Pancreatic Cancer: पैंक्रिएटिक कैंसर को बेहद खतरनाक कैंसर कहा जाता है. इसे इसलिए भी काफी ज्यादा खतरनाक कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती संकेत का पता लगाना बेहद मुश्किल है. जानलेवा बीमारियां जैसे कैंसर का सामना करना लोगों के लिए भयानक हो सकता है. दर्द से गुजरना, मनोवैज्ञानिक दबाव और कैंसर से जुड़े कलंक का मुकाबला करने के लिए बहुत ज्यादा समर्थन की जरूरत है. लेकिन, किसी प्रकार का कैंसर की शुरुआती चरण में पहचान प्रभावी उपचार में मदद कर सकता है.
भारत में व्यापक रूप से प्रचलित कैंसर में पैंक्रिएटिक कैंसर को शुरुआती चरण में पहचान करना जरूरी है. बीमारी के जल्द पता नहीं चलने से जीवित रहने की दर अत्यंत कम हो जाती है. पैंक्रिएटिक कैंसर पाचन अंग यानी अग्नाशय की कोशिका से विकसित होता है. ये मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित होता है. पैंक्रिएटिक कैंसर का सटीक कारण का पता अभी तक नहीं चला है.
अग्नाशेय में कोशिका अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बनाती हैं. पैंक्रिएटिक कैंसर दूर रखने के लिए कोई निर्धारित चरण नहीं है. लेकिन आप खास चरण का पालन कर सकते हैं और हकीकत से होशियार हो सकते हैं. इस खतरनाक बीमारी की शुरू में पहचान करना है जब ठीक होने की दर ज्यादा हो. गंभीर पेट का दर्द पैंक्रिएटिक कैंसर होने का आम लक्षण है.
पैंक्रिएटिक कैंसर के शुरुआती संकेत आंखों में दिखाई देते हैं
आंख के रंग का बदलना
आंखों में पीलापन का बढ़ना
हमेशा खुजली होना
आंखों में जलन और इरीटेशन
पेट के ऊपरी भाग में दर्द वजन में कम होना भूख न लगना कमजोरी थकान मतली आंख, स्किन और यूरिन का रंग पीला होना डायबिटीज की शुरुआत
पैंक्रिएटिक कैंसर का पता लगाना मुश्किल है
शरीर के अंदर अग्नाशय की गहराई शुरुआती ट्यूमर की पहचान करना मुश्किल बना देती है. देर से पहचान का अन्य कारण ये भी होता है कि पैंक्रिएटिक कैंसर के लक्षण कैंसर के अन्य अंगों में फैलने और बड़ा होने तक जाहिर नहीं होते हैं. इसलिए, पैंक्रिएटिक कैंसर का पता लगायाा जाना उस वक्त जरूरी है जबकि शुरुआती चरण में इलाज किया जा सके. उन्नत चरण में पहुंचने पर पैंक्रिएटिक कैंसर का इलाज करना मुश्किल हो जाता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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