अस्थमा एक ऐसी स्थिति हैं जिससे की मनुष्य को सांस लेने में तकलीफ होती है, अस्थमा की बीमारी लोगो में अधिक देखने को मिल रही हैं तथा यह बीमारी मनुष्य को किसी भी उम्र में हो सकती हैं। जब किसी भी व्यक्ति की सांस की नलियों में खराबी या उसके फेफड़ों की नलियां पतली हो जाती हैं और उसके कारण सांस लेने में तकलीफ होती है तो इस बीमारी को दमा या अस्थमा की बीमारी कहा जाता है तथा इस बीमारी में मरीज को दौरे भी पड़ते हैं।
- एलर्जिक अस्थमा
- नॉनएलर्जिक अस्थमा
- मिक्सड अस्थमा
- एक्सरसाइज इनड्यूस अस्थमा
- कफ वेरिएंट अस्थमा
- ऑक्यूपेशनल अस्थमा
- नॉक्टेर्नल यानी नाइटटाइम अस्थमा
- मिमिक अस्थमा
- चाइल्ड ऑनसेट अस्थमा
- एडल्ट ऑनसेट अस्थमा
अस्थमा के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?
अस्थमा के लक्षण सामान्य ही नज़र आते हैं जिससे की लोगो को इस बीमारी का पता नहीं चल पाता हैं, यदि किसी भी मनुष्य को इस प्रकार के लक्षण अधिक नज़र आते हैं तो डॉक्टर से जाँच अवश्य करवाए जैसे की –
- सांस लेने में कठिनाई
- सीने में जकड़न
- घबराहट या चिंता
- तेजी से साँस लेने
- संक्रमण का बार-बार संकुचन होना
- सांस या हवा के लिए हांफना
- भटकाव या भ्रम
- चक्कर आना
- पीले नाखून
- चलने में कठिनाई
- बात करने में कठिनाई
अस्थमा होने के कारण क्या-क्या हो सकते हैं ?
अस्थमा होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की –
- यदि किसी मनुष्य के परिवार में किसी को अस्थमा की समस्या होती हैं तो यह आगे भी फ़ैल सकती हैं।
- जिन लोगों को बचपन में रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस इंफेक्शन (RSV) जैसा गंभीर वायरल इंफेक्शन होता है उनमें अस्थमा के लक्षण विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
- ठंडी और शुष्क हवा के अत्यधिक संपर्क में आने से यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- सिगरेट और अन्य प्रकार के तम्बाकू धूम्रपान करने से स्थिति विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
- एलर्जी और जलन पैदा करने वाली चीजों के बार-बार संपर्क में आने से अस्थमा हो सकता है।
- यदि किसी व्यक्ति का वजन या मोटापा अधिक ज्यादा होता हैं तो उस स्थिति में मनुष्य को अस्थमा होने के खतरा अधिक रहता हैं।
- धुएं या अन्य प्रकार के प्रदूषण के संपर्क मेंआने से भी अस्थमा हो सकता हैं।
अस्थमा का इलाज कैसे होता हैं ?
यदि किसी मनुष्य को अस्थमा की बीमारी होती हैं तो उसे डॉक्टर के पास अवश्य जाना चाहिए तथा डॉक्टर सारी स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस बीमारी का इलाज करते हैं। डॉक्टर कुछ ऐसी दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं जिससे की मरीज सामान्य रूप से सांस ले सके। एलर्जी के कारण हुई अस्थमा की बीमारी को गंभीर माना जाता हैं इसलिए किसी व्यक्ति को एलर्जी के कारण अस्थमा हुआ हो तो उसे कुछ एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं जो की कोशिकाओं को लक्षित करती हैं और अगर किसी कारण सूजन पैदा हुई हैं तो उसे भी कम कर देती हैं।
मरीज को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना भी अधिक ज़रूरी होता हैं यदि किसी को अस्थमा की समस्या हो तो उसे रोजाना एक्सरसाइज से फेफड़ो को मजबूत बनाना चाहिए और पूर्णरूप से स्वस्थ रहना चाहिए।
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