मस्तिष्क रोग इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल


मस्तिष्क मानव शरीर के अंगो का एक महतवपूर्ण हिस्सा है जो शरीर के लगभग सभी कार्यों को नियंत्रित करने का काम करता है। जब मस्तिष्क स्वस्थ होता है तो यह तेजी से और अपने आप काम करना शुरू कर देता है। लेकिन, जब मस्तिष्क में समस्याएं आती हैं तो इसके नतीजा बहुत ही भयानक हो सकते हैं। जिन लोगो को मस्तिष्क से जुडी परेशानियां होती हैं तो उनके दिमाग में सूजन की वजह से ऑंखें कमजोर होने लगती है और कमजोरी के अलावा लकवा मारने जैसी समस्याएं भी होने लगती है।

 

मस्तिष्क की कोशिकाओं का नष्ट होना मतलव आपके सोचने समझने की शक्ति को कम करना है। ब्रेन ट्यूमर भी नसों पर दबाव डाल सकता है और मस्तिष्क की काम करने की छमता प्रभावित कर सकता है। कुछ मस्तिष्क रोग आनुवंशिक होते हैं। और हमें पता भी नहीं चलता की अल्जाइमर रोग जैसी कुछ बीमारियां कैसे और क्यों होने लगती है।

 

 

 

 

1. सिरदर्द:

मस्तिष्क रोग का सबसे सामान्य लक्षण है सिरदर्द। यह सबसे ज्यादा होने वाली तकलीफ है, जो कुछ व्यक्तियों में बार बार होता है। सिरदर्द होने की कई सारी वजह हो सकती है जैसे – बहुत ज्यादा काम करने, सही से नींद न पूरी होना, समय पर खाना न खाना आदि।

 

 

2. याददाश्त की कमजोरी:

मस्तिष्क रोग के मरीजों की याददाश्त बहुत कमजोर होती है। वे लगभग अपने से जुडी हर चीज़ो को भूल जाते हैं और अपनी रोजाना एक्टिविट्स को सही से याद नहीं कर पाते हैं।

 

 

3. डिप्रेशन:

मस्तिष्क रोग में डिप्रेशन एक आम लक्षण होता है। मरीज का उदास और निराश होना हैं, हर समय अस्वस्थ रहते हैं, और दुखी महसूस करते हैं। तनाव कभी भी किसी को भी हो सकता है परंतु कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनको तनाव जल्दी होने का खतरा होता है। यह मस्तिष्क के रोगी की जिंदगी पर निर्भर करता है कि उनकी पुरानी जिंदगी कैसे गुजरी है।

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4. बेहोशी की स्थिति:

गंभीर मस्तिष्क रोग होने की स्थिति में, मरीज बहुत जल्दी बेहोश हो सकता हैं। इसलिए मरीज को स्वस्थ रखना और डिप्रेशं से बाहार लाना, खान-पान का ध्यान रखना चाहिए जिससे मरीज को कुछ हद तक आराम मिल सकता है और बार-बार बेहोश होने से छुटकारा मिल सके।

 

 

 

मस्तिष्क रोग के कारण।

 

 

  • किसी बात को ज्यादा समय तक सोचते रहने से मस्तिष्क तनाव हो सकता है।

 

  • लम्बे समय तक नींद पूरी न होने के कारण मस्तिष्क रोग होने का खतरा होता है।

 

  • किसी चीज़ की दवाइयों को खाने से मस्तिष्क तनाव हो सकता है।

 

  • बहुत ज्यादा धूम्रपान करने से मस्तिष्क रोग हो सकता है।

 

  • लम्बे समय तक एक ही काम को करने से मस्तिष्क में तनाव हो सकता है।

 

  • जीवन में कोई हादसा हो जाना जो दिमाग से निकल ही न रा हो।

 

  • पारिवारिक लड़ाई झगड़ो की वजह से मस्तिष्क रोग का उत्पन्न होना।

 

 

 

मस्तिष्क रोग के प्रकार।

 

 

1. माइग्रेन:

माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द है जो एक तरफ से शुरू होता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। इसकी शुरुवात सिरदर्द के साथ-साथ उल्टियाँ, आंखों के सामने अँधेरा या लाइट की चमक, और इन्ही सब के कारण मस्तिष्क रोग धीरे -धीरे शुरू होता है।

 

 

2. अल्ज़ाइमर रोग:

अल्ज़ाइमर रोग बुढ़ापे में मस्तिष्क के नुकसान के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है। अल्ज़ाइमर रोग के कारण बुढ़ापे में मरीज वो सारी पुरानी यादें भूल जाता है जो उसके साथ पहले जुडी हुई होती है और व्यक्ति को अपने आसपास की चीजों को देख कर पहचानने और समझने में परेशानी होती है।

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3. ब्रेन स्ट्रोक:

ब्रेन स्ट्रोक एक घातक बीमारी है जिसमें रोगी के मस्तिष्क से रक्त बनना बंद हो जाता है। यह अक्सर अचानक होता है और रोगी के शरीर में कुछ हिस्सों को ही प्रभावित करता है।

 

 

 

मस्तिष्क रोग के इलाज।

 

 

मस्तिष्क रोग के इलाज के लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं।

 

1. दवाइयाँ:

डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाइयाँ लेना मस्तिष्क रोग के लिए सामान्य इलाज है। इन दवाओं में दर्द में आराम, डिप्रेशन से बचाव, और स्मृति सुधारक दवाइयाँ शामिल हो सकती हैं।

 

 

2. चिकित्सा की विभिन्न प्रक्रियाएँ:

 

चिकित्सा में कई विभिन्न प्रक्रियाएँ हैं जो मस्तिष्क रोग के इलाज में सहायता कर सकती हैं। इनमें शामिल हैं:

 

  • बायोफीडबेक थेरेपी
  • चिकित्सा वाणिज्यिकी (मस्तिष्क संचार उपकरण का उपयोग)
  • प्रतिस्पंदन चिकित्सा
  • वैयक्तिकरण चिकित्सा

 

3. व्यायाम और आहार:

स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। मरीज को अपने आहार में सेब, बादाम, मसूर दाल, संतरा, और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ाने वाले अन्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। व्यायाम में योग, ध्यान, और शरीरिक एक्टिविटीज शामिल हो सकती हैं।

 

 

 

मस्तिष्क रोग के उपचार।

 

 

मस्तिष्क रोग के उपचार में विभिन्न उपाय शामिल हो सकते हैं।

 

1. औषधियाँ:

आयुर्वेदिक औषधि और दवाओं का सेवन करने से मस्तिष्क रोग के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है। जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ, योग्य औषधि का सेवन करना भी लाभदायक हो सकता है।

 

 

2. प्राकृतिक उपचार:

आपकी रोग प्रकृति और लक्षणों के आधार पर, प्राकृतिक उपचार के नियम आपके मस्तिष्क रोग को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। इनमें आयुर्वेद, होम्योपैथी, पंचकर्म, और यूर्वेडिक चिकित्सा शामिल हो सकती हैं।

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3. योग और ध्यान:

योग और ध्यान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। ध्यान करने से मस्तिष्क की गतिविधियों को शांति मिलती है और योगासनों से शारीर एक्टिव बना रहता है।

 

 

 

मस्तिष्क रोग के लिए अच्छे अस्पताल।

 

 

मस्तिष्क रोग के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल।

 

 

 

मस्तिष्क रोग के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल।

 

 

 

मस्तिष्क रोग के लिए ग्रेटर नोएडा के अच्छे अस्पताल।

 

  • शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
  • बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
  • जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
  • दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा

 

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