सीने में जलन का कारण: हार्टबर्न क्यों होता है – Best Hindi Health Tips (हेल्थ टिप्स), Healthcare Blog – News


अकसर छाती में जलन होना सामान्य माना जाता हैं परन्तु यह कभी कभी घातक साबित हो जाता हैं यह बीमारी अचानक ही आती हैं जिसे की हार्ट बर्न यानि की छाती में जलन कहा जाता हैं। यह बीमारी थोड़ी बहुत हार्ट अटैक से भी मिलते-जुलते हैं। यह बहुत असहज स्थिति हो जाती हैं ऐसा महसूस होता हैं जैसे की छाती में दर्द हो रहा है वह चारो और से बंद हो गयी हैं। ज्यादातर यह बीमारी बुजुर्गो में देखी जाती हैं क्योकि उम्र बढ़ने पर शरीर के अंग धीमीगति से कम करना शुरू कर देते हैं जिसकी वजह से अन्य बीमारियाँ हो जाती हैं।

 

 

 

 

 

हार्ट बर्न की स्थिति में छाती में दर्द और जलन होती हैं माना जाता हैं की यह परेशानी पेट के एसिड के कारण होती हैं। इससे पेट के ऊपरी हिस्से में या उरोस्थि के नीचे जलन होती है। यह परेशानी जीवनशैली में आम भी मानी जाती हैं पर यह बीमारी होने पर अधिक परेशानी हो तो डॉक्टर से संपर्क करना अत्यधिक आवश्यक होता हैं।

 

 

 

हार्ट बर्न के लक्षण क्या हो सकते हैं ?

 

 

हार्ट बर्न के लक्षण निम्नलिखित होते हैं –

 

  • खाना खाने के बाद या रात के समय सीने में जलन या फिर दर्द होना।

 

  • अधिक खासी आना।

 

  • मुँह में कड़वा और अम्लीय स्वाद होना।

 

 

  • खाना निगलने में दिक्कत होना।

 

  • छाती के बीच हिस्से या ब्रेस्ट बोन के आस-पास अचानक जलन महसूस होना।

 

 

  • गर्म, एसिडिक, नमकीन और खट्टा टेस्ट।

 

  • मतली आना।

 

 

 

हार्ट बर्न होने के कारण क्या होते हैं ?

 

 

हार्ट बर्न के कई कारण हो सकते हैं यह बीमारी किसी में भी देखने को मिल सकती हैं हार्ट बर्न की स्थिति में डॉक्टर के पास जाने के बाद वह इसका कारण जानने की पूरी कोशिश करते हैं डॉक्टर्स का मानना हैं की कई बार हार्ट बर्न के कारण कुछ इस प्रकार निकल कर आ जाते हैं जैसे की –

  Weight Loss and Sleep: 5 Ways How Poor Quality Sleep Cycle Can Hamper Your Goal of Reducing Extra Kilos

 

 

  • अधिक मसालेदार भोजन खाना।

 

  • खाने के तुरंत बाद लेटना (खाना न हज़म होना)।

 

  • अधिक शराब पीना तथा धूम्रपान करना।

 

  • फैटी फूड, स्पाइसी फूड, फ्राइड फूड और कुछ एसिडिक फूड जैसे ओरेंज, ग्रेपफ्रूट, टमाटर आदि से हार्टबर्न की परेशानी हो सकती है।

 

  • कुछ लोगों में लहसुन, प्याज, चॉकलेट और पुदीना से भी हार्टबर्न की समस्या हो सकती है।

 

  • कॉफी, ओरेंज और दूसरे एसिडिक जूस: ये कुछ ऐसी ड्रिंक्स हैं, जो हार्टबर्न को बदतर या ट्रिगर कर सकता है।

 

 

 

हार्ट बर्न के निदान कैसे किये जाते हैं ?

 

 

हार्ट बर्न के निदान कुछ इस प्रकार से होते हैं –

 

 

  • अपर डायजेस्टिव सिस्टम का एक्स-रे (X-Ray of Upper Digestive System)

 

  • एंडोस्कोपी (Endoscopy)

 

  • एंब्यूलेट्री एसिड टेस्ट (Ambulatory acid test)

 

  • इसोफेगल इमपीडेंस टेस्ट (Esophageal impedance test)

 

  • हार्टबर्न की जांच करने के लिए ही बर्नस्टेन टेस्ट किया जाता है।

 

 

 

हार्ट बर्न का इलाज क्या हैं ?

 

 

हार्ट बर्न की स्थिति में सर्जरी करना बहुत कठिन माना जाता हैं परन्तु सर्जरी की जरुरत भी अधिक नहीं होती। डॉक्टर्स हार्ट बर्न का इलाज कुछ इस प्रकार करते हैं –

 

  • एंटीएसीड्स: इसकी वजह से पेट के अम्ल को बेअसर करा जा सकता हैं, एंटीएसीड्स दवाएं तुरंत असर करती हैं। लेकिन ये पेट के अम्ल के कारण इसोफेगस मैं हुई क्षति को ठीक नहीं कर पाती।

 

  • एच् 2 रिसेप्टर एंटागोनिस्ट्स: इसकी मदद से पेट में अम्ल की मात्रा को कम किया जा सकता हैं यह एंटीएसीड्स दवाइयों को तरह तुरंत राहत नहीं पहुंचाता हैं परन्तु इसमें लम्बे समय तक आराम मिलता हैं।
  Why People Who Are Deficient Of This Mineral Struggle To Lose Weight

 

  • प्रोटोन पंप इन्हिबिटर: यह भी पेट के अम्ल को कम करने के लिए होती हैं।

 

 

 

हार्ट बर्न के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल।

 

 

हार्ट बर्न के इलाज के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल –

 

 

 

 

हार्ट बर्न से बचने के उपाय।

 

 

  • खाना खाने के बाद दाई करवट सोए: जब आप खान खा के लेटते है तो आपके शरीर में एसिड ज्यादा मात्रा में बनता है, फिलाडेल्फिया में हुए एक शोध के अनुसार जिन लोगों को रात में सोने के समय एसिडिटी की समस्या है अगर वह दायीं करवट से सोएं तो उन्हें इसकी समस्या से छुटकारा मिलेगा। सीधे व कमर के बल सोने पर एसिड वापस फिसलकर सांस की नली में आ जाता है जिसकी वजह से एसिडिटी होने लगती है।

 

  • ठंडा दूध: जिन लोगों को अक्सर एसिडिटी या हार्टबर्न की प्रॉब्लम होती है उन्हें रोज 1 गिलास ठंडा दूध पीना चाहिए, ठंडा दूध पेट में जाकर एसिड को न्यूट्रिलाइज करता है और ठंडक पहुंचाता है।
 

 

  • पुदीना: यदि आप पुदीने के पत्तों को अच्छी तरह चबाकर खाते है तो इससे आपका डाइजेशन सिस्टम अच्छा रहता है और आपके शरीर में बढ़ी एसिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है तो पुदीने की पत्तियों को अच्छी तरह से चबाकर खाएं।

 

  • खाना ढंग से चबाए: भोजन करते समय ये जरूरी है कि हर कौर को ठीक तरीके से चबाया चाहिए, किसी भी तरह की जल्दबाजी खाना खाते समय नहीं करनी चाहिए। इसकी वजह से आपको पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं लेकिन बाद में यही हार्ट बर्न होने का कारण बनती है। इसके अलावा पानी कम पीना भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है।

 

 

यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है और अगर आप इसका इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+919599004311) या हमें [email protected] पर  ईमेल कर सकते हैं।

Doctor Consutation Free of src=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।


 

 



Source link

Leave a Comment