आजकल बदलते मौसम में कई स्वास्थ्य और त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मानसून में त्वचा, नाखूनों और पैरों के फंगस ज्यादा देखने को मिलते है। इसके अलावा पैरों में अत्यधिक पसीना आने के कारण फफोले हो जाते हैं, जिसे पैरों का फंगस(Infection) भी कहा जाता है। घर पर, आप अपने पैरों को खुला छोड़ सकते हैं, लेकिन सारी परेशानी तब होती है जब आपको कार्यालय में पूरे दिन जूते-मोजे पहनने पड़ते हैं। इससे पैरों के तलवों में छाले हो जाते हैं, जिससे पैरों में दर्द होता है और चलना मुश्किल हो जाता है।
फंगल इंफेक्शन के प्रकार
- एथलीट फुट (Athlete’s foot)
- जॉक खुजली (jock itch)
- कैंडिडिआसिस (candidiasis)
- नाखून में फंगस (nail fungus)
- टिनिया वर्सिकलर (tinea versicolor)
- स्कैल्प दाद (scalp ringworm)
फंगल इंफेक्शन के कारण
इसका मुख्य कारण मिट्टी, हवा और पर्यावरण में मौजूद कवक(Fungi) है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। फंगल संक्रमण अक्सर फेफड़ों या त्वचा पर एक प्रमुख प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, फंगल संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- ज्यादातर गर्म, नम वातावरण या नम त्वचा
- किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क करें
- बहुत ज़्यादा पसीना आना
फंगल इंफेक्शन के लक्षण
- पैर लाल होना या छाले पड़ना
- संक्रमित क्षेत्र में खुजली या जलन
- योनि के आसपास खुजली और सूजन
फंगल इन्फेक्शन के घरेलू उपाय
लहसुन
एंटीफंगल गुणों से भरपूर लहसुन के प्रयोग से आपकी समस्या मिनटों में दूर हो जाएगी। इसके लिए लहसुन की 3-4 कलियों का पेस्ट बनाएं और इसे संक्रमण वाली जगह पर लगाएं। लहसुन लगाने से एक मिनट के लिए थोड़ी जलन हो सकती है, लेकिन यह संक्रमण धीरे-धीरे गायब हो जाएगा।
जैतून के पत्ते
जैतून के 5-6 पत्तों को पीसकर फंगल संक्रमण को दूर करने के लिए एक पेस्ट बनाएं। इसके बाद इसे संक्रमित क्षेत्रों पर 30 मिनट के लिए लगाएं और फिर धो लें। संक्रमण दूर होने तक इस पेस्ट को लगाते रहें।
एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल का उपयोग संक्रमण को दूर करेगा और जलन, खुजली और चकत्ते से राहत देगा। इसके लिए आप एलोवेरा जेल(Aloe vera gel) को त्वचा पर रगड़ें और इसके बाद इसे 30 मिनट के लिए छोड़ दें। अब इसे गुनगुने पानी से धो लें।
दही
दही में एसिड होने के कारण यह हानिकारक बैक्टीरिया को मारता है। रुई की मदद से दही को संक्रमण वाली जगह पर लगाएं और कुछ देर बाद धो लें। ध्यान रखें, संक्रमित क्षेत्र को अपने हाथों से कभी न छुएं क्योंकि संक्रमण संक्रामक है।
हल्दी
कच्ची हल्दी को पीसकर संक्रमण वाले स्थान पर 30 मिनट के लिए लगाएं। अपने ऐंटिफंगल गुणों के कारण, यह फंगल संक्रमण और दाग को भी खत्म करता है।
सेब का सिरका
फंगल इन्फेक्शन होने पर 2 चम्मच सेब के सिरके को 1 कप गर्म पानी में मिलाकर पीएं। इसका सेवन आपके खून में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करके इस समस्या को दूर करेगा।
टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल, इसके एंटीसेप्टिक गुणों के कारण, थोड़े समय में संक्रमण की समस्या को दूर करता है। बराबर मात्रा में ट्री टी ऑयल, ऑलिव ऑयल और बादाम का तेल मिलाएं और इसे संक्रमण वाली जगह पर लगाएं। इसे तब तक रोजाना इस्तेमाल करें जब तक कि संक्रमण दूर न हो जाए।
कपूर
मिट्टी के तेल में 5 ग्राम कपूर और 1 ग्राम नेफ़थलीन मिलाएं। इसे मरहम की तरह कुछ समय के लिए संक्रमित क्षेत्र पर छोड़ दें। जब तक बीमारी ठीक न हो जाए, तब तक इस उपाय को दिन में दो बार करें।
पीपल के पत्ते
पीपल के पत्तों को थोड़े पानी के साथ उबालें। इसे ठंडा होने दें और त्वचा को धोने के लिए इस पानी का उपयोग करें। इससे घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।
फंगल इन्फेक्शन से बचाव
- गीले मोजे न पहनें, पैरों को नमी से बचाएं।
- पैर की उंगलियों के बीच भी सफाई रखें।
- यदि पैरों में अत्यधिक पसीना आता है, तो जूते और मोजे पहनने से पहले पैर की उंगलियों के बीच टेल्कम पाउडर लगाएं।
- कपड़े और जूते ठीक से और खुले तौर पर पहनें, सूती मोजे और कपड़े पहनना बेहतर है।
- अस्पतालों या सार्वजनिक स्थानों पर सामान्य बाथरूम का उपयोग करने से बचें।
- पेडीक्योर बाथ टब में फंगस और संक्रमण का खतरा भी रहता है, इसलिए सावधानी बरतें।
- रोगी को परिवार में बैठने और लेटने के लिए अलग स्थान निर्धारित करें। उनके इस्तेमाल किए हुए कपड़ों को अलग से साफ करें।
यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है और अगर आप इसका इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+91 9599004311) या हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।