मुझे ब्रेस्ट कैंसर है…मैं ठीक तो हो जाउंगी न? पढ़िए क्या है डॉक्टर का जवाब


‘Cancer is no answer’ क्या यह कहना आज के समय में सही है? शायद नहीं! कैंसर की बीमारी जानलेवा जरूर है लेकिन इससे भी कई लोग ठीक हो चुके हैं और होते हैं. वहीं हमारे समाज कि मानसिकता कुछ इस तरह की है कि बस एक बार किसी व्यक्ति को कैंसर हो गया. तो वह अब भगवान के भरोसे ही हैं. वहीं दूसरी तरफ हमारे पास लाखों ऐसे उदाहरण हैं जिसमें लोगों ने कैंसर से जंग जीती है और आज वह नॉर्मल लाइफ जी रहे हैं. आज हम इसी सवाल का जवाब जानने के लिए कोलकाता के मशहूर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रशांत पाडेय से खास बातचीत की. डॉक्टर प्रशांत पाडेय कैंसर पर काफी रिसर्च भी कर चुके हैं. ‘एबीपी हिंदी लाइव’ से खास बातचीत में डॉक्टर प्रशांत ने कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर को लेकर कई ऐसी बातें बताई जो शायद ही एक आम आदमी को पता होगी. हमने उनसे जानने की कोशिश कि किसी मरीज को जैसे ही पता चलता है कि उसे कैंसर है तो उनका पहला सवाल क्या होता है? इस पर डॉक्टर कहते हैं कि मरीज का सबसे पहला सवाल यह होता है कि ‘डॉक्टर मैं ठीक तो हो जाउंगी या ठीक तो हो जाउंगा.

डॉक्टर प्रशांत पांडेय आगे बताते हैं कि हमारे समाज और लोगों की मानसिकता कुछ इस तरह है कि जिसे कैंसर हुआ है. उसकी फैमिली वाले उससे ही बीमारी छिपाकर रखते हैं.  मरीज को डॉक्टर से बात नहीं करने देते बल्कि उनकी फैमिली मेंबर बात करते हैं. साथ ही वह यह भी कहते हैं कि यह बात आप मरीज को मत बताइएगा. इसके पीछे कारण यह है कि कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. और अगर मरीज को पता चल जाएगा तो वह कहीं परेशान न हो जाए.  ऐसे में फैमिली नहीं चाहती हैं कि मरीज को पता चले कि उसे कैंसर हुआ है. लेकिन हमारे सामने लाखों उदाहरण है जिसमें सही वक्त पर कैंसर का पता चलने और इलाज होने पर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी ठीक हुई है. इसे शिक्षा की कमी भी कह सकते हैं क्योंकि मरीज इस बीमारी को लेकर जितना ज्यादा जागरूक रहेगा वह अपनी बीमारी से उतना ही हिम्मत के साथ लड़ पाएगा.  इसलिए जरूरी है इस बीमारी को लेकर लोगों में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाना. 

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गूगल के आधार पर नहीं बल्कि डॉक्टर से जानिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

डॉक्टर प्रशांत बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र की महिला या लड़की को हो सकता है. लेकिन अगर आप सेल्फ एग्जामिन करते रहें तो इस बीमारी का पता समय रहते चल सकता. खासकर महिला पीरियड्स के बाद महीने में एक बार खुद से ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिन जरूर करें. आपको ब्रेस्ट में कहीं भी सख्त लंप्स दिखाई दे तो बिना समय गवाएं डॉक्टर से जरूर कॉन्टैक्ट करें. ब्रेस्ट कैंसर को लेकर अक्सर महिलाओं के मन में कई तरह के सवाल रहते हैं. भारत में लगभग 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. 

आजकल लोगों को कैंसर की बीमारी को लेकर ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जा रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप बीमारी से जरूरी डरिए लेकिन इलाज से नहीं.  

ब्रेस्ट कैंसर के टाइप्स

इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा

इसमें कैंसर कैंसर के सेल्स ब्रेस्ट के टिश्यूज के बाहर भी फैल सकती है.  और यह बॉडी के दूसरे पार्ट में भी फैल सकती है. 

इनवेसिव लोबुलर कार्सिनोमा

 कैंसर कोशिकाएं लोब्यूल्स से ब्रेस्ट के टिश्यूज तक फैलती हैं जो कि बगल में होती हैं. ये शरीर शरीर के दूसरे ऑर्गन में भी फैल सकती है. 

ब्रेस्ट कैंसर के कारण 

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं:

जेनेटिक- फैमिली हिस्ट्री

डॉक्टर प्रशांत पांडेय बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर में फैमिली हिस्ट्री एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो अगर आपकी फैमिली में किसी को है तो आपको होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. 

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पीरियड्स में बदलाव

महिलाओं को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि उनके पीरियड्स में अगर किसी भी तरह का बदलाव दिखाई दे रहा है तो उन्हें बिना समय गवाएं डॉक्टर से तुरंत कॉन्टैक्ट करना चाहिए. यदि किसी लड़की को पीरियड्स 12 साल की उम्र से पहले शुरू होता है या 53 या 55 के बाद उन्हें मेनोपॉज होता है तो ऐसी स्थिति में उन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. 

जिन महिलाओं की ब्रेस्ट की साइज ज्यादा है

जिन महिलाओं की ब्रेस्ट साइज ज्यादा है उन्हें भी थोड़ा संपर्क रहना चाहिए ऐसी महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. 

क्या शराब और सिगरेट पीने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है?

इस सवाल के जवाब में डॉक्टर बताते हैं कि जो महिलाएं या लड़कियां शराब, सिगरेट या ड्रग्स लेती हैं तो उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है. 

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

शुरुआत में ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. हालांकि सबसे आम संकेत है ब्रेस्ट में गांठ होना. इसके अलावा इन लक्षणों पर भी ध्यान दें.

ब्रेस्ट में गांठ महसूस होना. दबाने पर इस गांठ में दर्द नहीं होता है. 

ब्रेस्ट के साइज में परिवर्तन होना

ब्रेस्ट के निप्पल से लिक्विड निकलना

अंडरआर्म वाली जगह पर सूजन या गांठ होना

ब्रेस्ट निप्पल्स का लाल या ज्यादा काला होना

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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