Brain Dead: ब्रेन डेड जानलेवा स्थिति है. ऐसा होने पर दिमाग एक्टिव नहीं रह जाता है और शरीर में भी हलचल नहीं रह जाती है. यह इतनी गंभीर स्थिति होती है, कि इंसान का लाइफ सपोर्ट बंद हो जाता है और उसे म़ृत घोषित कर दिया जाता है. ब्रेन डेड (Brain Dead) का कोई एक नहीं बल्कि कई कारण होते हैं. एक आंकड़े के अनुसार, पूरी दुनिया में हर साल 15 से 20 हजार लोगों की मौत का कारण ब्रेन डेड होता है. आइए जानते हैं इस खतरनाक स्थिति का कारण और इससे बचने के उपाय…
ब्रेन डेड का क्या कारण होता है
1. गंभीर मस्तिष्क विकृति- गंभीर चोट, दिमागी कमजोरी या ब्लीडिंग ब्रेन डेड का कारण हो सकती है.
2. गंभीर चोट- अप्रत्याशित चोट या सर्जरी की वजह से ज्यादा खून निकलने से भी दिमाग की सक्रियता खत्म हो सकती है.
3. गंभीर रिसर्च- किसी बीमारी के इलाज के लिए रिसर्च करते समय मेडिकल इंफेक्शन की वजह से भी ब्रेन डेड हो सकता है.
4. ब्रेन का सिकुड़ना- दिमाग के ज्यादा दबाव की वजह या किसी दूसरी वजह से दिमाग में सिकुड़न आ जाती है. ये भी ब्रेन डेड का एक कारण है.
ब्रेन डेड का इलाज क्या है
ब्रेन डेड का कोई इलाज नहीं है. ऐसा होने पर इंसान के ब्रेन को डेड घोषित कर दिया जाता है, जिसका मतलब है कि उसका ब्रेन स्टेम अब काम नहीं कर रहा है, जो शरीर को कई महत्वपूर्ण काम करने के लिए कंट्रोल करता है. इससे ही सांस चलती है, दिल धड़कता है और ब्लड प्रेशर सही रहता है. इन्हें सिर्फ मशीनों से ही कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन दिमाग और मशीन में काफी अंतर होता है. इसकी मदद से इंसान जिंदा तो रह सकता है लेकिन लाश बनकर. ब्रेन डेड के बाद इंसान को भले ही बचाया नहीं जा सकता है लेकिन उसकी मदद से किसी दूसरे को नया जीवन जरूर दिया जा सकता है. मतलब उसके स्वस्थ अंग को किसी दूसरे को दान कर नया जीवन दिया जा सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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