Eye Diseases : वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर लोगों को बीमार बना रहा है. इसकी वजह से सांस, स्किन ही नहीं आंखों की समस्याएं भी बढ़ रही हैं. डॉक्टर वायु प्रदूषण से आंखों को बचाने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि पॉल्यूशन के चलते लोग ग्लूकोमा (Glaucoma) की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. ग्लूकोमा आंखों की एक ऐसी बीमारी है, जिसमें आंखों की रोशनी कम हो जाती है. लंबे समय तक प्रदूषण में रहने वालों की आंखों में जलन, पानी आना, धुंधला दिखने जैसी समस्याएं होती हैं. इससे बाद में रोशनी कम होने का खतरना रहता है. आइए जानते हैं ग्लूकोमा के लक्षण और बचने का तरीका…
प्रदूषण और आंखों की बीमारी
डॉक्टरों का कहना है कि,प्रदूषण में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और पीएम 2.5 के बहुत छोटे कण पाए जाते हैं, जो आंखों में जाने के बाद कई तरह की समस्याएं पैदा कर देते हैं. आंखों के अंदर मैक्यूला होता है, जिसकी बहुत सी छोटी-छोटी कोशिकाएं होती हैं. पीएम 2.5 के छोटे-छोटे कण के संपर्क में जब ये आती हैं तो आंखों को नुकसान पहुंचने लगता है. पहले से ही आंखों की किसी समस्या से जूझ रहे लोगों में स्थिति और भी बिगड़ सकती है. ऐसे में प्रदूषण से बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए.
ग्लूकोमा के लक्षण
आंखों के डॉक्टर के मुताबिक, प्रदूषण के संपर्क में ज्यादा रहने वालों की आंखों में जलन, आंखों से पानी आना और धुंधला दिखने जैसी कई समस्याएं नजर आती हैं. अगर लंबे समय तक ये सभी समस्याएं बनी रहें तो ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने की जरूरत है. बदलते मौसम में भी आंखों का खास ख्याल रखना चाहइे. हवाओं की वजह से आंखों की नमी कम होने लगती है और ड्राईनेस की समस्या हो सकती है. प्रदूषण और मौसम में बदलाव की वजह से आंखों में जनल और धुंधला जैसी समस्याएं बढ़ती हैं और ग्लूकोमा का रूप धारण कर सकती हैं.
प्रदूषण से आंखों को बचाने का तरीका
1. घर से बाहर जाने पर चश्मा लगाकर जाएं.
2. आंखों को बार-बार न छूएं.
3. आंखों में जलन होने पर पानी से अच्छी तरह धोएं.
4. डॉक्टर की सलाह पर आई ड्रॉप्स इस्तेमाल करें.
5. किसी देसी नुस्खों को आजमान से पहले डॉक्टर की सलाह लें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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