हद से ज्यादा बन रही है गैस तो न करें नजरअंदाज, हो सकती है कैंसर की शुरुआत



<p style="text-align: justify;">हद से ज्यादा गैस रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में बीमारी फैलने की शुरुआती संकेत हो सकती है. अक्सर लोग इसे नॉर्मल गैस या एसिडिटी समझकर इग्नोर कर देते हैं लेकिन यह कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में होने वाले कैंसर के शुरुआती लक्षण इसी तरह के होते हैं. मरीज को लगता है कि यह तो नॉर्मल गैस की प्रॉब्लम है लेकिन बाद में वह खतरनाक रूप ले लेती है. जिसकी वजह से बाद में यह पार्ट काटकर निकालना पड़ता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूटरस के माउथ को सर्विक्स कहते हैं और इसमें होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इस वायरस के कारण होता है सर्वाइकल कैंसर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सितंबर को गायनेकोलॉजिकल कैंसर के लिए जागरूक करने का महीना मानते हैं. रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में होने वाले कैंसर को गायनेकोलॉजिकल कैंसर कहा जाता है. भारत में महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाली कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर के केसेस सबसे ज्यादा हैं. इसके बाद सर्वाइकल और फिर यूटरस कैंसर. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 95 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर की वजह ह्यून पैपिलोमा वायरस (HPV) होता है</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पहले से इसके मामले घटे हैं</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि पहले की तुलना में सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या घटी है. पहले इसकी संख्या लाख के पार होती छी. अब 94 हजार के करीब है. सर्वाइकल का एक कारण यह भी माना जाता है जिन्हें काफी ज्यादा बच्चे होते हैं. मतलब जिनके 5-6 बच्चे हैं तो वह साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते ऐसे में सर्वाइकल कैंसर पनपने का खतरा बढ़ जाता है. अब तो 15 साल की उम्र में एचपीवी का वैक्सीनेशन कम उम्र की लड़कियां करवा सकती हैं ताकि इस बीमारी से बची रहें.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>हर महिला को कौन-कौन से टेस्ट करवाने चाहिए</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सर्वाइकल कैंसर को लेकर वैक्सीन बन चुकी है जिसे आप 15-45 की उम्र में लगवा सकते हैं. लेकिन छोटी उम्र में इस वैक्सीन को लगवाने से आप इस बीमारी से 70 से 80 प्रतिशत तक बचे रहेंगे. इसके अलावा पैप स्मीयर टेस्ट होता है. यह टेस्ट हर सैक्सुअल एक्टिव लोगों को हर तीसरे साल जरूर करवाना चाहिए. यह टेस्ट यूटरस के पास होने वाली पानी को कलेक्ट किया जाता है और फिर उसे चेक किया जाता है. पैप स्मीयर टेस्ट के साथ-साथ लोग एचपीवी का टेस्ट भी कर लेते हैं. अगर ये नॉर्मल है तो इसे 5 साल के गैप पर करवाना चाहिए.</p>
<p>मोटापा के कारण भी बढ़ रहे हैं कैंसर के केस्स</p>
<p>डॉक्टर के मुताबिक ओवरी कैंसर का पता लगाना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल है. क्योंकि इसके लक्षण बेहद नॉर्मल होते हैं. जैसे- गैस, खट्टी डकार, दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं होना. ऐसी मुश्किल अक्सर रहती है तो आपको वक्त रहते डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए. आलसी, खराब लाइफस्टाइल, और खानपान की वजह से यूटरस के कैंसर बीते साल में बढ़े हैं.&nbsp;</p>
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  India will soon get a vaccine to fight dengue, every year so many crores of people around the world fall ill.

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