महिलाओं की फिजिकल ही नहीं मेंटल हेल्थ पर भी असर डाल रहा PCOS, जानें क्यों आने लगता है आत्महत्या का ख्याल


PCOS: PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम महिलाओं में होने वाली कॉमन समस्याओं में से एक है. इस बीमारी की वजह से ओवरी में असामान्य मात्रा में एण्ड्रोजन हार्मोन का उत्पादन शुरू हो जाता है. एण्ड्रोजन पुरुषों में पाया जाने वाला सेक्स हार्मोन होता है, जो आमतौर पर महिलाओं में कम पाया जाता है. इसकी बढ़ी मात्रा कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स सभी महिलाओं को पीसीओएस के लक्षणों की सही समय पर पहचान कर इलाज कराने की सलाह देते हैं. आइए जानते हैं आखिर ये बीमारी कितनी खतरनाक है और इसे लेकर क्या कहती है हालिया रिपोर्ट…

 

आत्महत्या को बढ़ावा दे सकती है PCOS

हालिया रिसर्च में इसके कई खतरनाक परिणाम पाए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि पीसीओएस से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. यह मेंटल हेल्थ पर भी गंभीर दुष्प्रभाव डालता है. यहां तक की सुसाइड करने जैसे विचारों को भी बढ़ा सकता है. इस बीमारी की चपेट में आने वाली महिलाओं में आत्महत्या के मामले बढ़ने को लेकर अलर्ट किया गया है. ताइवान में हुए इस रिसर्च में बताया गया है कि पीसीओएस की शिकार महिलाओं में सुसाइड करने के प्रयास की आशंका ज्यादा होती है. ऐसे में महिलाओं को फिजिकल ही नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए. जरूरत महसूस होने पर मनोचिकित्सक की भी सलाह ले सकती हैं.

 

क्या कहती है स्टडी

साल 2022 में यूनाइटेड किंगडम में साल 2022 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ऐसी महिलाएं जिनमें पीसीओएस पाया गया,  उनमें समय के साथ आत्मघाती विचार आने, खुद को नुकसान पहुंचाने, ज्यादा चिंता और विचलित होने जैसी समस्याएं देखने को मिली. साल 2016 में  एक स्वीडिश अध्ययन में भी पाया गया कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में दूसरी महिलाओं की तुलना में आत्महत्या करने की कोशिश 40% ज्यादा थी.

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PCOS से होने वाली दिक्कतें

पीसीओएस ऐसी समस्या है जो प्रजनन आयु वाली 8 से 13 प्रतिशत महिलाओं में देखने को मिलती है. इसे इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण भी माना जाता है. इस बीमारी की चपेट में आने पर महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे आना, चेहरे या शरीर पर अतिरिक्त बाल आना, मोटापा, पीरियड में समस्या होने का खतरा हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आत्महत्या का प्रयास करने वाली 50-60 प्रतिशत महिलाओं की मेडिकल हिस्ट्री में पीसीओएस होना पाया गया है. इसलिए सावधान रहना चाहिए और इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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