बच्चों में मिर्गी कैसे पहचानें? जानिए इसके लक्षण और इलाज


मस्तिष्क से जुड़ी कई तरह की बीमारियाँ होती हैं। यह किसी भी उम्र में हो सकती है और मिर्गी उनमें से एक है। एनसीबीआई के अनुसार, भारत में लगभग 10 मिलियन लोगों को मिर्गी की बीमारी है, जिनमे बच्चे भी शामिल हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें अपनी स्थिति के लिए उचित उपचार नहीं मिलता है। अगर आपको दिमाग से जुड़ी कोई परेशानी महसूस हो तो इसे नजरअंदाज न करें। यहां हम आपको भारत में कम लागत पर मिर्गी का इलाज प्रदान करेंगे। यदि कोई मिर्गी का इलाज चाहता है तो हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हम आपको हर संभव तरीके से मार्गदर्शन करेंगे।

 

 

 

और पढ़े: अल्जाइमर रोग क्या हैं ? जानिए इसके लक्षण और बचाव

 

 

 

 

 

मिर्गी, जिसे एपिलेप्सी (Epilepsy) के रूप में भी जाना जाता है, एक न्यूरोलॉजिकल रोग है जो दिमागी गतिविधियों को प्रभावित करता है। इसमें व्यक्ति को अनियंत्रित शरीर की गतिविधियों, चपलता, या अचानक चौंकाने वाले और अनूठे धार्मिक अनुभवों का अनुभव हो सकता है। यह विभिन्न कारणों से हो सकता है और कभी-कभी बच्चों में भी देखा जा सकता है। अगर आपके बच्चे में इस तरह की कोई समस्या है, तो आपको चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

 

 

 

बच्चों में मिर्गी के कितने प्रकार होते हैं ? (Bacho main mirgi ke kitne Prakar hote hain in Hindi)

 

 

बच्चों में बच्चों में मिर्गी के कई प्रकार हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:

 

 

आम मिर्गी (Generalized Epilepsy): यह प्रकार सबसे सामान्य है और इसमें बच्चे के पूरे शरीर में हल्की ऐठन से गंभीर रूप से दौरे पड़ते हैं।

 

टॉनिक मिर्गी (Tonic Seizures): इसमें बच्चे के शरीर की मांसपेशियों में अचानक तनाव हो सकता है, जो उनकी चाल को प्रभावित कर सकता है।

  Reduce Arm Fat: Do these exercises at home to reduce arm fat

 

गैर-मोटर मिर्गी (Non-Motor Seizures): इस प्रकार की मिर्गी में, बच्चे को चेहरे की भावनात्मक परिस्थितियों में बदलाव, जैसे कि अचानक डर या खुशी का अनुभव हो सकता है।

 

एब्सेंस मिर्गी (Absence Seizures): यह मिर्गी का प्रकार बच्चों में आमतौर पर देखा जाता है और इसमें वे अचानक ध्यान नहीं दे पाते हैं, जो उनके सामान्य काम को प्रभावित कर सकता है।

 

 

 

बच्चों में मिर्गी के लक्षण किस प्रकार नज़र आते है ? (Bacho main mirgi ke symptoms kya hote hain in Hindi)

 

 

बच्चों में मिर्गी के लक्षण विभिन्न हो सकते हैं और वे बच्चे की उम्र, मिर्गी के प्रकार, और संबंधित कारणों पर निर्भर करते हैं। यहां कुछ सामान्य लक्षण हैं जो बच्चों में मिर्गी के हो सकते हैं:

 

 

  • अचानक व्यवहार में बदलाव
  • मूड स्विंग्स
  • बोलने में रुकावट
  • शरीर की गतिविधियों में बदलाव
  • दौड़ते समय, चलते समय, या स्थितियों में लड़खड़ाहट
  • चिड़चिड़ापन
  • मांशपेशियों में दर्द की समस्या
  • डिप्रेशन
  • भवनाओं में बदलाव
  • सांस लेने की समस्या

