व्रत के दौरान कॉन्सटिपेशन ने कर रखा है परेशान तो अपनाएं यह ट्रिक्स


15 अक्टूबर से नवरात्रि के नौ दिनों का व्रत शुरू हो गया है. मां दुर्गा के भक्त अपने उपवास के दौरान सात्विक भोजन का पालन करते हैं. जिसमें वह नमक, गेहूं, चावल और कई दूसरे खाने वाली चीजों से परहेज करते हैं. ज्यादातर लोग इस दौरान केवल फलाहारी आहार लेते हैं. नवरात्रि के दौरान उपवास करने से आपके शरीर और दिमाग को कई तरह के फायदे पहुंचते हैं. यह न केवल लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है बल्कि जमा वसा को भी कम करता है जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है. हालांकि, डीप फ्राइड फूड आइटम खाने से  डाइट में पर्याप्त फाइबर या प्रोबायोटिक्स शामिल नहीं करने से इसके उल्ट हो सकता है और एसिडिटी और कब्ज जैसी आंत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. खाली पेट खट्टे फल खाने से एसिडिटी हो सकती है जबकि पर्याप्त पानी या हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ न लेने से कब्ज हो सकता है.

एसिडिटी और कब्ज क्या है?

एसिडिटी या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) तब होता है जब पेट का एसिड बार-बार ग्रासनली में वापस आ जाता है. इससे आपके अन्नप्रणाली की परत में जलन हो सकती है. दूसरी ओर, कब्ज पानी के अपर्याप्त सेवन के कारण होता है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को एक सप्ताह में तीन से कम मल त्याग करना पड़ सकता है या मल बहुत कठोर, सूखा या गांठदार होता है. पर्याप्त पानी, फल, फाइबर, सब्जी, प्रोबायोटिक्स शामिल करने से इन गैस्ट्रोनॉमिकल समस्याओं से राहत मिल सकती है.

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उपवास के दौरान एसिडिटी और कब्ज को ठीक करने के टिप्स

नवरात्रि उपवास के दौरान, हमारी खान-पान की आदतें बदल सकती हैं और हममें से कुछ लोग ऑयली और फैट से भरपूर पदार्थों का सेवन कर सकते हैं जो हमारे पाचन तंत्र को खराब कर सकते हैं. इसके अलावा, हममें से कुछ लोग उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ अधिक खा रहे हैं और पर्याप्त पानी नहीं पी रहे हैं जिससे कब्ज हो सकता है.

खट्टे फलों से बचें
व्रत के दौरान खाली पेट संतरा, अंगूर और नींबू जैसे खट्टे फल खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है. इनके स्थान पर केला, चीकू और खरबूजा खाना चाहिए जो पेट के लिए आरामदायक होते हैं. नींबू, संतरा, कीनू और अंगूर जैसे खट्टे फल बहुत अम्लीय होते हैं. अपने भोजन के दौरान इनमें से कई खाने से आपको उपवास के दौरान एसिड रिफ्लक्स का अनुभव हो सकता है.

 हाइड्रेटेड रहें

व्रत के दौरान हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है. उपवास के दौरान ठंडे पानी के बजाय गर्म पानी मदद कर सकता है. साथ ही, यह सलाह दी जाती है कि एक बार में बहुत सारा पानी पेट में भरने के बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में या घूंट-घूंट करके पानी पिएं. एक बार में भारी मात्रा में पानी पीने से सूजन और एसिडिटी की समस्या बढ़ सकती है. नारियल पानी, जीरा पाउडर के साथ छाछ, जीरा पानी, नीबू का रस जैसे तरल पदार्थ शरीर में प्राकृतिक ठंडक बनाए रख सकते हैं.

छाछ और ठंडा दूध पिएं
उपवास के दौरान, छाछ और ठंडे दूध जैसे पेय पदार्थों को शामिल करें क्योंकि ये पेट को शांत और ठंडा रख सकते हैं. इसके अलावा नारियल पानी पीने से पीएच स्तर संतुलित रहता है और यह शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में प्रभावी होता है.

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केला और खरबूज खाएं
केला और खरबूजा जैसे फलों को प्राथमिकता दें. केले में उच्च स्तर का पोटेशियम होता है, जो एसिडिटी से लड़ने और रोकने के लिए जाना जाता है. इसमें फाइबर भी होता है, जो व्रत के दौरान शरीर के लिए अच्छा होता है. यह शरीर में पीएच स्तर को संतुलित रखने में भी मदद करता है. इसी तरह खरबूजा भी एसिडिटी से लड़ने में मदद करता है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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