होली आने में अब कुछ दिन ही रह गए है, लेकिन लोगो के चेहरो पर अभी से ही होली खलेने का उत्साह नजर आने लगा है। ऐसे में हम कई बार अपने सेहत को अनदेखा कर देते हैं। जिसका खामियाजा हमें बाद में भुगतना पड़ता है। इसलिए मस्ती करने के साथ आप अपनी सेहत को बिलकुल भी नजरअंदाज न करें।
होली खेलने के पहले
- रंग लगने से पहले पूरे शरीर और बालों पर तेल लगाना न भूलें,
- रंग लगते ही तुरंत बाद इसे पानी से धो लें, इससे रंग सूख नहीं पायेगा और हल्का हो जाएगा,
- नाखूनों पर गहरे रंग की नेल-पॉलिश लगा लें ताकि नाखून रंगों से सुरक्षित रहें,
- आंखों को रंगों से बचाने के लिए चश्मा लगाएं,
- फुल स्लीव्स के कपड़े पहने,
होली खेलने के दौरान बरतें ये सावधानियां
- नेचुरल रंगों का इस्तेमाल करें।
- परमानेंट रंगों से दूर रहें क्योंकि इनमें डाई होती है, जो बहुत नुकसानदेह होता है।
- रंगों के अत्यधिक प्रभाव से बाल रूखे और बेजान हो सकते हैं, इसलिए होली बहुत सावधानी से खेले।
- गोल्डन और सिल्वर रंगों का इस्तेमाल भूलकर भी ना करे, इससे त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
- गहरे रंगों का इस्तेमाल न करें इसमें केमिकल्स होते है। जिस वजह से स्किन एलर्जी, एक्जिमा और बालों से जुड़ी समस्या हो सकती है।
- रंग लगाते वक़्त ध्यान रखें कि रंग आपके मुंह, नाक और आंख में न जाए। वरना सांस लेने में दिक्क्त और आंखों में जलन की समस्या हो सकती है।
- होली में अक्सर अधिक मात्रा में लोग भांग और एल्कोहल का सेवन करते है, जिससे डीहाइड्रेशन होने का खतरा होता है। इसलिए इसका सेवन कम करे।
- अगर आपने होली गीले रंगो से खेली है, तो बालो को शैम्पू से धो ले, लेकिन बालो को ज्यादा न रगड़े। रंगाे को निकलने में समय लगेगा।
होली के रंगों से होने वाले नुकसान
रंगों में कई तरह के केमीकल्स मिले होते हैं, जिससे चेहरे पर पिंपल, आंखों में जलन, खुजली और बालों को नुकसान पहुंचता है।
इन रंगों से आपको –
- आंखों से पानी गिरना,
- चेहरे पर चकत्ते (allergy),
- ड्राईनेस,
- त्वचा के रंग का बदलना,
- एक्जिमा (Eczema) सहित त्वचा से जुड़ी और भी कई समस्याएं हो सकती हैं,
- अगर आप अस्थमा के मरीज हैं, तो रंगों से परेशानी बढ़ सकती है।
इन बातों का भी रखे ख्याल
- होली खेलने के बाद जब रंग छुड़ाए तो बहुत अधिक साबुन का इस्तेमाल न करें, इससे त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- रंग को छुड़ाते वक़्त ध्यान रखें कि रंग का पानी कान में न जाए।
- जब बच्चे रंग खले रहे हो, तो उस वक़्त उनके साथ किसी बड़े का होना जरूरी है।
पहले होली में रंग खलने के लिए लोग प्राक्रतिक रंगों का प्रयोग करते थे, और इस वजह से त्व़चा पर किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता था, लेकिन आजकल रंगों में भारी मात्रा में मिलावट हो रही है। इसलिए, रंगों को खरीदते समय थोड़ी सावधानी बरतें। रंगों को खरीदने से पहले उनकी जांच कर लें, आप जिन रंगों का प्रयोग कर रहे हैं, वो पावडर जैसे होने चाहिए दानेदार या खुरदरे। और अगर किसी तरह की समस्या हो रही हो, तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलकर उनकी सलाह जरूर ले।
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