किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंगो में से एक हैं यह हमारे जीवन को चलने में साथ देता हैं। आजकल के दौर में किडनी से सम्बंधित कई बीमारियों का सामना व्यक्तियों को करना पड़ रहा हैं जो की जानलेवा साबित हो सकती हैं। किडनी जितनी मजबूती से शरीर में काम करती हैं उतनी ही मजबूतियों से बीमारियों का सामना भी करना पड़ता हैं। सभी जानते है की मनुष्य के शरीर में दो गुर्दे होते हैं ,जो की शरीर के सभी चयाचाप का उत्पाद हैं।
किडनी से सम्बंधित कई बीमारियाँ होती हैं जिनमे से एक हैं किडनी इन्फेक्शन या किडनी संक्रमण। यह इन्फेक्शन तब होता हैं जब मूत्राशय के सक्रमण के कारण बैक्टीरिया मूत्रवाहिनियों(ureter)के माध्यम से किडनी में प्रवेश करते हैं इस सक्रमण को पायलोनेफ्राइटिस (pyelonephritis) भी कहा जाता हैं। इसका इलाज सही समय पर न करवाने पर यह संक्रमण रक्त के जरिये शरीर के अन्य अंगो में फ़ैल जाता हैं। यह बीमारी अचानक होती हैं तथा एक या दोनों किडनी में फ़ैल जाती हैं। गलत खानपान तथा अनियमित जीवनशैली की गलत आदतों की वजह से मनुष्य इस किडनी इन्फेक्शन का शिकार हो जाते हैं।
किडनी इन्फेक्शन के लक्षण क्या होते हैं ?
किडनी इन्फेक्शन अधिक गंभीर बीमारी हैं इसलिए इसके लक्षणों का सही समय पर पता लगना बहुत आवशयक होता हैं। किडनी संक्रमण के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं।
- ठण्ड लगना तथा तेज बुखार आना।
- कमजोरी और थकान महसूस होना।
- मल त्याग करने में जलन होना तथा खून और पस निकलना।
- जिस हिस्से में दोनों किडनी होती हैं उस हिस्से में अधिक दर्द होना।
- मतली और उलटी होना।
किसी भी मनुष्य को अगर इस प्रकार के लक्षण शरीर में नज़र आते हैं तो वह नज़रअंदाज़ न करते हुए डॉक्टर से जाँच कराये। ताकि डॉक्टर सही समय पर इसका इलाज कराये और इस बीमारी को पूरी तरह से ख़त्म कर दे।
किडनी इन्फेक्शन के कारण।
- किडनी का संक्रमण में आमतौर पर बड़ी आंत से आया बैक्टीरिया ई-कोली मूत्राशय से मूत्रवाहिनियों के माध्यम से किडनी में प्रवेश कर जाता है। इस संक्रमण का मुख्य कारण ई-कोली बैक्टीरिया को ही माना जाता है। यह संक्रमण कभी-कभी किसी किडनी की सर्जरी आदि से भी लग जाता है।
- किडनी इन्फेक्शन होने के अनेक कारण हैं जैस की इम्युनिटी सिस्टम अगर कमजोर हो तो इससे भी किडनी संक्रमण हो सकता हैं।
- यूरिन (urine) से सम्बंधित बीमारी अगर किसी व्यक्ति हो हैं तो किडनी इन्फेक्शन होने की सम्भावना अधिक रहती हैं।
- गलत खानपान जैसे की दूषित जगहों से खाना दूषित जगहों से पानी पीना उनसे भी किडनी पर गलत असर होता हैं।
- टॉयलेट सीट पर मौजूद बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण के कारण भी यह इन्फेक्शन होता है।
- किडनी स्टोन जिसे पथरी भी कहा जाता हैं यदि यह किडनी स्टोन किसी व्यक्ति को होता हैं तो उन्हें भी किडनी संक्रमण का खतरा अधिक रहता हैं।
किडनी इन्फेक्शन के इलाज
किडनी इन्फेक्शन का इलाज सही समय पर कराने से यह पूरी तरह ठीक हो सकती हैं।बीमारी के जल्द पता लगने पर इसके इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श ले उनके द्वारा दी गयी सलाहों का सम्पूर्णरूप से पालन करे। यदि किडनी संक्रमण अगर कम हो तो डॉक्टर की दवाइयों की सलाह देंगे जिसमे कुछ एंटीबायोटिक्स दवाइयों का सेवन मरीज को करना होगा ताकि वह संक्रमण वही रुक जाये और पूरी तरह से खत्म हो जाये।
एंटीबायोटिक्स का सेवन 2 से ३ हफ्ते करना पड़ता हैं यदि यह इतने समय में ठीक न हो तो आगे डॉक्टर इंट्रावेनस एंटीबायोटिक दवा और इंट्रावेनियस फ्लूड्स का इस्तेमाल करते हैं। किडनी इन्फेक्शन में अगर ब्लॉकेज या फिर यूरिनरी ट्रैक में समस्या उत्पन होने लगे तो डॉक्टर सर्जरी करके भी इस समस्या को खत्म कर सकते हैं।
किडनी इन्फेक्शन के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल।
किडनी इन्फेक्शन के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल।
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , साकेत, दिल्ली
- फोर्टिस हार्ट अस्पताल , ओखला, दिल्ली
- बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल , सरिता विहार , दिल्ली
किडनी के इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के बेस्ट अस्पताल।
- शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।
किडनी इन्फेक्शन में अपना ख्याल कैसे रखे ?
- आहार संबंधी सलाह योग्य चिकित्सकों और आहार विशेषज्ञों (dietitian) से ही लें।
- किडनी इन्फेक्शन का पता लगने के बाद डॉक्टर से परामर्श ले उनकी दी हुई दवाइयों का सेवन करे उसके अलावा अपनी जीवनशैली के खानपान में भी परिवर्तन करे जैसे की खाने में प्रोटीन की मात्रा कम रखे तथा खाने में कैलोरी को मात्रा अधिक से अधिक रखे।
- कुछ कम मात्रा वाले सोडियम पदार्थों में ज्यादा पोटैशियम हो सकता इनके सेवन से बचना चाहिए ये जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकते है।
- हमें प्रतिदिन शुगर की एक निश्चित मात्रा का ही सेवन करना चाहिए। इस बात का आवश्यक ख़याल रखें कि रक्त में शुगर की निश्चित मात्रा ही हो। यदि रक्त में शुगर की मात्रा अधिक बढ़ जाती है तो इससे किडनी डैमेज या गुर्दे के ख़राब होने का ख़तरा बढ़ जाता है,इसलिए अपनी दिनचर्या मैं शुगर को नियंत्रण में रखना आवशयक होता हैं।
- नसों में रक्त का प्रवाह अत्यंत सुचारु रूप से होना ज़रूरी है। यदि नसों में रक्त का प्रवाह तेज़ी से होता है तो रक्तचाप बढ़ जाता है। रक्तचाप बढ़ने से ना सिर्फ़ हार्ट अटैक की संभावना बढ़ती है बल्कि किडनी के ख़राब होने का भी ख़तरा बढ़ जाता है तो इसका भी खास ख्याल रखना चाहिए।
- धूम्रपान करने से अधिक बचे क्योकि धूम्रपान करने से शरीर के अंदर कई अंगो को नुकसान पहुँचता हैं तथा यह किडनी के रक्तप्रवाह को अधिक धीमा कर देता हैं जिसकी वजह से सक्रमण के साथ किडनी कैंसर का खतरा भी बना रहता हैं तो किडनी संक्रमण से सम्बंधित रोगिओं को बिलकुल भी धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
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