बेहत खतरनाक है साइकोटिक ब्रेकडाउन, कई सेलिब्रिटीज भी हो चुके हैं शिकार, जानें लक्षण,बचाव और इला


Psychotic Breakdown : एक ऐसी स्थिति जब किसी व्यक्ति का वास्तविकता से पूरी तरह संपर्क टूट जाता है, साइकोटिक ब्रेकडाउन (Psychotic Breakdown) कहलाता है. यह एक तरह का नर्वस ब्रेकडाउन है. हाल ही में अमेरिकी सिंगर लेडी गागा ने एक डॉक्यूमेंट्री ‘द मी यू कांट सी’ में अपनी इस बीमारी के कुछ हिस्से को शेयर करते हुए बताया कि जब उनकी उम्र 19 साल थी, तब एक संगीत निर्माता ने दुष्कर्म किया और धमकी दी कि मुंह खोलने पर संगीत से हमेशा दूर कर देगा. इसके बाद लेडी गागा को कुछ भी याद नहीं.  क्योंकि वे साइकोटिक ब्रेक की चपेट में आ गई थीं. लेडी गागा बताती हैं कि ऐसा पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD ) की वजह से हुआ था. जिससे वह लंबे समय तक जूझती रहीं. आइए जानते हैं क्या है पीटीएसडी , इसके लक्षण और बचने के उपाय…

 

पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनके लक्षण ही नजर नहीं आते हैं. सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि पीड़ित को भी पता नहीं होता कि वह डिसऑर्डर की चपेट में है. ऐसे में इलाज काफी मुश्किल होता है. ऐसा मानसिक स्थिति में ही होता है. पीटीएसडी भी ऐसा ही एक डिसऑर्डर होता है. जिसे समझना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है. अमेरिकी पॉप स्टार केशा भी साइकोटिक ब्रेक से गुजर चुकी हैं. उन्होंने कबूल भी किया कि वह पागलों जैसा महसूस करती थीं. हर दिन अकेले में दो घंटे तक रोती रहती थीं, फिर सामान्य हो जाती थीं.

 

साइकोटिक ब्रेक में क्या होता है

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केशा बताती हैं कि वह खुद को जरूरत से ज्यादा इमोशनल पाती थीं. हर छोटी-छोटी बात पर रोना आ जाता था और जरूरत से ज्यादा थकान लगती थी. तब उनका दिमाग शून्य हो जाता था. ऐसे में सावधान होने की जरूरत है. क्योंकि इसका असर पर्सनल लाइफ पर भी पड़ता है. इस बीमारी में बिना कारण ही चिंता और तनाव होता है. साइकोटिक ब्रेक आसपास की चीजों पर ध्यान नहीं देने देता और भावनाओं पर नियंत्रण करना कठिन हो जाता है. इससे बाहर निकलने के लिए किसी चीज से ब्रेक लेना जरूरी हो जाता है. अगर ऐसा नहीं किया तो यह हानिकारक हो सकता है. इस कंडीशन में मानसिक इलाज की जरूरत होती है.

 

साइकोटिक ब्रेकडाउन का कारण

इस डिसऑर्डर के एक नहीं कई कारण हो सकते हैं. इनमें हेल्थ, आनुवांशिकी, शारीरिक बीमारी, नींद की कमी और शराब-सिगरेट, नशीली चीज या गलत दवाईयों का सेवन, ज्यादा उम्र में अल्जाइमर या मानसिक भ्रम जैसी स्थितियां शामिल हैं. 

 

साइकोटिक ब्रेकडाउन से बचाव

इस तरह के डिसऑर्डर से बचने के लिए अपनी बिजी लाइफस्टाइल में से कुछ पल अपने लिए निकालना चाहिए. ऐसा करने से शरीर को आराम मिलता है और वह बेहतर तरीके से काम कर सकता है. फोकस और एकाग्रता खोने पर ब्रेक लेना बेहद जरूरी है. आजकल सोशल मीडिया पर तनाव का कारण बन रहा है, इसकी वजह से मानसिक थकान और डिप्रेशन बढ़ रही है. ऐसे में काम से कुछ दिन की दूरी जरूरी हो जाती है. लाइफस्टाइल को बेहतर बनाकर इस डिसऑर्डर से बच सकते हैं.

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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