क्या आपको भी गर्भावस्था में अपने शरीर में बदलाव नज़र आ रहे हैं ? गर्भावस्था की स्थिति महिलाओं के लिए अधिक नाजुक होती हैं, जिसमें की उन्हें अपने अंदर अनेक प्रकार के बदलाव नज़र आते हैं। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परिवर्तन होना एक आम बात हैं और यह महिला के शारीर में गर्भ के विकास के साथ होता है। इन परिवर्तनों के साथ-साथ, महिला के मानसिक स्थिति और भावनात्मक अनुभव भी परिवर्तित हो सकते हैं। यह सभी परिवर्तन गर्भावस्था के प्रत्येक चरण में सामान्य होते हैं और मां और बच्चे की सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में शारीरिक परिवर्तन किस प्रकार होते हैं ?
गर्भावस्था स्त्री के जीवन का एक महत्वपूर्ण और अद्भुत समय होता है। इस दौरान, स्त्री के शरीर में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास और उसकी सुरक्षा के लिए आवश्यक होते हैं। गर्भावस्था के समय महिलाओं में कई प्रकार के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन होते हैं। यहाँ कुछ मुख्य परिवर्तनों की सूची है-
- गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है जिससे बच्चे का विकास हो सके।
- हार्मोनल परिवर्तन के कारण स्तनों का आकार बढ़ सकता है और स्तनों में दर्द या अस्वस्थता हो सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का वजन बढ़ सकता है जिसमें गर्भ का वजन और अतिरिक्त शरीर के विकास के कारण शामिल होता है।
- महिलाओं के भावनात्मक संतुलन में बदलाव हो सकता है और वे अधिक संवेदनशील और संवेदनशील हो सकती हैं।
- कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक आकर्षण महसूस कर सकती हैं।
- गर्भावस्था की स्थिति में गर्भ के विकास के साथ, पेट धीरे-धीरे बढ़ता है।
- त्वचा में खिंचाव के निशान (स्ट्रेच मार्क्स) हो सकते हैं।
- रक्त प्रवाह में बदलाव के कारण पैरों में सूजन हो सकती है।
- गर्भावस्था की स्थिति में महिलाओं को कब्ज, उलटी की समस्या भी अधिक बढ़ जाती हैं।
गर्भावस्था में महिलाओं को खुद का ख्याल कैसे रखना चाहिए ?
गर्भावस्था की स्थिति में महिलाओं को अपने ऊपर अधिक ध्यान चाहिए ताकि वह खुद भी स्वस्थ रहे और बच्चा भी स्वस्थ रहे। कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका ध्यान महिलाओं को गर्भावस्था में रखना चाहिए जैसे की-
- स्वस्थ भोजन व पौष्टिक आहार: गर्भावस्था में महिलाओं को अपने खाने-पिने का अधिक ख्याल रखना चाहिए। उन्हें पोषण से भरपूर आहार लेना चाहिए जैसे की- फल, सब्जियाँ, अनाज, प्रोटीन युक्त आहार।
- हाइड्रेट रहे: रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें ताकि आपका शरीर हाइड्रेट रहे और कमजोरी जैसा आपको अनुभव न हो। साथ ही हाइड्रेट रहने के लिए फलों के रस का भी सेवन करें।
- नियमित व्यायाम: स्वस्थ और नियमित व्यायाम करना गर्भावस्था के दौरान बेहद लाभकारी होता है। योगा और प्राणायाम भी उपयोगी हो सकते हैं तथा यह सब करने से मानसिक संतुलन भी अच्छा रहता हैं।
- अच्छी नींद: पर्याप्त और अच्छी नींद लेना जरूरी है। नींद की कमी के कारण स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता हैं, जिससे आप कमजोरी महसूस कर सकते हैं और यह बच्चे पर भी प्रभाव डाल सकता हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य: मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें चिंता, अवसाद, तनाव से दूर रहे, यह समस्याएं गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर पर गलत प्रभाव डाल सकती हैं।
- साफ़-सफाई का अधिक ध्यान रखें: गर्भावस्था एक नाजुक स्थिति होती हैं इसलिए इस स्थिति में संक्रमण होना का खतरा बना रहता हैं। इसलिए आपको ताजे और साफ कपड़े पहने चाहिए और संक्रमित लोगो से दूर रहे, नियमित रूप से हाथ धोते रहे।
- अपनी सुरक्षा करें: अपनी सुरक्षा पर अधिक ध्यान दें, जैसे की सीढिया उतरते वक़्त अपना ध्यान रखें, भारी वजन उठाने से बचें, गिरने से बचें तथा प्रेगनेंसी के कुछ समय बाद यात्रा करना भी बंद कर दें।
गर्भावस्था में महिलाओं को क्या अधिक खाना चाहिए ?
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो की गर्भावस्था की स्थिति में अधिक फायदेमंद रहते हैं और यह एक गर्भवती महिला को पता होना चाहिए की क्या खाना है और क्या नहीं खाना है। गर्भावस्था में महिलाओं को खाना चाहिए जैसे की-
- साबुत अनाज: साबुत अनाज का सेवन करें जैसे की ओट्स, भूरे चावल और क्विनोआ। इन सब में अछि मात्रा में कैलोरी होती हैं जो की माँ और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद रहता हैं।
- फल खाएं: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को फलों का सेवन अधिक मात्रा में खाना चाहिए। फलों में विटामिन, प्रोटीन और आयरन की मात्रा अधिक होती हैं जो कि इम्युनिटी को मजबूत रखती हैं और कमजोरी से भी दूर रखती हैं।
- अंडा: गर्भवती महिलाओं और गर्भ में बच्चे के लिए अंडा अधिक लाभदायक होता हैं। अंडे में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता हैं जो की गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद रहता हैं।
- डेरी प्रोडक्ट: डेरी प्रोडक्ट का सेवन अधिक करें जैसे की- दूध, छाछ, दही और घी। डेरी प्रोडक्ट्स में भरपूर मात्रा में कैल्शियम प्रोटीन होता हैं जो शिशु के विकास के लिए जरूरी होता हैं।
- हरी-पत्तेदार सब्जियाँ: गर्भवती महिलाओं को हरे-पत्तेदार सब्जियाँ अधिक खानी चाहिए जैसे की- पालक, पत्तागोभी और ब्रोकली आदि। जिससे की उन्हें आयरन मिले और शरीर में खून की कमी न रहे।
- मांस: गर्भवती महिलाओं के लिए मांस का सेवन लाभदायक साबित हो सकता है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को बिना वसा वाले मांस को ही अपने खान-पान में शामिल करना चाहिए।
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