बच्चेदानी में सूजन एक आम समस्या हैं जो महिलाओं में अक्सर देखने को मिलती हैं, बच्चेदानी में सूजन को बल्की यूट्रस (Bulky uterus) और गर्भाशय में सूजन भी कहा जाता हैं। यह एक ऐसी स्थिति हैं, जिसको इलाज और घरेलु उपाय दोनों से ठीक किया जा सकता हैं। बच्चेदानी में सूजन होने से बच्चेदानी का आकार बढ़ जाता हैं, तथा इस समस्या में महिलाओं को मासिक धर्म (periods)और अन्य परेशानियों का सामना भी करना पड़ता हैं। आज हम इस लेख में बात करेंगे की बच्चेदानी में सूजन होने के लक्षण, कारण, इलाज और घरेलु उपाय क्या होते हैं ?
गर्भाशय में सूजन आमतौर पर निम्नलिखित लक्षण होते हैं:
- पेल्विक क्षेत्र में दर्द और ऐंठन
- दर्द की शिकायत
- पेट के निचले हिस्से के आसपास का दर्द
- मुहांसे आना और अत्यधिक बाल बढ़ना
- कब्ज की शिकायत
- अचानक से वजन बढ़ना
- पाचन तंत्र खराब होना और अपच की समस्या होना
- गर्भ और आसपास के अंगों पर दबाव डालना।
- रजोनिवृत्ति के बाद भी योनि से रक्तस्राव होता है।
- बार-बार पेशाब करने की ज़रूरत महसूस होना।
बच्चेदानी (गर्भाशय) में सूजन के कारण क्या होते हैं ?
गर्भाशय में सूजन आमतौर पर निम्नलिखित कारण होते हैं:
- फाइब्रॉयड्स: गर्भाशय में सूजन होने का सबसे मुख्य कारण फाइब्रॉयड्स होते हैं। फाइब्रॉयड्स नॉन कैंसर ट्यूमर होते हैं जो गर्भाशय की दीवार के बाहर और अंदर गांठ के रूप में मौजूद होते हैं।
- एडिनोमायोसिस: एडिनोमायोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत, जिसे कि एंडोमेट्रिएम के नाम से जाना जाता है, वह गर्भाशय की दीवार की बाहरी परत की ओर बढ़ने लगता है। अधिक उम्र की महिलाओं में यह एक आम समस्या है।
- पीसीओएस: यदि किसी महिला को पीसीओएस (PCOS) की समस्या है तो इसके कारण भी उसके गर्भाशय में सूजन पैदा हो सकती है। यह आमतौर पर शरीर में हार्मोन के असंतुलन के कारण होता है जिसके कारण मासिक धर्म (periods) अनियमित और असामान्य हो जाता है। इसके कारण गर्भाशय में सूजन हो जाती है।
- एंडोमेट्रिएल कैंसर: आमतौर पर यह समस्या 50 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं में होती है जिसके कारण गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा बना रहता है और गर्भाशय में सूजन आ जाती है।
- मेनोपॉज: मेनोपॉज होने से पहले महिलाओं के शरीर में हार्मोन का उतार चढ़ाव बहुत तेजी से होता है जिसके कारण गर्भाशय बड़ा हो जाता है और इसमें सूजन आ जाती है। हालांकि यह स्थायी नहीं होता है और पूरी तरह से मेनोपॉज होने के बाद गर्भाशय अपने वास्तविक आकार में आ जाता है।
- ओवेरियन सिस्ट: यह समस्या होने पर गर्भाशय के अंदर छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं जिसमें द्रव (fluid) भरा होता है। इसकी वजह से लगातार कमर में दर्द बना रहता है और मासिक धर्म के दौरान अधिक ब्लीडिंग होती है और गर्भाशय में सूजन हो जाती है।
बच्चेदानी (गर्भाशय) में सूजन के घरेलू उपचार
बच्चेदानी में सूजन के कई कारण हो सकते हैं जैसे गर्भाशय में संक्रमण के कारण,गर्भाशय में गांठ के कारण,गर्भाशय में खून का थक्का आदि कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से असहनीय दर्द होता है। गर्भाशय में सूजन के घरेलु उपचार कुछ इस प्रकार होते हैं –
- हल्दी: गर्भाशय की सूजन को कम करने के लिए हल्दी बहुत ही फायदेमंद है। हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है जो शरीर के पेल्विक अंगो की सूजन को कम करने में लाभदायक होता है। हल्दी एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। जो गर्भाशय की सूजन कम करने के लिए बहुत ही फायदेमंद है, हल्दी का इस्तेमाल हम अलग अलग-अलग प्रकार से कर सकते हैं।
