रीढ़ और स्ट्रोक मरीजों की चलने की मुश्किलें होंगी अब दूर, स्वदेशी रोबोटिक पैर बनेगा सहारा



<p>आज के समय में, नई-नई तकनीकें हमारी जिंदगी को आसान और बेहतर बना रही हैं, खासकर जब बात स्वास्थ्य की आती है. इसी क्रम में, दिल्ली के तीन बड़े संस्थान – AIIMS, DRDO और IIT दिल्ली&nbsp; एक साथ मिलकर एक खास तरह की मशीन पर काम कर रहे हैं. यह मशीन एक पहनने वाला रोबोट है जो लोगों के पैरों के लिए बनाया गया है. इसे पहनकर, वे लोग जो बीमारी या चोट की वजह से अच्छे से चल नहीं पाते, फिर से चलना सीख सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: left;">इस मशीन को बनाने का मकसद उन मरीजों की मदद करना है जिनके पैर कमजोर हो गए हैं या जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं, चाहे वह स्ट्रोक की वजह से हो या रीढ़ की हड्डी में चोट लगने की वजह से. इस रोबोटिक मशीन को पहनने से, वे अपने पैरों को फिर से मजबूत बना सकते हैं और चलने की अपनी क्षमता को वापस पा सकते हैं.</p>
<p style="text-align: left;"><strong>जानें कैसे कम करेगी ये मशीन&nbsp;<br /></strong>इस परियोजना पर काम करने वाले विशेषज्ञों ने बताया कि वे इस मशीन को ऐसे डिजाइन कर रहे हैं जो मरीजों के पैरों की मदद कर सके और उन्हें फिर से चलना सिखा सके. यह मशीन खास तरीके से बनाई जा रही है ताकि यह हल्की हो और मरीज इसे आसानी से पहन सकें.&nbsp;इस पहल से न सिर्फ उन लोगों को फायदा होगा जो चलने में मुश्किल महसूस करते हैं, बल्कि यह हमारे देश में स्वास्थ्य सेवा की दिशा में एक नई क्रांति भी ला सकती है. इस तरह की तकनीकी प्रगति से न केवल मरीजों का जीवन आसान होगा, बल्कि यह उन्हें नई उम्मीद भी देगी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: left;"><strong>लोगों को मिली चलने की नई उम्मीद&nbsp;<br /></strong>इस खास परियोजना पर काम करने वाले AIIMS के एक डॉक्टर ने बताया कि वे पहले ही 100 से भी ज्यादा लोगों पर इस मशीन का टेस्ट कर चुके हैं. उन्होंने इंसान के शरीर की बनावट को अच्छे से समझा और फिर एक ऐसी मशीन बनाई, जो लोगों के पैरों को मदद करती है.अध्ययन के मुताबिक, भारत में लगभग 15 लाख लोग रीढ़ की हड्डी की चोट के साथ जीवन बिता रहे हैं. हर साल करीब 20,000 नए मामले इसमें जुड़ते हैं और इनमें से 60-70% अनपढ़, गरीब गांव के लोग होते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: left;"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</strong></p>
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