वर्तमान समय में हार्ट फेलियर के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। बिगड़ते लाइफस्टाइल, प्रदुषण और सेहत पर ध्यान न देने के कारण लोग हार्ट फेलियर का शिकार होते हैं, जिसे की कई बार यह जानलेवा साबित हुए हैं। हार्ट शरीर के दुसरो अंगो जैसे किडनी, लिवर और शरीर के अंदरूनी अंगो को प्रभावित करता हैं।
हार्ट फेलियर उस स्थति में होता हैं जब हृदय शरीर के बाकि अंगो तक पर्याप्त मात्रा में रक्त पहुंचाने में असमर्थ हो जाये तथा किसी व्यक्ति की माँसपेशियाँ अधिक सख्त हो जाती हैं जिसके दौरान शरीर में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता हैं उस स्थिति में हार्ट फेलियर होने की संभावना अधिक हो जाती हैं।
हार्ट फेलियर चार प्रकार के होते हैं-
डायास्टोलिक हार्ट फेलियर (Diastolic heart failure): जब हृदय की माँसपेशियाँ कठोर व् अधिक सख्त हो जाती हैं तब डायास्टोलिक हार्ट फेलियर को स्थिति उत्पन हो जाती हैं। इस स्थिति यह माना जाता हैं की हृदय रक्त ठीक से पंप नहीं कर पता हैं इस स्थिति को डायास्टोलिक डिस्फंक्शन भी कहा जाता हैं। यह हार्ट फेलियर अधिकतर महिलाओ में देखा जाता हैं।
इसके लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं जैसे –
- बार – बार खासी आना।
- सांस लेने में दिक्कत होना।
- अधिकतर थकान महसूस होना।
- कन्धा, कमर ,तथा छाती से जुड़े व्यायाम करने में असमर्थ रहना।
सिस्टोलिक हार्ट फेलियर(systolic heart failure): सिस्टोलिक हार्ट फेलियर की स्थिति तब आती हैं जब हृदय माँसपेशियाँ सिकुड़ने की अपनी क्षमता खो देती हैं। जब दिल अधिक कमजोर हो जाये तब भी यह स्थिति उत्पन होती हैं इसे सिस्टोलिक डिस्फंक्शन भी कहा जाता हैं और यह हार्ट फेलियर अधिकतर पुरुषो में देखने को मिलता हैं।
इसके लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं।
- खासी आना।
- नींद पूरी करने के बाद भी थकान महसूस होना।
- हाथ और उंगलियों का नीला होना।
- वजन का अधिक बढ़ना।
- सीधे सोने में दिक्कत होना।
लेफ्ट साइड हार्ट फेलियर (left side heart failure): ऑक्सीजन से भरा हुआ रक्त फेफड़ो से हृदय तक प्रभावित होता हैं ,जहाँ यह हमारे दिल के बाएं चैम्बर में प्रवेश करता हैं। क्यूको इसका कम पूरे शरीर में रक्त पंप करने का होता हैं यदि यह पंप करना बंद कर दे तब लेफ्ट साइड हार्ट फेलियर की संभावना होती हैं।
इसके लक्षण कुछ इस प्रकार के होते हैं।
- हृदय का आकार बढ़ना।
- सांस लेने मैं तकलीफ।
- ब्लड प्रेशर का हाई होना।
- ख़राब ब्लड फ्लो।
राइट साइड हार्ट फेलियर (right side heart failure): इस स्थिति में हृदय का दांया वेंट्रिकल मुख्य रूप से शामिल होता हैं पर द्रव का दबाव बढ़ जाने के कारण लेफ्ट साइड हार्ट फेल्योर के बाद होता है। द्रव का ये दबाव हमारे फेफड़ों में स्थानांतरित हो जाता है, जो कि हमारे दाएं चैंबर को प्रभावित करता है, जिससे नसों में रक्त का प्रवाह होता हैं तथा इसके बंद होने के कारण ही राइट साइड हार्ट फेलियर की सम्भावना होती हैं।
इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।
- भूख न लगना।
- जी मचलना।
- पैरों में दर्द तथा अधिक सूजन।
- बार – बार पेशाब आना।
- सूजन के कारण पेट में दर्द होना।
हार्ट फेलियर के कारण क्या होते हैं ?
हार्ट फेलियर के कई कारण होते हैं यदि बताये गए लक्षणों किसी भी व्यक्ति को महसूस होते हैं तो वह जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करे डॉक्टर सही समय पर इसके कारण का पता लगाकर उसी प्रकार इसे ठीक करने की सलाह दें –
- यदि किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी हो तो वह डॉक्टर से इसे नियंत्रण में रखने की सलाह ले क्योकि ब्लड प्रेशर का हाई रहना हार्ट फेलियर की ओर संकेत करती हैं जिसे की मनुष्य की जान भी जा सकती हैं।
- ऐसी दवाईओं का सेवन करना जो व्यक्ति के हृदय पर प्रभाव डालता हो उन दवाईओं का सेवन करने से यह समस्या उत्पन्न हो सकता हैं।
- किसी भी प्रकार का संक्रमण अधिक हो जाने की वजह से भी हार्ट फेलियर हो जाता है।
- फेफड़ो में ब्लड की क्लॉटिंग हो जाने से भी यह समस्या होती हैं।
- कोरोनरी धमनी रोग और हार्ट अटैक जैसी बीमारी से भी हार्ट फेलियर होने का खतरा अधिक रहता हैं।
- हृदय की धड़कन असामान्य होना।
- हृदय के मांसपेशियों में सूजन से भी हार्ट फेलियर जैसी बीमारी होती हैं।
हार्ट फेलियर का इलाज।
हार्ट फेलियर का इलाज करवाना अत्यंत आवयश्क होता हैं इसका इलाज सही समय पर न करने से यह मनुष्य की जान भी ले सकता हैं। इसके लक्षण सामान्य नहीं होते हैं लक्षणों के पता लगने पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरुरी होता हैं। डॉक्टर बीमारी का कारण पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट करेंगे तथा बीमारी के अनुसार ही दवाइयों के सेवन करने की सलाह देंगे।
- बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत, दिल्ली
- मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम
- अपोलो अस्पताल, बैंगलोर
- फोर्टिस अस्पताल, बन्नेरगट्टा रोड, बैंगलोर
- लीलावती अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, बांद्रा, मुंबई
- नानावटी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, विले पार्ले वेस्ट, मुंबई
- ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स, लकडी का पूल, हैदराबाद
- अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर, चेन्नई
- रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डिएक साइंस, मुकुंदपुर, कोलकाता
- केयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, सोला, अहमदाबाद
यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।
हार्ट फेलियर के बचाव के उपाय।
- हार्ट से जुडी कोई बीमारी हैं किसी भी व्यक्ति तो वह (dietitian) से संपर्क करके स्वस्थ खान पैन के बारे में सलाह ले।
- यदि मानसिक रूप से कोई परेशानी हो तब भी डॉक्टर के पास जाये ( मानसिक तनाव ) से भी बचे।
- अनहेल्दी फूड्स का सेवन बंद करें जैसे ज्यादा तला-भुना भोजन, जंक, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड्स।
- वजन को नियंत्रण में रखे तथा शुगर , ब्लूस प्रेशर की जाँच समय समय पर कराये यदि वह नियंत्रण में न हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।
- अगर किसी व्यक्ति का हृदय कमजोर हैं या फिर हृदय से सम्बंधित अन्य कोई बीमारी हैं तो धूम्रपान तथा शराब के सेवन से अधिक दूर रहे।
यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है और अगर आप इसका इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+919599004311) या हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं।
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