वर्त्तमान समय में अनियमित जीवनशैली और अस्वस्थ खान-पान के कारण लोगों में अनेक प्रकार की समस्या देखने को मिल रही हैं। यदि आप अस्वस्थ खाद्य पदार्थो का सेवन अधिक करते हैं तो वह आपके यकृत (लिवर) पर गलत प्रभाव डालता हैं तथा आपके अन्य अंगो पर भी गलत प्रभाव पड़ता हैं। लिवर से सम्बंधित अनेक बीमारियां होती हैं जिनका इलाज समय पर करवाना चाहिए। यदि आप समय पर इलाज नहीं कराते हैं तो बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती हैं जिससे की लिवर ख़राब भी हो सकता हैं ? आज हम इस लेख में बात करेंगे की फैटी लिवर से छुटकारा पाने के लिए दवाइयों के अलावा किन चीज़ो का सेवन करना चाहिए ?
जब लिवर की कोशिकाओं (cells) के आसपास फैट जमने लगता हैं तब यह फैटी लिवर की समस्या उतपन्न होती हैं। परन्तु इस बीमारी का पता आसानी से चल जाता हैं ताकि मरीज जल्द से जल्द इसका इलाज करवा पाए। यदि शरीर में फैट की मात्रा लिवर के वजन से 10% बढ़ जाती हैं तो भी इस बीमारी का निर्माण हो जाता हैं तथा यह पाचन तंत्र को भी प्रभावित करने लगती हैं।
फैटी लिवर के लक्षण किस प्रकार नज़र आते हैं ?
फैटी लिवर होने पर निम्नलिखित लक्षण नज़र आते हैं जैसे की-
पैरों में सूजन
थकान और कमजोरी महसूस करना
भूख कम लगना
आंखों में पीलापन और त्वचा भी पीली पड़ना
वजन घटना
त्वचा में एलर्जी और खुजली होना
पाचन तंत्र से सम्बंधित समस्या अधिक बढ़ जाती हैं
पेट के दाँए भाग के ऊपरी हिस्से मैं अधिक दर्द
फैटी लिवर की समस्या होने पर मरीज को क्या खाना चाहिए ?
फैटी लिवर की समस्या(Fatty liver problem) में मनुष्य को दवाइयों के साथ-साथ अपने खान-पान का भी अधिक ख्याल रखना चाहिए। माना जाता हैं की इस बीमारी का इलाज स्वस्थ खान-पान नियमित जीवनशैली से भी ठीक हो सकता है। फैटी लिवर की समस्या में कुछ खाद्य पदार्थो का सेवन अधिक करना चाहिए जैसे की –
कॉफी: फैटी लिवर की समस्या से परेशान लोग फैटी लिवर डाइट में कॉफी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मछली का तेल: फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए फैटी लिवर डाइट में फिश ऑयल का इस्तेमाल काफी लाभकारी साबित हो सकता है।
ब्रोकली: फैटी लिवर डाइट में ब्रोकली का उपयोग फैटी लिवर की समस्या को न केवल बढ़ने से रोक सकता है, बल्कि उससे निजात दिलाने में भी सहायक साबित हो सकता है।
दलिया: दलिया में बीटा-ग्लूकॉन भारी मात्रा में पाया जाता है तथा यह मोटापे को दूर करने में मदद करता हैं और फैटी लिवर की समस्या में भी मददगार साबित होता हैं।
अखरोट: अखरोट नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
ताजी सब्जियाँ: फैटी लिवर की समस्या में मरीज को पौष्टिक और स्वस्थ यानि की ताजी सब्जियों का सेवन करना चाहिए यह फैटी लिवर की समस्या को खत्म करने में सहायक होती हैं।
फल: ताज़े फलों का सेवन करने से मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता हैं तथा ताजे फल लिवर से सम्बंधित बीमारियों के लिए फायदेमंद होता हैं |
ग्रीन टी: ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट वजन कम करने और कोलेस्ट्रॉल को घटाने का काम करते हैं जिससे की लिवर के आसपास जो अतिरिक्त चिकनाई एकत्रित हो गई है वह भी घटने लगती है।
लहसुन: कच्चे लहसुन में मौजूद तत्व शरीर में उपस्थित फैट को तोड़ने का काम करता है जिससे लिवर पर रुकी हुई वसा (फैट) की परत कम होती है।
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