बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाना माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.बच्चों के लिए कॉन्फिडेंट होना बहुत जरूरी होता है. ऐसे बच्चे ही आगे चलकर जीवन में सफलता प्राप्त कर पाते हैं. एक कॉन्फिडेंट बच्चा हर परिस्थिति में खुलकर अपनी बात रख पाता है. वह अनजान लोगों से आसानी से दोस्ती कर लेता है और नई जगहों पर जाकर भी डरता नहीं. ऐसा बच्चा अपने आप पर भरोसा रखता है और असफल होने पर भी हिम्मत नहीं हारता. इसलिए माता-पिता का यह कर्तव्य बनता है कि वे अपने बच्चों के कॉन्फिडेंस को बढ़ाए. वे उनकी हर उपलब्धि को सराहे और हौसला अफजाए. इससे बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह हर क्षेत्र में आगे बढ़ पाएगा. माता-पिता को 5 मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए अगर वे अपने बच्चों को कॉन्फिडेंट बनाना चाहते हैं.
बच्चों की हर छोटी उपलब्धि की प्रशंसा करें
चाहे वह एक कविता याद करके सुनाना हो, या फिर चित्र बनाकर दिखाना हो, माता-पिता को हर उपलब्धि के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए. उनके प्रयासों की सराहना करें, उनका हौसला बढ़ाएं और उन्हें और ज्यादा कोशिश करने के लिए कहें. बच्चों की प्रशंसा से उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है इससे वे अपनी क्षमताओं को पहचान पाएंगे.
उन्हें अपने विचार रखने की आजादी दें
माता-पिता को बच्चों से बातचीत में उनकी राय जानने का प्रयास करना चाहिए. उनसे कोई सवाल पूछें और फिर उनके जवाब सुनें बिना उन्हें काटे नहीं. अगर जरूरत हो तो उनके विचारों पर चर्चा करें लेकिन याद रखें कि आप उन्हें सही-गलत साबित नहीं करना चाहिए. बच्चों को अपने विचार रखने और उन पर चर्चा करने का अवसर देने से, उनकी सोचने और तर्क करने की क्षमता बढ़ेगी. यह उन्हें आत्मविश्वासी बनाने में सबसे बड़ी भूमिका अदा करता है.
नई चुनौतियों के लिए प्रोत्साहित करें
बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उन्हें नई चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करना बहुत जरूरी है.माता-पिता को बच्चों को नए काम करने के लिए कहना चाहिए जैसे कि नई एक्टिविटीज शुरू करना, कोई नया खेल सीखना, या किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कहना. इससे बच्चों का दायरा बढ़ेगा और वे अपनी क्षमताओं को पहचान पाएंगे. कठिन स्थितियों में भी सकारात्मक रहना सिखेंगे. ऐसे में उनका भरोसा बढ़ेगा और वे आने वाली हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे.
उनकी गलतियों से सीखने दें
बच्चों को गलतियां करने का अधिकार है और उनकी गलतियों से सीखने का भी अवसर देना जरूरी है.कभी-कभी तो गलतियां करके ही हम सबसे ज़्यादा सीखते हैं. ऐसे में माता-पिता को बच्चों पर चिल्लाने या डांटने की बजाए, बिना गुस्सा किए उनकी गलती बतानी चाहिए. फिर उनसे पूछें कि वे अगली बार इसे कैसे ठीक करेंगे. बच्चों को अपनी गलतियों को सुधारने और उनसे सीखने का मौका देने से उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा.
खुद को उनका रोल मॉडल बनाएं
बच्चों में कॉन्फिडेंस बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि माता-पिता खुद को उनका आदर्श बनाएं. बच्चे अपने माता-पिता से ही सीखते हैं कि जीवन में कैसे आगे बढ़ना है.इसलिए, माता-पिता को हर स्थिति में आत्मविश्वास से भरपूर रहना चाहिए. चुनौतियों और मुश्किलों का सामना डटकर करें. अपनी गलतियों को स्वीकार करना सीखें और उनसे सबक लें. ईमानदार और पॉजिटिव बने रहें. ऐसा करके माता-पिता बच्चों के लिए एक अच्छा रोल मॉडल बन सकते हैं जिससे उनका कॉन्फिडेंस स्तर बढ़ेगा.
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