 

 

 

बच्चों में मिर्गी के कारण किस प्रकार होते हैं ? (Bacho mein mirgi ke Karan kya hote hain in Hindi)

 

 

बच्चों में मिर्गी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं जैसे की-

 

 

  • कई बच्चों में मिर्गी की समस्या अनुवांशिक (जेनेटिक) होती हैं।

 

  • बच्चों को सिर पर गहरी चोट लगने पर भी दौरे पड़ सकते हैं।

 

  • ऑटिज़्म से सम्बंधित ग्रसित बच्चों को भी मिर्गी की समस्या हो सकती हैं।

 

  • किसी भी कारणवश मस्तिष्क को हानि होती हैं तो उससे भी मिर्गी आ सकती हैं।

 

  • बच्चों में एंजेलमैन सिंड्रोम, डाउन सिंड्रोम, ट्यूबरल स्क्लेरोसिस होने पर भी बच्चों को खत्तरा बना रहता हैं।

 

 

 

बच्चों में मिर्गी का इलाज किस प्रकार होता हैं ? (Bacho main mirgi ka ilaj Kaise Hota hain Hindi)

 

  जानिए अंडकोष में दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

 

बच्चों में मिर्गी के इलाज होना उनकी स्वास्थ्य स्थिति और उम्र पर निर्भर करता हैं। बच्चों में मिर्गी का इलाज उनके दौरों को कम करने के लिए किया जाता हैं। बच्चों में मिर्गी के निम्लिखित इलाज उपलब्ध हैं-

 

 

दवाइयां: बच्चों को मिर्गी के दौरे आने पर डॉक्टर उन्हें कुछ दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं जिससे की बार-बार दौरे पड़ने की समस्या नियंत्रण में आ जाती हैं और वह कई हद्द तक बीमारी को ठीक करने के लिए भी मददगार साबित होती हैं।

 

सर्जरी: जब बच्चों में मिर्गी आने पर उन्हें दवाइयों से कोई असर नहीं होता हैं तो चिकित्सक सर्जरी की सलाह देते हैं। जब दौरे की समस्या मस्तिष्क में चोट या घाव के कारण होती है तभी अधिकतर डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।

 

केटोजेनिक आहार: केटोजेनिक आहार एक विशेष प्रकार का आहार है जो की चिकित्सक की देखरेख में दिया जाता हैं। जिसमें आपको कम आंतरिक अंश में कार्बोहाइड्रेट्स और अधिक वसा (फैट) और प्रोटीन शामिल करने की दिशा में ले जाता है।

 

वेगस नर्व स्टिमुलेशन थेरेपी: यह एक प्रकार की मेडिकल उपचार पद्धति है जो मानसिक रोगों और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के उपचार में प्रयोग की जाती है। वेगस नर्व स्टिमुलेशन थेरेपी का उपयोग विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि डिप्रेशन, बाइपोलर रोग, और एपिलेप्सी के उपचार में किया जाता है।

 

 

 

बच्चों में मिर्गी के इलाज के लिए भारत के अच्छे अस्पताल-

 

 

बच्चों में मिर्गी के इलाज के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल-

 

 

  I’m Sometimes Grateful for My Chemo Brain and Multiple Jobs During Cancer

 

 

बच्चों में मिर्गी के इलाज के लिए गुरूग्राम के अच्छे अस्पताल-

 

 

 

बच्चों में मिर्गी के इलाज के लिए चेन्नई के अच्छे अस्पताल-

 

 

 

 

बच्चों में मिर्गी के इलाज के लिए मुंबई  के अच्छे अस्पताल-

 

 

 

 

यदि आप कम खर्च में मिर्गी के ट्रीटमेंट की तलाश कर रहे हैं या इससे सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें| आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

 

Doctor Consutation Free of src=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।


 

 



Source link

Leave a Comment