बॉडी को फिट रखना चाहते हैं तो दिन की शुरुआत करें रेट्रो वॉकिंग से, जानें इसके फायदे


फिट और एक्टिव रहना चाहते हैं तो रेट्रो वॉकिंग एक बेहतरीन ऑप्शन है. रेट्रो वॉकिंग एक ऐसा व्यायाम है जिसमें आप पीछे की ओर चलते हैं और यह आपके शरीर के लिए बहुत ही  फायदेमंद होता है. सबसे पहले तो रेट्रो वॉकिंग से आपके पैरों, कूल्हों और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जब आप पीछे की ओर चलते हैं तो ये मांसपेशियां अलग अंदाज में काम करती हैं और इससे ये और अधिक मजबूत हो जाती हैं. मांसपेशियों का यह विकास आपके बैलेंस और स्टैमिना को बेहतर बनाता है. आइए जानते हैं इसके और भी फायदे…

क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियों को मजबूत बनाते है 
आम तौर पर आगे की तरफ चलते हैं तो हमारे पैर स्वत: ही आगे बढ़ जाते हैं. लेकिन रेट्रो वॉकिंग में हमें सक्रिय रूप से पैरों को पीछे की ओर ले जाना पड़ता है. इसके लिए हमारी जांघ के सामने वाली क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. ये मांसपेशियां हमारे पैरों को सीधा करके और पीछे की ओर धकेलकर चलने में मदद करती हैं. इस प्रकार रेट्रो वॉकिंग करते समय क्वाड्रिसेप्स पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे ये मजबूत और टोन होती जाती हैं. मजबूत क्वाड्रिसेप्स से पैरों को बेहतर ढंग से सहारा मिलता है और चोटों से बचाव भी होता है. इसलिए निचले शरीर के वर्कआउट के लिए रेट्रो वॉकिंग बहुत ही लाभदायक है. 

दिल और फेफड़ों को रखता है हेल्दी 
जब हम पीछे की ओर चलते हैं तो हमारे शरीर को असामान्य गतिविधि के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है. इससे हृदय दर बढ़ जाती है और फेफड़े अधिक ऑक्सीजन सप्लाई करने लगते हैं. यह सब मिलकर हमारे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को मजबूत बनाता है. 6 सप्ताह तक प्रतिदिन 15-20 मिनट रेट्रो वॉकिंग करने से हमारा हृदय और फेफड़े बेहतर काम करने लगते हैं. शरीर के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ जाती है और कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस में सुधार होता है. यह दिल की बीमारियों से बचाव करता है. 

  12-year-old boy suffered cardiac arrest due to perfume, find out how this accident happened

हड्डियों के लिए फायदेमंद 
रेट्रो वॉकिंग से हड्डियों और जोड़ों को भी मजबूती मिलती है यह आपके कंकाल को अधिक स्थिर बनाता है और चोट लगने का खतरा कम करता है. जब हम पीछे की ओर चलते हैं तो हमारे पैरों और घुटनों पर आम चलने की अपेक्षा कम दबाव पड़ता है.इससे घुटने के जोड़ और घुटनों पर कम दबाव से उन लोगों को राहत मिल सकती है जिन्हें घुटने का दर्द या ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं हैं. 

यह भी पढ़ें 

 

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

Leave a Comment