बढ़ती उम्र में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता में बढ़ोतरी के साथ-साथ उच्च अनुसंधान और चिकित्सा विकास के दौर में, स्वास्थ्य जांच की महत्वपूर्णता बढ़ गई है। खासकर महिलाओं के लिए कई बीमारियाँ जिनका समय रहते पता नहीं चलता, अक्सर धीरे-धीरे उनके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। इसके चलते विशेषज्ञों ने महिलाओं के लिए कुछ जरूरी स्क्रीनिंग टेस्ट की सिफारिश की है।
उम्र बढ़ने पर हड्डियों की कमजोरी का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए बोन डेंसिटी टेस्ट करवाना चाहिए। थायराइड रोग की जांच के लिए भी नियमित ब्लड टेस्ट की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर बीमारियों का पता लगाने और इलाज करने से उनका खतरा कम होता है और व्यक्ति लंबी आयु तक स्वस्थ रह सकता है। इसलिए, सभी महिलाओं से आग्रह है कि वे नियमित चेकअप के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें और अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें।
यहां हम आपको उन 7 महत्वपूर्ण टेस्ट के बारे में बता रहे हैं जिन्हें हर महिला को अपनी स्वास्थ्य की देखभाल के लिए नियमित अंतराल पर करवाना चाहिए:
- मैमोग्राफी: 40 वर्ष आयु के बाद, महिलाओं को हर वर्ष मैमोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए। यह स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए महत्वपूर्ण है।
- पैप स्मीयर: यह टेस्ट महिलाओं के लिए गर्भाशय और रामबाण गर्भाशय कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए है। 21 वर्ष की उम्र से शुरू किया जा सकता है।
- बोन डेंसिटी टेस्ट: मेनोपॉज के बाद महिलाओं को अपने हड्डियों की स्थिति का नियमित जांच करवानी चाहिए।
- थायराइड टेस्ट: थायराइड समस्याएं महिलाओं में आम होती हैं, इसलिए नियमित अंतराल पर थायराइड जांच करवाना चाहिए।
- हृदय स्वास्थ्य टेस्ट: महिलाओं के लिए हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है, खासकर मेनोपॉज के बाद। इसलिए, हृदय स्क्रीनिंग के लिए टेस्ट करवाना जरूरी है।
- विटामिन डी टेस्ट: विटामिन डी की कमी के कारण शरीर में कई समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इसकी जांच करवाना महत्वपूर्ण है।
आपका स्वास्थ्य ही आपके जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है !
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