतालता दो वंशानुगत प्रकार के हृदय रोग हैं जिनका आनुवंशिक रूप से टेस्ट करवाना चाहिए. इस टेस्ट में ब्लड और लार का टेस्ट किया जाता है. ताकि दिल की बीमारी का कारण क्या है. यदि आपकी फैमिली में दिल की बीमारी के लक्षण हैं या आपके किसी रिश्तेदार में दिल की बीमारी है तो आपको डॉक्टर से मिलकर जेनेटिक टेस्ट जरूर करलाना चाहिए. टेस्ट का रिजल्ट आपके आगे के इलाज और थेरेपी के बारे में बताएगा.
हेल्दी डाइट
भले ही आपके फैमिली में दिल की बीमारी का इतिहास रहा हो लेकिन आप इसके जोखिम को एक हद तक कम कर सकते हैं. अगर आप अच्छी डाइट लेते हैं तो आपके दिल की बीमारी का जोखिम एक हद तक टल सकता है. क्योंकि एक अच्छा डाइट आपके दिल को हेल्दी रखता है. गंदा फैट, ट्रांस फैट, कोलेस्ट्रॉल, चीनी और नमक से भरपूर कम से कम खाना खाएं आप एकदम हेल्दी बने रहेंगे.
रेगुलर एक्सरसाइज करें
जेनेटिक दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए बार-बार एक्सरसाइज करें. जो लोग रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं उन्हें दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का खतरा कम होता है.
अपने वजन पर नजर रखें
मोटापा या उच्च बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) आपके दिल की बीमारी के लिए जोखिम भरा हो सकता है. एक तरीका यह है कि यह धमनी-अवरोधक प्लाक के निर्माण को तेज कर सकता है. अत्यधिक अधिक वजन होने से हृदय रोग विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है.
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं
कम उम्र में दिल के दौरे के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों को कभी-कभी उपचार करने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ की परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं दी जा सकती हैं जिन्हें स्टैटिन कहा जाता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: दाल, चना और बीन्स को बनाने से पहले कितनी देर भिगोना चाहिए? जानें यहां सही जवाब
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )