अनेक बीमारियों के बीच एक बीमारी हर्निया की होती हैं जो की बहुत गंभीर समस्या होती हैं जिसका इलाज संभव होता हैं। यह हर्निया की बीमारी महिलाओं और पुरुष दोनों में पायी जाती हैं, यह शरीर के किसी भी भाग को विकसित कर सकती हैं लेकिन ये अधिकतर पेट के नीचे वाले हिस्से में पायी जाती हैं। हर्निया का इलाज शुरूआती में ही करा लेना चाहिए ताकि वह बीमारी बढ़कर अधिक परेशानी न दे इसलिए शुरूआती लक्षण में ही डॉक्टर से इलाज करवा लेना चाहिए।
जब आंत या मूत्राशय, पेट की ऊतक दीवार और कमर क्षेत्र में धकेलता है तब वह हर्निया का रूप धारण करता है। हर्निया बहुत तीव्र दर्द पैदा करता है, जिस से कई बार खड़े होने में भी कठिनाई होती है और लेटने पर ही आराम मिलता है। इस से ज्यादा दर्द तब होता है जब ये पेट के नीचे के हिस्से मे या जाँघ के ऊपरी हिस्से मे हो। हर्निया का इलाज न करवाने से ये बहुत हानिकारक रूप धारण कर सकता है। परन्तु यह छोटे से ऑपरेशन या सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।
हर्निया के प्रकार।
हर्निया एक प्रकार का नहीं होता हैं इस बीमारी के कई अन्य प्रकार भी होते हैं तथा ये हर्निया के प्रकार सभी मनुष्य में अलग-अलग हिस्सों में पाए जाते हैं –
1 हाइटल हर्निया
हाइटल हर्निया एक आम प्रकार का हर्निया है। इसमें पेट का हिस्सा डायाफ्राम में छाती की और फैलता है जो की खाई हुई सामग्री गले या नाक के और रिफ्लक्स कर देता है, जिससे की सीने में जलन या गले में जलन महसूस होती है।। ऐसे में खाने में परेशानी हो सकती है या पेट में दर्द भी हो सकता है। हाइटल हर्निया होने का खतरा बड़ी आयु के लोगो में जयादा होता है।
2 इनगुइनल हर्निया
इनगुइनल हर्निया सबसे ज्यादा पाए जाने वाले हर्निया में गिना जाता है। इसमें छोटी आंत और पेट की सामग्री पेट की दीवार के कमज़ोर हिस्से से बाहर निकल जाता है। यह अधिकतर पुरुषों में पाया जाता है। इनगुइनल हर्निया में आमतौर पर दर्द नहीं होता बल्कि इसमें कमर में सूजन व् उलटी जैसा महसूस हो सकता हैं। यह जांघ के निकट अधिक पाया जाता है।
3 अम्बिलिकल हर्निया
अम्बिलिकल हर्निया ज्यादातर छोटे बच्चों या नवजात शिशुओं में पाया जाता है। हालांकि यह बड़ी उम्र में होना भी संभव है। यह नाभि पर होता है और यह खतरनाक नहीं माना जाता लेकिन अगर इसका इलाज जल्द न हो तो यह गंभीर हो सकता है।अम्बिलिकल हर्निया का अधिकांश रूप से कोई लक्षण नहीं होता लेकिन यह नाभि पर देखा जा सकता है।
4 इंसिजनल हर्निया
इंसिजनल हर्निया अधिकतर उन लोगो में पायी जाती है जिनकी पेट की सर्जरी पहले हो चुकी हो। यह सर्जरी दौरान चीरा लगने वाली जगह पर हो सकता है, जो की बहुत दर्दनाक भी हो सकती है। ऐसे में पीड़ित को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
5 फेमोरल हर्निया
फेमोरल हर्निया कई बार बहुत दर्दनाक हो सकता है। यह ज्यादातर जांघ के पास होता है जिस कारण पीड़ित की कमर में सूजन और चलने में मुश्किल हो सकती है । यह महिलाओं में अधिकतर पाया जाता है। जल्द उपचार न होने से यह गंभीर भी हो सकता है ।
हर्निया के लक्षण किस प्रकार नज़र आते हैं ?
हर्निया के लक्षण बहुत सामान्य होते इन लक्षणों से इस बीमारी का पता लगाना मुश्किल होता हैं, अगर मनुष्य को ऐसे लक्षण होते हैं तो वह इससे अधिकतर नज़रअंदाज़ कर देते है परन्तु ऐसा नहीं करना चाहिए हर्निया जैसी बीमारी में लक्षण कुछ इस प्रकार आते हैं –
- प्रभावित हिस्सा उभरा हुआ दिखना।
- शरीर में अधिक भारीपन महसूस होना।
- मल-मूत्र त्याग करते समय कठिनाई होना।
- शरीर के किसी भी हिस्से से चर्बी का बहार आना।
- देर तक खड़े रहने से परेशानी होना।
- दौड़ – भाग करने में तथा उठने – बैठने में अधिक तक़लीफ़ होना।
- गांठ हो जाना तथा उसके आसपास के क्षेत्र में दर्द महसूस करना।
- सीने में जलन होना।
- खाना निगलने में परेशानी होना।
- अधिक ज्यादा खासी होना भी हर्निया की ओर संकेत करता हैं।
हर्निया होने का क्या कारण हैं ?
हर्निया कम समय में विकसित हो सकता हैं तथा कई बार विकसित होने में अधिक समय भी ले लेता हैं, यह हर्निया होने के कारण पर निर्भर करता हैं। मांसपेशियों में कमजोरी या खिंचाव के कुछ निम्नलिखित सामान्य कारण जो की हर्निया का कारण बन सकते हैं।
- पुरानी खांसी या पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय विकार
- जलोदर
- हर्निया जन्मजात भी हो सकता हैं या समय के साथ पेट की कमजोर दिवार या परत के हिस्से में विकसित हो सकता हैं।
- चोट या सर्जरी के दौरान हुए घाव भी हर्निया का कारण बन सकता हैं।
- उम्र बढ़ने की स्थित।(40 वर्ष से अधिक उम्र )
- अधिक वजन होना या मोटापा भी हर्निया का कारण बन सकता हैं।
- हर्निया का एक व्यक्तिगत या पारिवारिक इतिहास
- पुटीय तंतुशोथ(cystic fibrosis)
- जलन की अनुभूति
- किसी मनुष्य अधिक समय से कब्ज़ की परेशानी हो तो उसे भी हर्निया जैसी बीमारी हो सकती हैं।
- गर्भावस्था, विशेष रूप से कई गर्भधारण करना।
हर्निया का इलाज कब और कैसे होता हैं ?
यदि हर्निया बढ़ रहा हो या उसमें दर्द बढ़ता जा रहा है, तो आपका डॉक्टर यह तय कर सकता है कि इसे सही करने के लिए क्या सबसे अच्छा है इसलिए हर्निया के अधिक बढ़ने पर ही इसका ऑपरेशन करवाना ठीक रहता हैं । हर्निया को सही करने के लिए, सर्जरी में आपका डॉक्टर पेट की दीवार में हुए छेद को सिल सकता है। आमतौर पर यह सर्जिकल जाल के साथ छेद को पैच करके किया जाता है।
हर्निया को ओपन सर्जरी(open surgery) या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के साथ सही किया जाता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (laparoscopic operation) के लिए केवल एक छोटे से कैमरे और कुछ छोटे- छोटे सर्जिकल यंत्रों का उपयोग करती है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी आसपास के ऊतकों के लिए कम हानिकारक है।
ओपन सर्जरी से यदि हर्निया का इलाज किया जाता है तो सही होने में काफी समय लग सकता है। ऑपरेशन के बाद आप लगभग छह सप्ताह तक सामान्य रूप से घूमने में असमर्थ हो सकते हैं। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में के बाद सही होने में बहुत कम समय लगता हैं।
हर्निया के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल।
हर्निया के इलाज के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल।
हर्निया के इलाज के लिए गुरुग्राम के बेस्ट अस्पताल।
हर्निया के इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के बेस्ट अस्पताल।
- शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
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