Diwali Tradition : दिवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी का त्योहार है. इस दौरान देशभर के अलग-अलग इलाकों में कई परंपराएं भी निभाई जाती हैं. दिवाली के त्योहार पर तेल, घी, दूध और तमाम तरह की सब्जियां शामिल की जाती हैं. हर राज्य में लोग अलग-अलग तरीके से दिवाली सेलिब्रेट (Diwali Celebration) करते हैं. दक्षिण भारत में भी दिवाली खास तरह से सेलिब्रेट की जाती है. केरल और तमिलनाडु के कई इलाकों में दिवाली के दिन लोग सुबह-सुबह उठकर तेल से नहाते हैं. अधिकतर लोग तेल में तिल डालकर भी नहाया करते हैं. यह भले ही एक परंपरा है लेकिन इसका कनेक्शन सेहत से भी है. आइए जानते हैं क्या है इसके फायदे…
दिवाली पर तेल से नहाने के फायदे
1. सर्दी में रखता है सेहतमंद
तेल से नहाने के कई फायदे होते हैं. जब यह परंपरा शुरू हुई थी, तब सर्दियां ही कारण थी. तिल के तेल से नहाने से शरीर में गर्मी बढ़ती है और इम्यूनिटी भी बूस्ट होता है. सर्दी के मौसम में ऐसा करने से सर्दी-जुकाम से भी बचने में मदद मिलती है. इतना ही नहीं इससे संक्रमण भी शरीर तक नहीं पहुंच पाता है.
2. हड्डियों की सेहत रहेगी दुरुस्त
तेल से नहाने से हड्डियों की सेहत दुरुस्त रहती है. एंटी इंफ्लेमेटरी होने के चलते जोड़ों को भी आराम मिलता है. इतना ही नहीं तेल कई बीमारियों से भी बचाने में मदद करता है. तेल से नहाने पर गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. तेल स्नान से हड्डियों को काफई राहत मिलती है, इससे हाइड्रेशन भी बना रहता है और हड्डियों से जुड़ी बीमारियां नहीं होती हैं.
3. स्किन की समस्याएं होती हैं दूर
तिल के तेल में कई तरह के विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो सेहत को कई तरह के लाभ पहुंचाने का काम करता है. ये एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और सर्दी-जुकाम जैसी कई समस्याओं से बचाने का काम करते हैं.तिल वाले तेल एंटीबैक्टीरियल होते हैं, जो स्किन से जुड़ी कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं. तिल का तेल डिटॉक्सीफाइंग और मॉइस्चराइजिंग एजेंट की तरह भी काम करता है, जो त्वचा को साफ कर मॉइस्चराइज करने में मदद करता है.
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