- सौंफ व इलायची वाला दूध: गर्भाशय में सूजन को कम करने के लिए सौंफ व इलायची वाला दूध भी बहुत फायदेमंद होता है दूध में छोटी इलायची व सौंफ डालकर दूध को अच्छी तरह उबाल ले वह ठंडा होने पर दूध को पी ले। जिससे गर्भाशय जैसी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
- नारियल पानी: नारियल पानी में एंटीऑक्सीडेंट्स व एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। नारियल पानी मे पाए जाने वाले पोषक तत्वो से गर्भाशय में होने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसलिए जिन महिलाओं के गर्भाशय में सूजन की प्रॉब्लम हो वह नारियल पानी पी सकती है| नारियल पानी पीने से गर्भाशय की सूजन में काफी आराम मिलता है।
- अजवाइन: गर्भाशय में सूजन को कम करने के लिए अजवाइन भी बहुत लाभकारी है अजवाइन के सेवन से गर्भाशय में होने वाले इन्फेक्शन को कम किया जा सकता है। जिन महिलाओं में गर्भाशय में सूजन की समस्या हो व अजवाइन का सेवन कर सकती है।
- स्वस्थ आहार ले: गर्भाशय की सूजन को कम करने के लिए हमें अपने खाने में संतुलित आहार लेना चाहिए जैसे जूस ,फल , सब्जियां व वसायुक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए तथा तली हुई चीजों से परहेज करना चाहिए खासकर से जंक फूड से। खाने में संतुलित आहार लेने से भी गर्भाशय की सूजन को काफी हद तक कम करने में मदद मिलती हैं।
- सिकाई: सिकाई करने से भी गर्भाशय की सूजन को कम किया जा सकता है सिकाई करके आप पेल्विक मांसपेशियों को काफी आराम दे सकते हो। सिकाई करने के लिए आप गरम पानी की बोतल का भी इस्तेमाल कर सकते हो। सिकाई से गर्भाशय की सूजन को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-
1. गर्भाशय में सूजन कितने दिन में ठीक होती है ?
गर्भाशय में सूजन 5 से 7 दिनों तक रह सकती है। हालांकि, किसी बीमारी के कारण होने वाली सूजन आमतौर पर चिकित्सा स्थिति के साथ कम हो जाती है।
2. बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या-क्या नहीं खाना चाहिए ?
जिन महिलाओं को बच्चेदानी में सूजन की शिकायत होती है उन्हें चटपटे और तले हुए चीजों से दूर ही रहना चाहिए, क्योंकि इस तरह के खाद्य पदार्थों के लगातार सेवन से आपकी परेशानी और बढ़ सकती है।
3. बच्चेदानी में सूजन होने से क्या परेशानी होती है ?
बच्चेदानी में सूजन होने पर पेट के निचले हिस्से में पेट दर्द परेशान कर सकता है। पेट में भारीपन हो सकता है और बुखार भी आ सकता है। बार-बार पेशाब आना और कमर का दर्द होना पीरियड के दौरान अधिक ब्लीडिंग होना।
4. आपको कैसे पता चलेगा कि आपका गर्भाशय कमजोर है ?
गर्भाशय की कमजोरी के लक्षणों में पैल्विक दर्द, खूनी द्रव निकलना, अस्त भोजन, अधिक ब्लीडिंग या खून की कमी शामिल हो सकती हैं। इसलिए यदि आपको इन लक्षणों में से कोई दिखता है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
5. क्या बढ़े हुए गर्भाशय का होना बुरा है ?
बढ़े हुए गर्भाशय का होना आम तौर पर बुरा नहीं होता है, लेकिन यह कुछ लोगों में गर्भाशय से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, यदि बढ़े हुए गर्भाशय के लक्षण हों तो उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, और उन्हें समय रहते उपचार कराना चाहिए।
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