वर्त्तमान समय में युवाओं में स्पाइन से सम्बंधित समस्या अधिक देखने को मिल रही हैं, जिसके चलते उनकी रोजाना जीवनशैली भी प्रभावित हो रही हैं। स्पाइन से जुड़ी समस्या किसी भी उम्र में व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं, जैसा कि आप सभी जानते हैं की नौकरी, व्यापार के चलते लोगो को कई घंटो तक बैठे रहना पड़ता हैं जो कि उनके लिए कही न कही घातक साबित हो सकता हैं। सभी कार्य को करने के साथ-साथ व्यक्ति को अपने शरीर का ध्यान रखना भी जरुरी होता हैं।
जैसा की हम आपको बताना चाहते हैं की GoMedii एक हेल्थकेयर प्लेटफार्म हैं, जो कि सभी बीमारियों का इलाज अच्छे अस्पतालों और कम लागत में करवा सकता हैं। GoMedii से जुड़े अन्य कई विशेषज्ञ चिकित्सक हैं जिनमें से के राहुल कॉल यह एक ऑर्थोपेडिक चिकित्सक हैं। कुछ दिन पहले डॉ कॉल ने हड्डियों से सम्बंधित अन्य चीज़ो के बारे में बताया जो कि आज हम इस लेख में बताएंगे।
डॉ राहुल कॉल के बारे में
डॉ राहुल कॉल शारदा अस्पताल, ग्रेटर नोएडा में एक असिस्टेंट प्रोफेसर और ऑर्थोपेडिक्स चिकित्सक हैं। डॉ राहुल एक अत्यधिक अनुभवी चिकित्सक हैं जो कि पिछले 1 साल और 10 महीने से शारदा अस्पताल में स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रहे हैं। उनके पास कुल 7 साल और 5 महीने का कार्य अनुभव है और उन्होंने अपने करियर के दौरान फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज जैसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में काम किया है। उन्होंने 2002 में जीएमसी, भोपाल से एमबीबीएस, 2006 में जीएमसी, जेके से एमएस (ऑर्थोपेडिक्स) और 2014 में एफएनबी (स्पाइन सर्जरी) पूरा किया।
मांशपेशियों में दर्द (मैकेनिकल पेन)
जैसा कि आप जानते है तथा डॉ कॉल ने भी बताया हैं कि भाग-दौड़ भरी जिंदगी के कारण मांसपेशियों में दर्द या मसल्स में पेन की परेशानी का सामना करना पढ़ रहा हैं जो कि उनकी आगे कि जीवनशैली के लिए भी ठीक नहीं हैं। अधिकतर लोग काम के चलते अच्छे से बैठना और एक सही मुद्रा में बैठ नहीं पाते हैं जिससे कि यह समस्या उतपन्न होती हैं।
मांशपेशियों में दर्द से बचाव के उपाय-
- अपनी जीवनशैली में फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाए, जिससे की आपकी हड्डियों और जोड़ो में किसी प्रकार की समस्या न आए।
- लम्बे समय तक न बैठे और चलते-फिरते रहे।
- यदि आप काम के लिए बैठ भी रहे हैं तो एक सही और उचित मुद्रा में बैठे।
- सही पॉश्चर बनाए रखना
मेनोपॉज़ के समय स्पाइन में दर्द
डॉ कॉल ने बताया की अगर किसी महिला को मेनोपॉज हो रहा है तो शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं,और ये सभी शरीर की नॉर्मल प्रक्रियाओं पर असर डालते हैं। इनमें से अधिकतर इसलिए होते हैं क्योंकि शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन वो सबसे बड़े हार्मोन्स हैं जिनका असर शरीर की सभी प्रक्रियाओं पर पड़ता है। क्योंकि शरीर को अब कम हार्मोन्स में ही अपना काम चलाना होता है और वो इसका आदि हो रहा होता है इसलिए मेनोपॉज के समय शारीरिक बदलाव होते हैं और कई तरह के लक्षण दिखते हैं। प्रोजेक्टेरोन के कारण शरीर में शांति और सामान्यता का अहसास होता है। जब शरीर में इस हार्मोन के लेवल कम हो जाते हैं तो मसल्स में खिंचाव और दर्द महसूस होने लगता है।
मेनोपॉज़ के समय स्पाइन में दर्द के लिए क्या उपाय अपनाए।
- शरीर को रखने के लिए स्ट्रेचिंग एक बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज हो सकती है।
- सही पॉश्चर बनाए रखे।
- डॉक्टर की सलाह अनुसार विटामिन और मल्टी-विटामिन सप्लीमेंट का सेवन करें।
- यदि मांशपेशियों में अधिक दर्द हैं तो फिजियोथेरेपी करवाए।
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